ऐसा कहा जाता है कि हमारा शरीर छोड़ने के बाद हमारी आत्मा के साथ बहुत दुर्गति होती है कर्मों के हिसाब से। और जब तक हमारे अच्छे बुरे कर्मों का हिसाब नहीं हो जाता, तब-तक हमें आजादी नहीं मिलती। गरुड़ पुराण में तो यमराज, नर्क लोक की रूप रेखा, नर्क में मिलने वाली सजा और पुनर्जन्म के बारे में भी बताया गया है। लगभग साढ़े चार दशक पूर्व दिल्ली में पुराना किला स्थित भैरव बाबा मंदिर के बाहर किले की दीवारों पर प्राणियों के अच्छे एवं बुरे व्यवहार का चित्रों के माध्यम से चित्रित किया गया था। लेकिन पश्चिमी सभ्यता एवं हिन्दू विरोधी गतिविधियों के गतिमान होते किले की दीवारों से मनुष्य को शिक्षा प्रदान करते चित्रों को हटा दिया गया। यह चित्र मन्दिर जाने वाले प्रत्येक भक्त को सत्यमार्ग पर चलने के लिए प्रेरित कर रहे थे, लेकिन उन शिक्षाप्रद वैसे तो मरने के बाद तो हर व्यक्ति की आत्मा यमलोक में पहुंचती है लेकिन यदि आपकी दिलचस्पी हो तो जिंदा रहते ही आप उस रास्ते को देख सकते हैं वहां घूम सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपको अपना जिगर मजबूत करना पड़ेगा। तभी आप उस नर्क के द्वार को देख सकते है...