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टूटने के कगार पर आम आदमी पार्टी

आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार  आम आदमी पार्टी (आप)  से नेताओं के अलविदा कहने का सिलसिला जारी है।पार्टी के एक और सीनियर लीडर कहे जाने वाले आशीष खेतान ने भी पार्टी छोड़ दी है।  अभी हाल ही में आ शुतोष ने भी आम आदमी पार्टी को अलविदा कह दिया था।  आशीष ने एक समाचार पत्र में उनके पार्टी छोड़ने संबंधी पोस्‍ट को रीट्वीट करते कहा कि, मैं पूरा ध्‍यान अपनी वकालत पर लगा रहा हूं और और इस समय सक्रिय राजनीति में शामिल नहीं हूँ।  दरअसल, बड़ी-बड़ी आकांक्षाओं को लेकर पार्टी में आए लोग अब अपनी महत्वकांक्षाओं को धूमिल होते देख, पार्टी को अलविदा कह रहे हैं। केजरीवाल जिस तरह से प्रधानमन्त्री बनने की लालसा में सभी प्रदेशों में अपना जाल बिछा रहे थे, उन पर पानी फिरना शुरू हो गया है। जबकि लगभग दो दिन पूर्व ही केजरीवाल ने दिल्ली की सात में से 3/4 लोकसभा सीटें जीतने का दावा कर रहे थे। लेकिन धीरे-धीरे एक-एक कर इनके धुरन्धर पार्टी को छोड़ रहे हैं, पता नहीं लोकसभा चुनावों तक कितने कर्णधार पार्टी में शेष रहेंगे, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।     केजरीवाल पार्टी ...

आशुतोष ने AAP से दिया इस्तीफा

आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार  लगता है आम आदमी पार्टी का भविष्य अंधकारमय होने के कगार पर आ गया है। जिसका प्रमुख कारण राहुल गाँधी बताए जा रहे हैं। जानिए क्यों? सत्ता के गलियारों में चर्चा है कि इस पार्टी को बनाने में सोनिया गाँधी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। यदि इस पार्टी के संस्थापक कर्णधारों पर दृष्टि डालने पर वास्तविकता जगजाहिर हो जाती है, क्योंकि इस पार्टी के अधिकतर संस्थापक सोनिया गाँधी की टीम के सदस्य हैं। इस पार्टी गठन सत्ता हथियाना नहीं, बल्कि मोदी लहर को बाधित करना था। लेकिन हुआ एकदम विपरीत। कांग्रेस को यदि सबसे ज्यादा नुकसान पहुँचाने वाली अगर कोई पार्टी है, तो आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी नहीं। इस पार्टी को गुप्त रूप से, तन, मन एवं धन से पालन-पोषण करने पर वरिष्ठ बुद्धिजीवियों ने विरोध भी किया था। लेकिन नगाड़े की आवाज़ के आगे सोनिया गाँधी ने तूतियों की आवाज़ नहीं सुनी। उस समय एक हिन्दी पाक्षिक को सम्पादित करते, रपट शीर्षक "कांग्रेस के गर्भ से निकली आआप", प्रकाशित करने पर  मुझे अरविन्द केजरीवाल के विरुद्ध न लिखने के लिए धमकी भी मिली। परिणाम यह हुआ कि उ...

क्या रघुराम राजन राज्य सभा जाएंगे?

आम आदमी पार्टी इन दिनों किन्हीं बाहरी व्यक्तियों को राज्य सभा भेजने के लिए विचार कर रही हैं। इनमें एक नाम आरबीआई के पूर्व गवर्नर और नोटबंदी के विरोधी रधुराम राजन का भी शामिल है। दिल्ली से तीन राज्य सभा सांसद मनोनीत होने हैं और अपार बहुमत की वजह से तीनों सीटें आम आदमी पार्टी को तय करनी हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार अलग-अलग क्षेत्रो के विशेषज्ञों को राज्य सभा उम्मीदवार बनाने पर गंभीरता से विचार चल रहा है। इनमें से ऐसा ही एक नाम पूर्व गवर्नर राजन का भी बताया जाता है। गौरतलब है जब रघुराम राजन आरबीआई के गवर्नर थे तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे नोटबंदी के लिए विचार मांगा था। वहीं आरबीआई के प्रमुख के रूप में दूसरे कार्यकाल में उनकी रुचि के बावजूद, उनका कार्यकाल प्रधान मंत्री मोदी के शासनकान नहीं बढ़ाया गया। वहीं खबरों की मानें तो राज्य सभा में बाहरी व्यक्तियों को भेजने पर आम आदमी पार्टी की गुटबाजी में भी रोक लगेगी। पार्टी नेता नेता कुमार विश्वास पहले ही खुलकर अपने लिए राज्य सभा सीट मांग चुके हैं। ऐसे में अगर पार्टी बाहर के लोगों को मनोनीत करने का फैसला लेती है, तो उनके लिए भी खुद के ल...

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shannomagan
To write on general topics and specially on films;THE BLOGS ARE DEDICATED TO MY PARENTS:SHRI M.B.L.NIGAM(January 7,1917-March 17,2005) and SMT.SHANNO DEVI NIGAM(November 23,1922-January24,1983)