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ममता ने कैग को अॉडिट करने से रोका

ममता सरकार की तो हर काम में रोड़ा अटकाने की आदत सी हो गयी है। इससे पहले भी ममता ने केन्द्र सरकार की हर योजनाओं का पुरजोर विरोध किया।केन्द्र सरकार की आधार योजना का भी ममता ने पुरजोर विरोध किया। इससे पहले भी केन्द्र सरकार की कालेधन के खिलाफ लड़ाई नोटबंदी और जीएसटी का विरोध जिस प्रकार ममता ने किया, वो तो हम सब लोग देख ही चुके हैं।लेकिन अब ममता का एक नया विरोध देखने को मिला है। कैग को राज्य की कानून-व्यवस्था, अपराध नियंत्रण, राज्य के हथियारों के लाइसेंस आदि का ब्योरा और उस पर हुए खर्चे का आंडिट करना था, लेकिन ममता ने इसका विरोध किया है। कैग के अकाउंटटेन्ट नामिता प्रसाद ने राज्य के गृह सचिव अत्री भटाचार्य  को पत्र लिखा कि कैग पश्चिम बंगाल के ‘पब्लिक आडँर’ का अॉडिट करना चाहता है. इसके तहत राज्य की कानून-व्यवस्था, अपराध नियंत्रण, राज्य के हथियारों के लाइसेंस आदि का ब्यौरा और उस पर हुए खर्चे का अॉडिट किया जाएगा। कैग ने कहा कि राज्य को किस मद में कितनी धनराशी मिली थी और उसने कितनी धनराशी आवंटित की है, कितनी व्यय की है, इसकी पड़ताल करनी थी। लेकिन राज्य के गृह सचिव ने कैग...

उत्तर प्रदेश: रेलवे ने कागजों में दौड़ा दी ‘बुलेट ट्रेन’, कैग ने रिपोर्ट में उठाए सवाल

सरकार बुलेट ट्रेन की बात कर रही है और लोगों ने इसके सपने भी देखना शुरू कर दिया है. आप माने या न माने लेकिन उत्तर प्रदेश में बुलेट ट्रेन चल चुकी है. भारतीय नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) के हालिया ऑडिट में ऑन पेपर डेटा निकलकर सबके सामने आया है, जिसने सबको एक बार फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है. इस डेटा के मुताबिक, इलाहाबाद और फतेहपुर के बीच एक ट्रेन 409 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ती है. ये 116 किलोमीटर का सफर महज 17 मिनट में पूरा कर लेती है.  टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, कैग ने जब 3 ट्रेनों प्रयागराज एक्सप्रेस, जयपुर-इलाहाबाद एक्सप्रेस और नई दिल्ली-इलाहाबाद दूरंतो एक्सप्रेस के डेटा एंट्री का ऑडिट किया तो उन्हें काफी अनियमितताएं देखने को मिलीं. कैग ने अपने में पाया कि इंटीग्रेटेड कोचिंग मैनेजमेंट सिस्टम (आईसीएमएस) में कई गलत ऐंट्री की गई हैं. आईसीएमएस के जरिए ही ट्रेनों के आवागमन का रियल टाइम डेटा मॉनिटर किया जाता है. यही, डेटा नैशनल ट्रेन इन्क्वाइरी सिस्टम (एनटीईएस) में भी दिखाई देता है और गलत डेटा के कारण...

2जी स्पेक्ट्रम : बच गए आरोपी पर नहीं बच पाई सीबीआई

आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार  दिल्ली की विशेष सीबीआई अदालत ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के आरोपियों को बरी क्या किया,  राजनीति में भूचाल आ गया है।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उन्हीं की पार्टी के नेता ने सवाल खड़े कर दिए हैं। साथ ही चेतावनी भरे लहजे में उनसे कार्रवाई करने को कहा है। 2जी मामले पर अदालत की ओर से दिए गए फैसले के बाद कांग्रेस ने इस फैसले के बाद भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला है।  वहीं इस पूरे मामले में अहम कड़ी भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि वो इस फैसले से निराश नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले को लेकर हाईकोर्ट जाएं।  स्वामी ने एक ट्वीट कर तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं दिवंगत जयलललिता के मामले का उदाहरण दिया। उन्होंने लिखा है कि जयललिता के हाईकोर्ट से बरी होने के बाद कांग्रेस और सहयोगियों ने जश्न मनाया था और फिर सुप्रीम कोर्ट में हार गए। ऐसा ही यहां भी होगा।  बहुत बुरा निर्णय स्वामी ने फैसले पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि आज का फैसला बहुत बुरा निर्णय है, इसे उच्च न्यायालय में ले ...

CAG ने किया देश को बदनाम

जब भारत के पास 20 देशों को मिटाने की ताकत है तो हथियारों की कमीं कहाँ है, इतना बड़ा युद्ध होने की संभावना ही नहीं है और अगर हुआ तो भारत के साथ साथ चीन और पाकिस्तान का भी नामो निशान मिट जाएगा, भारत, चीन और पाकिस्तान के पास परमाणु बम हैं, बड़ी बड़ी मिसाइलें हैं, फाइटर प्लेन है। इतना सब कुछ होते हुए युद्ध भण्डार की कमीं कैसे हो गयी और अगर हो भी गयी तो 20 दिन के अन्दर हथियार खरीद लिए जाएंगे।  आखिर पहले से एक साल का युद्ध भंडार क्यों इकठ्ठा किया जाए।  सोशल मीडिया पर CAG के इस रिपोर्ट की खूब बखिया उधेडी जा रही है, लोग कह रहे हैं कि अगर युद्ध हुआ तो भारत 10 दिन में ही चीन और पाकिस्तान को मिटाकर खुद भी मिट जाएगा, भारत के पास इतनी युद्ध सामग्री है जिसके जरिये 20 देशों को ख़त्म कर सकता है।  लोग समझ गए हैं कि CAG ने यह रिपोर्ट दुनिया में भारत को नीचा दिखाने और कांग्रेस पार्टी को मोदी सरकार के खिलाफ मुद्दा देने के लिए जारी की गयी है, वर्तनाम CAG को कांग्रेस सरकार ने ही नियुक्त किया था इसलिए उनकी चमचागिरी करने के लिए देश का सिर्फ नीचा किया गया है।  CAG ने क्यों कहा ...

Don’t mess with the CAG

The Supreme Court has sent a strong message by throwing out a public interest litigation (PIL) against the Comptroller and Auditor General (CAG) on Monday. In the wake of the opinion offered by the Supreme Court on the Presidential Reference about whether auctions are the best way to allocate scarce natural resources, Messrs Kapil Sibal and P Chidambaram were ordering champagne in the belief that the CAG had been put in his place over its 2G and Coalgate reports. Both of them made it a point to suggest that the CAG may have exceeded it brief in indicating losses of Rs 1,76,000 crore and Rs 1,86,000 crore in the 2G and coal blocks scandals. Among other things, the court noted: “The CAG is not a munim. He is a constitutional authority who can examine the revenue allocation and matters relating to the economy.” On the day of the judgment, Sibal said: “There is no constitutional authority to which this judgment does not apply and I am sure that all constitutional authorities will ...

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shannomagan
To write on general topics and specially on films;THE BLOGS ARE DEDICATED TO MY PARENTS:SHRI M.B.L.NIGAM(January 7,1917-March 17,2005) and SMT.SHANNO DEVI NIGAM(November 23,1922-January24,1983)