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‘मुस्लिम नाम क्यों… #त पीने वाले नाम रख’: सारा अली खान नए साल पर गईं भगवान शंकर के मंदिर, कट्टरपंथी-वामपंथी देने लगे गाली; कहां हैं अभिव्यक्ति की आज़ादी, गंगा-जमुना तहजीब और धर्म-निरपेक्षता आदि भ्रमित नारों से गुमराह करने वाले?

                                     सारा अली खान (फोटो साभार: इंस्टाग्राम/SaraAliKhan) बॉलीवुड एक्ट्रेस सारा अली खान एक बार फिर से सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का शिकार हुई हैं। नए साल के पहले सोमवार (6 जनवरी 2025) को सारा ने श्री मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर के दर्शन किए और अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट कीं। उन्होंने कैप्शन में लिखा, “सारा के साल का पहला सोमवार। जय भोलेनाथ।” जहाँ उनके इस पोस्ट को कई लोगों ने सराहा और उनकी आध्यात्मिकता की तारीफ की, वहीं कुछ इस्लामी कट्टरपंथियों ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया। सारा पर अपने मजहब का पालन न करने और मंदिर जाने पर निशाना साधा गया और जमकर भला-बुरा कहा गया। इस दौरान कट्टरपंथियों की ओर से हिंदुओं के खिलाफ जमकर घृणा भी दिखाई गई।    सारा के मन्दिर दर्शन करने से कट्टरपंथियों में बौखलाहट क्यों? कहां हैं अभिव्यक्ति की आज़ादी, गंगा-जमुना तहजीब और धर्म-निरपेक्षता आदि भ्रमित नारों से गुमराह करने वाले? क्या ये सब सिर्फ हिन्दुओं के लिए हैं, अन्य मजहब व...

कर्नाटक :मुस्लिम कट्टरपंथियों के आगे घुटने टेक कांग्रेस सरकार ने ‘हमारे बारह’ को किया बैन

हमारे बारह' फिल्म का पोस्टर कर्नाटक की कांग्रेस सरकार द्वारा फिल्म 'हमारे बारह' को बैन करने ने 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने 'किस्सा कुर्सी का' को सेंसर से पास नहीं होने दिया, चर्चित फिल्म 'आंधी' को बैन, फिल्म 'रोटी कपडा और मकान' का चर्चित गीत 'हाय महंगाई तुझे क्यों मौत न आई...' और मशहूर  गायक किशोर कुमार द्वारा किसी कार्यक्रम में गीत  गाने  से मना करने पर फिल्मों और रेडियो पर किशोर कुमार के गानों को बैन कर दिया था और आज उसी कांग्रेस की कर्नाटक सरकार ने मुस्लिम कट्टरपंथियों के आगे घुटने टेक कर  ‘हमारे बारह’ पर बैन लगा दिया है।  मुस्लिम महिलाओं की स्थिति दिखाने वाली ‘हमारे बारह’ फिल्म को कर्नाटक सरकार ने बैन करने का फैसला किया है। कहा जा रहा है कि तमाम मुस्लिम संगठनों से शिकायत पाने के बाद कर्नाटक की  कांग्रेस  सरकार ने यह निर्णय लिया। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार,  “कर्नाटक सिनेमा (विनियमन) अधिनियम, 1964 की धाराओं के तहत कर्नाटक सरकार ने फिल्म ‘हमारे बारह’ के प्रसारण या रिलीज पर दो सप्ताह या अगले आदेश तक रोक लगा दी है।” Und...

‘रजाकार’ के टीजर में निजाम की बर्बरता: दिखाया कैसे पेड़ पर लटकाई हिन्दुओं की लाशें ; जनेऊ काटा, बच्चियों का रेप, पूजा के बर्तन में थूका…

                                  'रज़ाकार' फिल्म में दिखाया गया किस तरह हुआ हिन्दुओं का नरसंहार तेलुगू फिल्म ‘रज़ाकार’ का टीजर रिलीज हो गया है। ये फिल्म भारत के इतिहास की सच्ची घटनाओं पर आधारित है। इसमें बताया गया है कि कैसे 15 अगस्त, 1947 को जब भारत को स्वतंत्रता मिली तब हैदराबाद आज़ाद नहीं हो पाया था। वहाँ निज़ाम का शासन था, इस्लामी शासन। बता दें कि आतंकी संगठन रज़ाकार की स्थापना कासिम रिजवी ने की थी। उसने मजलिस-ए-इत्तहादुल मुसलमीन (MIM) नामक पार्टी बनाई थी। वो एक फौजी की वेशभूषा में रहता था और हिन्दुओं पर अत्याचार करता था। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे निज़ाम के शासन को बनाए रखने के लिए कासिम रिजवी ने हर घर पर इस्लामी झंडा लगाने का आदेश दिया। उसे ब्राह्मणों का यज्ञोपवीत काट डालते हुए भी दिखाया गया है। साथ ही वो निज़ाम से कहता है कि हैदराबाद इस्लामी राज्य है। उसे कहते हुए दिखाया गया है कि भारत पहले से ही कई समस्याओं से जूझ रहा है, ऐसे में हैदराबाद इस्लामी राज्य बना रहेगा। वो कहता है, “चारों तरफ मस्जिदें ब...

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To write on general topics and specially on films;THE BLOGS ARE DEDICATED TO MY PARENTS:SHRI M.B.L.NIGAM(January 7,1917-March 17,2005) and SMT.SHANNO DEVI NIGAM(November 23,1922-January24,1983)