कांग्रेस भले ही कर्नाटक में अपनी एवं जद(एस) की सरकार न बन पाने का ठीकरा राज्यपाल पर फोड़ रही हो, लेकिन जानकारों का मानना है कि निवर्तमान मुख्यमंत्री एस.सिद्दरामैया को भी जद(एस) नेता कुमारस्वामी का मुख्यमंत्री बनना रास नहीं आ रहा था। एस. सिद्दरामैया को जनतादल(एस) के प्रदेश अध्यक्ष एच.डी.कुमारस्वामी फूटी आंखों नहीं सुहाते। सिद्दरामैया ने पिछले चुनाव में सारी मेहनत एवं रणनीति दुबारा खुद मुख्यमंत्री बनने के लिए की थी। टिकटों का बंटवारा भी सिद्दरामैया द्वारा ही किया गया था। लेकिन 12 मई को मतदान होने एवं कई चैनलों के एक्जिट पोल में कांग्रेस की हालत पतली बताए जाने के बाद दबाव में सिद्दरामैया को किसी दलित मुख्यमंत्री के लिए पद छोड़ने का बयान देना पड़ा था। सिद्दरामैया को यह आभास हो गया था कि कर्नाटक में उनकी पूर्ण बहुमत की सरकार नहीं बनेगी और उन्हें जनतादल(एस) के साथ गठबंधन करना पड़ेगा। देवेगौड़ा परिवार के साथ सिद्दरामैया की अनबन इतनी परवान चढ़ चुकी है कि वह जद(एस) के साथ साझे की सरकार बनाने का समझौता तो करना चाहते थे, लेकिन किसी कीमत पर कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनते द...