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उत्तर प्रदेश उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या का कहर

केन्द्र से लेकर उत्तर प्रदेश तक भारतीय जनता पार्टी सरकार बनने पर जनता को जातिवाद, वंशवाद और परिवारवाद से मुक्ति मिलेगी, लेकिन जनता की समस्त आशाएँ धूमिल होती जा रही हैं। जिस जातिवाद, वंशवाद और परिवारवाद के विरुद्ध जनता ने उत्तर प्रदेश में भाजपा को तन, मन एवं धन से अपना समर्थन देकर भाजपा को ऐतिहासिक विजय दिलवाई, लेकिन प्रदेश की जनता अभी तक इस अभिशाप से मुक्त नहीं हो पायी। अगर कोई मुस्लिम युवा किसी हिन्दू लड़की को लेकर भागता है, भाजपा समेत समस्त हिन्दू स्वयं सेवी संस्थाएँ "Love jehad" का नाम देकर सडकों पर उतर आते हैं, लेकिन  जब भाजपा सरकार के एक उपमुख्यमंत्री  के परिजन किसी ब्राह्मण लड़की को लेकर भागता है, कोई नहीं बोलता। विपरीत इसके शिकायत मिलने पर पुलिस द्वारा कार्यवाही करने पर पुलिस अधिकारी को निलंबित कर दिया जाता है। भाजपा सरकार और प्रदेश में रही पिछली सरकारों में क्या अन्तर रह गया? क्या सवर्ण जातियों को अभी भी तिरस्कार होता रहेगा? देखिए राष्ट्रव्यापी जनता पार्टी के सचिव एवं कायस्थवाणी पोर्टल न्यूज़ के सम्पादक श्री अरविन्द श्रीवास्तव की फेसबुक से उद्धृत निम्न लेख और...

‘दशक्रिया’ की रिलीज रोकने में जुटे दक्षिणपंथी संगठन

मराठी फिल्म दशक्रिया के प्रोमो का स्क्रीनशॉट। (फोटोः यूट्यूबो) एक फिल्म का विवाद समाप्त होने नहीं पता कि दूसरा विवाद खड़ा हो जाता है। लगता है देश के छद्दम धर्म-निर्पेक्षों ने फिल्मकारों से साठगांठ कर भारतीय इतिहास और संस्कृति को कलंकित करने का बीड़ा उठा लिया है। काश यही काम, भारत की बजाए किसी विदेश में हो रहा होता, निश्चित रूप से दण्डित जरूर होते। यही भारतीय संस्कृति है कि इतना अपमान सहने उपरान्त भी महँगी टिकट खरीद फिल्म देखने पहुँच जाते हैं।  बीते वर्षों में राजनीतिक फिल्मों पर प्रतिबन्ध लगते थे और आज भारतीय इतिहास और संस्कृति को अपमानित करने वाली फिल्मों पर प्रतिबन्ध लगाने की माँग पर छद्दम धर्म-निरपेक्ष निकल आते है।महाराष्ट्र के पुणे में दक्षिणपंथी संगठन एक मराठी फिल्म पर बैन लगाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि फिल्म में ब्राह्मणों को लालची दिखाया गया है। दावा किया जा रहा है कि फिल्म में ब्राह्मण और हिंदू सभी जातियों के बीच नफरत फैलाते हैं। यही नहीं, उन्होंने बिना मंजूरी के उसे रिलीज करने को लेकर फिल्म के डायरेक्टर को चेतावनी जारी की है। मराठी फिल्म ‘दश...

कौन कहता है मीरा कुमार दलित है

भारत से छद्दमवाद की कब अर्थी निकलेगी? ये छद्दम नेता कब तक देश को गुमराह करते रहेंगे? क्या इन छद्दम धर्म-निरपेक्ष नेताओं का अन्तरात्मा मर चुकी है? वास्तव में यदि इन छद्दम नेताओं की अन्तरात्मा मर चुकी है, तो भारतीयों को ऐसे नेताओं के सामाजिक बहिष्कार करने में लेशमात्र भी  संकोच नहीं करना चाहिए। ऐसे नेता क्या देश की सेवा करेंगे जो  धर्म को बदनाम कर रहे?  आज  जिस जगजीवन राम की पुत्री मीरा कुमार को दलित बनाकर कांग्रेस घूम रही है, 1977 में जब जगजीवन राम को प्रधानमन्त्री बनाये जाने की चर्चा चल रही थी, तब क्यों इंदिरा गाँधी सहित समस्त कांग्रेस विरोध कर रही थी। आखिर कांग्रेस कब तक जनता को गुमराह करती रहेगी? खुद देखिये, सोनिया गाँधी का पूर्व में नाम एंटोनियो मियानो था लेकिन वह राजीव गाँधी से शादी करके सोनिया गाँधी बन गयी इसलिए मीरा कुमार भी शास्त्री से शादी करके मीरा कुमार शास्त्री होना चाहियें लेकिन सोनिया गाँधी खुद तो गाँधी बन गयीं लेकिन उन्हें शास्त्री नहीं बनने दे रही हैं. मतलब यहाँ भी एक दलित को सिर्फ दलित रहने दिया जा रहा है तो कांग्रेस किस हिसाब से ...

ब्राह्मण होने की बावजूद क्यों दफनाई गईं जयललिता?

  तमिलनाडु  की मुख्यमंत्री जे.  जयललिता  को पूरे राजकीय सम्मान के साथ मंगलवार को मरीना बीच के पास एमजीआर मेमोरियल में दफनाया दिया गया। जयललिता ब्राह्मण थीं ऐसे में दाह संस्कार की जगह उन्हें दफनाए जाने को लेकर लोगों में जानने की उत्सुकता है। जयललिता आस्था रखने वाली महिला थीं और वह नियमित रूप से अपने माथे पर आयंगर नमम लगाती थीं तो ऐसे में राज्य सरकार और  शशिकला  के परिवार ने आयंगर प्रथा का पालन करने की बजाय उन्हें दफनाने का फैसला क्यों किया? जबकि आयंगरों में दाह-प्रथा प्रचलित है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक जयललिता के अंतिम संस्कार कार्यक्रम से जुड़े सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ऐसा करने के पीछे वजह बताई।  अधिकारी ने कहा, 'वह हमारे लिए आयंगर नहीं थीं। वह किसी जाति एवं धार्मिक पहचान से परे हो गई थीं। यहां तक कि पेरियार, अन्ना दुरई और एमजीआर सहित ज्यादातर द्रविड़ नेता दफनाए गए। नेताओं के दाह-संस्कार करने की हमारे पास कोई मिसाल नहीं है। इसलिए हम शवों को चंदन और गुलाब जल के साथ दफनाते हैं।' नेताओं के स्मारक बनाए जाने से उनके समर्थकों एवं प्रशंसकों को ...

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To write on general topics and specially on films;THE BLOGS ARE DEDICATED TO MY PARENTS:SHRI M.B.L.NIGAM(January 7,1917-March 17,2005) and SMT.SHANNO DEVI NIGAM(November 23,1922-January24,1983)