अलग-अलग फिल्मों के लिए अलग-अलग है सुप्रीम कोर्ट के मापदंड? एक फिल्म आ रही है – ‘हमारे बारह’ । जनसंख्या नियंत्रण की समस्या और इस्लाम में महिलाओं के अपमान पर बन रही अन्नू कपूर अभिनीत इस फिल्म की रिलीज पर देश के सर्वोच्च न्यायालय ने ब्रेक लगा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इसकी स्क्रीनिंग पर रोक लगाते हुए कहा कि उन्होंने इसका ट्रेलर देखा तो काफी आपत्तिजनक है। इसके डायलॉग्स पर भी आपत्ति जताई गई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपत्तिजनक चीजें भरी पड़ी हैं। इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। जब सुप्रीम कोर्ट आपत्तिजनक चीजें देख रहा है तो उनको दूर कौन करेगा? क्या सुप्रीम कोर्ट को सिर्फ हिन्दू धर्म में ही कुरीतियां पर कार्यवाही करने का अधिकार है? जब सुप्रीम कोर्ट ही दोहरे मापदंड अपनाएगा फिर न्याय कौन करेगा शरीयत कोर्ट? जबकि मुस्लिम देशों में मुस्लिम रीति-रिवाजों में इतने अधिक बदलाव हो चुके हैं, लेकिन भारत का मुसलमान कट्टरपंथियों के हाथ की कठपुतली बन 14वी सदी से बाहर नहीं आना चाह रहा। शायद यही कारण है कि मुस्लिम देश भारतीय मुसलमानों को सम्मानित निगाह देखता। ...