पाकिस्तान की सियासत में एक-एक करके बड़े सियासतदानों का पत्ता साफ हो रहा है। यही वजह है कि इस बार आम चुनाव के बाद पाकिस्तान की कमान किसी नए चेहरे को मिलनी तय है। काफी हद तक यह मुमकिन है कि पाकिस्तान की सत्ता के शीर्ष पर आने वाला यह चेहरा पहली बार सत्ता पर काबिज होगा। इसकी वजह है कि एक-एक कर देश की सियासत में अहम किरदार निभाने वाले चेहरे इस बार चुनाव से बेदखली का दर्द महसूस कर रहे हैं। इसमें सबसे ताजा नाम पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री खाकन अब्बासी का है। चुनाव न्यायाधिकरण ने उनको रावलपिंडी से भी चुनाव लड़ने से रोक दिया। इस्लामाबाद से अब्बासी का पर्चा खारिज होने के एक दिन बाद उन पर यह रोक लगाई गई है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ का नामांकन खारिज किया जा चुका है। नवाज शरीफ का चैप्टर पाकिस्तान की सियासत में पहले ही क्लोज हो चुका है। इतना ही नहीं जिन पर वह सबसे ज्यादा भरोसा करते थे वह भी इस चुनाव में खड़े नहीं हो सकते हैं। इनमें उनकी बेटी मरियम का नाम है। इसके अलावा उनकी पत्नी कुलसुम की हालत बेहद नाजुक है, लिहाजा वह भी चुनाव से बाह...