आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार दिल्ली महिला आयोग की चेयरपर्सन और आम आदमी पार्टी की नेता स्वाति मालीवाल इन दिनों आमरण अनशन पर हैं। उनका दावा है कि ये अनशन रेप और छेड़खानी के बढ़ते मामलों के विरोध में है। स्वाति मालीवाल ने केंद्र सरकार से मांग की है कि आरोपियों को छह महीने के अंदर फांसी दे दी जानी चाहिए। ये वो मुद्दे हैं जिनसे देश का हर सामान्य इंसान सहमत होगा। हर कोई चाहता है कि बलात्कार जैसे घिनौने आरोपों में फांसी की सज़ा का प्रावधान होना चाहिए। जबकि स्वाति मालीवाल पर छेड़खानी, यौन शोषण और बलात्कार के मामलों में फंसे अपनी पार्टी के लोगों से नरमी बरतने के आरोप लगते रहे हैं। हमारा मानना है कि अगर स्वाति मालीवाल अभी अनशन कर रही हैं तो ये महिलाओं के लिए न्याय की लड़ाई से ज्यादा अपने पापों का प्रायश्चित है। एक नजर उन 5 मामलों पर जिनमें स्वाति मालीवाल की भूमिका संदिग्ध रही। 1. सोनी खुदकुशी कांड 2016 में सोनी मिश्रा नाम की आम आदमी पार्टी वॉलेंटियर ने खुदकुशी कर ली थी। 25 साल की इस लड़की के साथ पार्टी के ही नेता रमेश भारद्वाज ने यौन शोषण किया था। इस मामले में आम आद...