आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार नीरव को लोन दिया 2008 में घोटाला हुआ, 2011 में रघूराम राजन RBI प्रमुख थे, वित्त मंत्री चिदंबरम और प्रणब मुखर्जी थे, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह। और बैंक की Audit हर साल होनी चाहिए थी.!! अब सोचों : 2008 - कोई समस्या नही 2009 - कोई समस्या नही 2010 - कोई NPA की चेतावनी नही 2011 - घोटाला - कोई चेतावनी नही 2012 - कोई ख़बर नही बनी 2013 - कोई ख़बर नही बनी 2014 - कोई ख़बर नही बनी - RBI गवर्नर बदल दिए गए 2016 - नोटबंदी 2017 - RBI और बाक़ी बैंक स्पष्ट तस्वीर देने को मजबूर अब सब कुछ सामने आ गया। अपराधी कौन..? एक लाख 76 हजार करोड़ रुपए का यह टू जी स्पैक्ट्रम घोटाला हुआ तो कांग्रेस की सरकार में और इसके अपराधी बरी किए गए हैं भाजपा सरकार के शासन में। यही वह घोटाला था, जिस पर सवार होकर भाजपा सरकार सत्ता में आई थी और नरेंद्र मोदी पूरे देश में छाती ठोककर दहाड़ते फिरे कि मेरे कार्यकाल में कोई घोटाला हुआ तो बताओ। लेकिन यह क्या छोटी बात है कि आप जिसे एक लाख 76 ह...