विवादित पत्रकार पुण्य प्रसून वाजपेयी एक नए पचड़े में फंस गए हैं। दरअसल पिछले दिनों दिल्ली में हुए एक कार्यक्रम में पुण्य प्रसून ने कहा था कि मोदी सरकार आने के बाद से चैनलों में सीधे पीएमओ से फोन पर निर्देश आते हैं। उनका कहना था कि “आज देश में पत्रकारिता के हालात बदल गए हैं। संपादक को पता नहीं होता कि कब फोन आ जाए। कभी पीएमओ तो कभी किसी मंत्रालय से सीधे फोन आता है। इन फोन कॉल्स में खबरों को लेकर आदेश होते हैं।” इस आरोप का मतलब हुआ कि सरकार मीडिया की आजादी में दखलंदाजी दे रही है। लेकिन पुण्य प्रसून वाजपेयी के इस बयान के कुछ घंटों के अंदर ही उनके ही एक पूर्व साथी पत्रकार ने उनके दावों पर सवाल खड़े कर दिए। ‘आज तक’ चैनल में वरिष्ठ पदों पर रहे पत्रकार शाक़िब ख़ान ने पुण्य प्रसून के दावों की पोल खोल दी और कहा कि वो मौकापरस्ती में झूठ बोल रहे हैं। यह मामला उन दिनों का है जब पुण्य प्रसून एबीपी न्यूज जाने की तैयारी में थे। ताजा जानकारी के मुताबिक उनकी एबीपी न्यूज से भी छुट्टी हो चुकी है। वहां पर उन्हें फेक न्यूज़ के कई मामलों में रंगे हाथ पकड़ा गया था। क्रांति के पीछे की ये...