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सचिन ने 6 साल में मिला 90 लाख वेतन-भत्ता प्रधानमंत्री राहत कोष में दान दिया

सचिन तेंडुलकर ने राज्यसभा सांसद रहते हुए छह साल में मिला वेतन-भत्ता प्रधानमंत्री राहत कोष में दान कर दिया है। यह रकम करीब 90 लाख रुपए है। इस पहल के लिए प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी  ने उनका आभार जताया है। सचिन 26 अप्रैल को रिटायर होने वाले हैं। हाल ही में उन्हें संसद में औपचारिक विदाई दी गई थी। प्रधानमंत्री कार्यालय ने दी जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक पत्र जारी कर सचिन के सैलैरी दान किए जाने की जानकारी दी है। नरेंद्र मोदी ने सचिन का आभार जताते हुए कहा, "उनका ये योगदान संकट में लोगों को सहायता देने में मददगार साबित होगा।" सचिन पर आलोचकों द्वारा जो बाउंसर पर बाउंसर फेंके जा रहे थे, उन बाउंसरों पर सचिन ने इतना लम्बा छक्का लगाया, कि बॉल को ही गायब कर, सबको इस छक्के के माध्यम से सन्देश देने का प्रयास किया है, कि जिन निर्वाचित सदस्यों के पास पहले से ही अपार धन हो उन्हें किसी वेतन अथवा मुफ्त सरकारी भत्ते की कोई जरुरत नहीं। वास्तव में सचिन का यह अतिसाहसिक कदम है।    देश में 185 प्रोजेक्ट चला रहे हैं सचिन सचिन के ऑफिस ने जानकारी दी है कि उन्होंने 30 करोड़ रुपए क...

राज्यसभा चुनाव : भाजपा ने संख्या बढ़ाई, लेकिन बहुमत से चूकी

आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार  16 राज्यों में  राज्यसभा की 58 सीटों  पर 23 मार्च,शुक्रवार को वोट डाले गए। इन सीटों में से अधिकांश नेता निर्विरोध चुने गए, जबकि  उत्तर प्रदेश , झारखंड और तेलंगाना में वोट डाले गए। यूपी में तो क्रास वोटिंग के कारण मतदान के समय खूब हंगामा भी हुआ। यूपी और तेलंगाना में विरोध के चलते कुछ समय के लिए मतगणना रोकनी भी पड़ी।  इतनी भागदौड़ करने उपरान्त भी  भाजपा राज्य सभा में सबसे बड़ी पार्टी जरूर बन गयी है, लेकिन लोकसभा की तरह बहुमत नहीं प्राप्त कर पायी, बहुमत से अभी भी 20 सीटें कम हैं। जिस कारण लोकसभा की तरह हर बिल को पारित करवाने में कठिनाई होगी। क्योकि कोई सरकार अपने इच्छित बिल तभी पारित करवा सकती है, जब उसकी दोनों सदनों में तूती बोल रही हो। अन्यथा विपक्ष बिलों में अड़चनें डाल सत्तारूढ़ दल के मार्ग में काँटें बिछाती रहेगी।  33 सीटों पर निर्विरोध चुने गए अगर प्रदेश के मुताबिक सीटों की बात की जाए तो उत्तर प्रदेश में 10, बिहार और महाराष्ट्र में 6-6, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में 5-5, गुजरात और कर्नाटक की 4-4, आंध्र प्र...

राज्यसभा में लाचार है बीजेपी

आर.बी.एल.निगम,वरिष्ठ पत्रकार  1 6 प्रदेशों में राज्यसभा के लिए  हुए चुनावों में बीजेपी ने जबर्दस्त कामयाबी हासिल की, लेकिन इस सदन में अब भी वो बहुमत का आंकड़ा पूरा नहीं कर पाई। मतलब ये कि भले ही लोकसभा में बीजेपी के पास भारी बहुमत है, राज्यसभा में अब भी उसे कोई बिल पास करवाने के लिए दूसरी पार्टियों के भरोसे ही रहना पड़ेगा। मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव में जो वादे किए थे उनमें से कई इसी कारण अब तक पूरे नहीं हो सके हैं। राज्यसभा में कुल 245 सदस्य होते हैं। बहुमत के लिए 123 सदस्य होना जरूरी है। ताजा नतीजों के बाद अब बीजेपी के 86 सांसद हो गए हैं, जबकि एनडीए को मिला लें तो 104 सांसद हुए। यानी अब भी बहुमत से करीब 20 पीछे। दूसरी तरफ कांग्रेस के सांसदों की संख्या 38 हो गई है, जबकि उसके सहयोगियों को मिलाकर 56 हुए। बाकी अन्य पार्टियों के सांसद हैं। 2019 से पहले बहुमत के चांस नहीं यह साफ है कि मौजूदा लोकसभा के कार्यकाल में बीजेपी को राज्यसभा में बहुमत नहीं मिलेगा। इसके लिए उसे एक बार फिर 2019 के लोकसभा चुनावों में अच्छे बहुमत से जीतना जरूरी होगा। साथ ही इस साल और अगले साल में होने व...

राज्‍यसभा में कौन लेगा रेखा की जगह?

आर.बी.एल.निगम, फिल्म समीक्षक  एक समय था, जब राज्य सभा में केवल प्रतिष्ठित, प्रतिभाशाली एवं कमर्ठ सामाजिक कार्यकर्ताओं को मनोनीत किया जाता था। फिल्म जगत से राज्य सभा में स्थान पाने वाले अभिनेता पृथ्वीराज कपूर थे। परन्तु 80 के दशक से राजनीति के गिरते स्तर ने राज्य सभा की मर्यादा भी धूमिल कर दी है। आज केवल उन्ही को लोकसभा अथवा राज्यसभा में भेजने के प्रयास होते हैं, जो सत्ता के गलियारों की शोभा बढ़ाते हैं। जिसका प्रमाण आज यानि मार्च 23 को हुए राज्यसभा चुनाव हैं। यदि  प्रतिष्ठित, प्रतिभाशाली  एवं कमर्ठ सामाजिक कार्यकर्ताओं को मनोनीत किया होता, किसी जोड़-तोड़ की जरुरत नहीं थी।  क्योकि राजनीति आज समाजसेवा नहीं, बल्कि एक व्यापार में परिवर्तित हो चुकी है। एक से बढ़कर एक करोड़पति लोकसभा एवं राज्यसभा में विराजमान है, जो एक चिन्ता का विषय है।  राज्यसभा में नामित अभिनेत्री रेखा, क्रिकेट सचिन तेंदुलकर और सोशल ऐक्टिविस्ट अनु आगा का कार्यकाल इस महीने(मार्च) के आखिर में खत्म होने जा रहा है। फिल्म, खेल और सामाजिक क्षेत्र में ये तीनों बड़े चेहरे हैं। इसी वजह से इन्हें राज्यसभा...

राज्‍यसभा चुनाव: भाजपा को मिली बड़ी राहत

आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार   उत्तर प्रदेश में होने वाले राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अपने तेवर नरम कर लेने से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राहत की सांस ली है। प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के लिए केवल दो दिन बचे है। भाजपा के पास हालांकि इतने वोट है कि वह आराम से अपने आठ प्रत्याशियों को राज्यसभा में भेज सकती है लेकिन पार्टी के नौवें प्रत्याशी की जीत के लिये अपने सहयोगी दल सुभासपा के चार वोट बहुत महत्वपूर्ण है। 403 सदस्यों वाली उत्तर प्रदेश विधानसभा में भाजपा और उसके सहयोगियों के पास 324 सीटें हैं। अभी हाल ही में नूरपुर सीट से भाजपा विधायक की सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी थी। समाजवादी पार्टी के 47 विधायक, बसपा के 19 विधायक, कांग्रेस के सात और रालोद का एक विधायक है। राज्यसभा में एक प्रत्याशी को जीतने के लिये 37 प्रथम वरीयता के वोटों की जरूरत होती है। अगर गणित के हिसाब से देखे तो 10 में से आठ सीटे भाजपा आसानी से जीत सकती है। आठ प्रत्याशियों को राज्यसभा में भेजने के बाद 28 अतिरिक्त वोट भाजपा के पास है जिसमें सुभासपा के चार वोट भी शामिल ...

क्या चौकाने वाले होंगे राज्य सभा चुनाव परिणाम ?

चार राज्यों कर्नाटक, तेलंगाना, झारखंड और छत्तीसगढ़ की 10 राज्‍यसभा सीटों के लिये 23 मार्च को होने वाला चुनाव भी कम दिलचस्प नही होगा. चौंकाने वाले परिणाम आ सकते हैं इन राज्यों से भी. इसके अलावा केरल की एक सीट पर उप चुनाव होगा जहां जदयू(शरद यादव गुट) के एम वीरेंद्र कुमार वाम दल समर्थित प्रत्याशी हैं. उनका मुकाबला कांग्रेस के बाबू प्रसाद से होगा. गौरतलब है कि नीतीश कुमार द्वारा बीजेपी से हाथ मिलाने के बाद वीरेंद्र कुमार ने राज्‍यसभा से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि इनकी जीत के प्रति अभी तक कोई दो राय नहीं है. कर्नाटक सीट 4 उम्मीदवार 5  कर्नाटक में चार सीटें हैं जबकि पांच प्रत्याशी मैदान में हैं. सत्तारूढ़ कांग्रेस ने तीन और बीजेपी व जेडीएस ने एक-एक प्रत्याशी खड़ा किया है. कांग्रेस के एल हनुमनथैया, जीसी चंद्रशेखर और सैयद नासिर हुसैन, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राजीव चंद्रशेखर और जनता दल-सेक्युलर (जेडीएस) के उम्मीदवार बीएम फारूक. 51 वर्षीय फारूक सबसे अमीर प्रत्याशी हैं, इन्होंने अपने हलफनामे में 770 करोड़ रुपये की संपत्ति घोष...

राज्यसभा चुनाव: हारी हुई बाजी क्यों लड़ रहे हैं रॉबिन देब व सीपीएम

सीपीएम नेता रॉबिन देब पश्चिम बंगाल से राज्यसभा चुनाव में वामफ्रंट के उम्मीदवार हैं. 294 सदस्यीय विधानसभा में वामफ्रंट के फिलहाल 30 विधायक हैं. वैसे जीतकर 32 आये थे. राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए 49 विधायकों का वोट मिलना जरूरी है. दूसरी तरफ सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस की महेशतला से विधायक कस्तूरी दास के निधन के बाद तृणमूल कांग्रेस विधायकों की संख्या 213 है. ऐसे में तृणमूल कांग्रेस के चार उम्मीदवारों को वोट देने के बाद भी तृणमूल कांग्रेस के पास 17 वोट अतिरिक्त है. तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी पहले ही घोषणा कर चुकी हैं कि पांचवें व अंतिम सीट के लिए अतिरिक्त 17 वोट कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को दिया जाएगा. कांग्रेस विधायकों की संख्या वैसे तो 44 थी लेकिन अभी भी आधिकारिक तौर पर 42 है. इसमें भी कुछ विधायक तृणमूल कांग्रेस से संपर्क में हैं. ऐसे में कांग्रेस उम्मीदवार का जीतना भी तय है. अब सवाल है कि फिर हारी हुई बाजी क्यों लड़ रहे हैं रॉबिन देब व सीपीएम. रॉबिन देब ही क्यों और कोई क्यों नही  राजनीतिक विश्लेषकों के जेहन में कई सवाल हैं. पहला, सीपीएम के तपन कु...

इन 11 का राज्‍यसभा जाना लगभग तय: पहुंचा सकते हैं राहुल गांधी को नुकसान

देश भर की कुल 58 राज्यसभा सीटों के लिए 23 मार्च को होने वाले चुनाव के लिए नामांकन की आखिरी तारीख खत्म हो चुकी है। इसके साथ ही दो-तीन को छोड़ दें तो अधिकांश उम्मीदवारों का संसद पहुंचना तय है। इनमें से कई ऐसे चेहरों को बीजेपी ने तरजीह दी है जिनके नाम तो छोटे हैं मगर 2019 की लड़ाई में राहुल गांधी को बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं। कांग्रेस ने भी इसी रणनीति पर कर्नाटक से राज्यसभा उम्मीदवार उतारे हैं। यूपी की 10 सीटों पर बीजेपी ने आठ उम्मीदवार उतारे हैं। नौंवें प्रत्याशी के रुप में निर्दलीय अनिल अग्रवाल को समर्थन दिया है। बीजेपी से टिकट पाने वालों में अशोक वाजपेयी का नाम शामिल है। ये सपा के संस्थापकों में शामिल रहे हैं और सात बार विधायक रहे हैं। हरदोई के रहने वाले हैं। पिछले साल सपा छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे। हरनाथ सिंह यादव मुलायम सिंह के गढ़ मैनपुरी के रहने वाले हैं और उनके करीबी समझे जाते रहे हैं। कल्याण सिंह से भी नजदीकी रिश्ते रहे हैं। यूपी में सपा के विधान पार्षद थे। 2014 में पार्षदी जाने के बाद इन्होंने बीजेपी ज्वाइन कर लिया था। जीवीएल नरसिम्हा राव बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता...

यूपी में राज्यसभा के नौ वोटों का तिलिस्म, योगी और शाह ने बनाया चक्रव्यूह

लाख भाजपा द्वारा समाजवादी पार्टी के विवादित बोलों के लिए चर्चित नरेश अग्रवाल को पार्टी में लिए जाने पर आलोचना हो रही हो, लेकिन जब सियासती शतरंज बिछ चुकी हो, वज़ीर को मात देने की बात हो, तो त्रिमूर्ति "मोदी-योगी-अमित" कहाँ पीछे रहने वाली। साम, दाम, दण्ड, भेद अपना कर प्यादों को मात देने में तल्लीन है ये त्रिमूर्ति। राज्य सभा चुनाव के लिए ऐसी बिसात बिछा दी हैं, जहाँ प्यादे अपने आपको बचाने में लग गए। नरेश अग्रवाल का ईंट, चिड़ी, पान और हुकम के इक्के की तरह इस्तेमाल हो रहा है। और नरेश अग्रवाल की साँप छछूंदर वाली स्थिति हो गयी है।       यूपी में राज्यसभा की दस सीटों के लिए हो रहे चुनाव में बीजेपी की आठ और सपा की एक सीट पक्की है, लेकिन दसवीं सीट के लिए बीजेपी की दावेदारी ने पहले के समीकरण ध्वस्त कर दिए हैं. वैसे तो बीजेपी के 11 उम्मीदवार मैदान में हैं,  लेकिन प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय का कहना है कि चुनाव में नौ ही रहेंगे. दो का नाम वापस हो जाएगा. बीजेपी के पास अतिरिक्त 28  विधायकों के मत बच रहे हैं और उसे जीत के लिए नौ और...

राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा और कांग्रेस ने तय किए प्रत्याशी

राज्यसभा चुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने प्रत्याशियों के नामों की आधिकारिक घोषणा कर दी है. भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपने-अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है. कांग्रेस ने 10 उम्मीदवारों की सूची जारी की है जबकि भारतीय जनता पार्टी ने आज 18 उम्मीदवारों की सूची जारी की है. बिहार से जनता दल यूनाइटेड ने भी दो उम्मीदवारों की सूची जारी की है. भाजपा को यूपी से बड़ा फायदा भारतीय जनता पार्टी ने 23 मार्च को होने वाले राज्यसभा चुनाव को लेकर अपने 18 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी. छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, राजस्थान, महाराष्ट्र, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और झारखंड से कुल 18 उम्मीदवारों के नामों की आधिकारिक घोषणा कर दी गई. भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति के सचिव और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने बताया कि छत्तीसगढ़ से सरोज पांडे, उत्तराखंड से अनिल बलूनी, राजस्थान से किरोड़ी लाल मीणा और मदन लाल सैनी, महाराष्ट्र से नारायण राणे और वी मुरलीधरन, हरियाणा से लेफ्टिनेंट जनरल डी पी वत्स,  मध्य प्रदेश से अजय प्रताप सिंह और क...

दिवंगत आप सदस्य की मां ने अरविंद केजरीवाल के घर बोला धावा

आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता संतोष कोहली की माँ  मुख्यमंत्री आवास के बाद विरोध करती हुईं। आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार  आम आदमी पार्टी (AAP) राज्य सभा के लिए अपने तीन उम्मीदवारों संजय सिंह, एनडी गुप्ता और सुशील गुप्ता के नाम की घोषणा करने के बाद से ही लगातार सवालों के घेरे में बनी हुई है। अब पार्टी की दिवंगत कार्यकर्ता संतोष कोहली की मां ने राज्य सभा उम्मीदवारों का विरोध किया है। शुक्रवार (5 जनवरी, 2017) को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दिल्ली आवास के बाहर भी इस बाबत जमकर हंगामा हुआ। संतोष कोहली की मां और उनके समर्थकों ने उन्हें राज्य सभा का टिकट दिए जाने की मांग की। उन्होंने विरोध-प्रदर्शन के दौरान आप के अन्य विधायकों से समर्थन देने की भी अपील की। हालांकि उन्हें बाद में केजरीवाल से बिना मिले ही हिरासत में ले लिया गया। संतोष कोहली की मां को राज्य सभा उम्मीदवार बनाए जाना का समर्थन अब पार्टी से बर्खास्त हो चुके पूर्व कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा ने किया है। मिश्रा का दावा है कि उन्हें शालीमार बाग से विधायक बंदना कुमारी का समर्थन हासिल है। बता दें कि बंदना कुमारी वह...

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To write on general topics and specially on films;THE BLOGS ARE DEDICATED TO MY PARENTS:SHRI M.B.L.NIGAM(January 7,1917-March 17,2005) and SMT.SHANNO DEVI NIGAM(November 23,1922-January24,1983)