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क्या भारत सिंधु जल सन्धि रद्द करने में सक्षम है?

भारत का कहना है कि 1960 की सिंधु जल संधि के कार्यान्वयन पर मतभेद है, एक ऐसा मतभेद जिसे इसे विश्व बैंक के तत्वावधान में एक अंतर्राष्ट्रीय न्यायाधिकरण में भेजा जा चुका है। यह मुद्दा उड़ी में सेना के एक शिविर पर सीमा पार से आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ पैदा हुए हालिया तनाव की वजह से फिर चर्चा में है। सितम्बर 22  को भारत ने इस मुद्दे को यह कहते हुए उठाया कि कोई भी संधि 'एकतरफा' नहीं हो सकती। तो, क्या है यह सिंधु जल संधि? सिंधु जल संधि पानी के बंटवारे की वह व्यवस्था है जिस पर 19 सितम्बर, 1960 को तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने कराची में हस्ताक्षर किए थे। इसमें छह नदियों ब्यास, रावी, सतलुज, सिंधु, चिनाब और झेलम के पानी के वितरण और इस्तेमाल करने के अधिकार शामिल हैं। इस समझौते के लिए विश्व बैंक ने मध्यस्थता की थी। चर्चा यह भी है, कि इस  समझौते पर हस्ताक्षर क्यों किया गया था? सिंधु जल सन्धि करने 19 सितम्बर 1960 को कराची पहुँचने पर भारत के प्रधानमन्त्री जवाहरलाल नेहरू  पाकिस्तान राष्ट्...

सेक्स स्कैंडल पर आशुतोष के विवादित बयानों से आआप पर गहराता संकट

भगवत गीता में स्पष्ट लिखा है "विनाश काले विपरीत बुद्धि", जिसे आम आदमी पार्टी चरितार्थ कर रही है।केजरीवाल के नेताओं ने विवादित बयान देने का सिलसिला जारी रखा है। अब बारी आशुतोष की है। जिन्होने गांधी, नेहरू से लेकर अटलजी तक पर विवादित बयान दिया है। दिल्ली की आम आदमी पार्टी और उसके मुखिया अरविंद केजरीवाल अपने नेताओं की करतूत से परेशान हैं। पूर्व मंत्री संदीप कुमार की अश्लील सीडी के कारण चारों तरफ पार्टी की किरकिरी हो रही है। भले ही संदीप कुमार को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया हो लेकिन पार्टी में कुछ नेता ऐसे भी हैं जो संदीप कुमार के कुकर्मों का बचाव कर रहे हैं। इनमे से एक हैं पत्रकार से नेता बनें आशुतोष। अब आशुतोष, जो पेशे से एक पत्रकार भी हैं, जिस तरह विवादित बयान दे रहे हैं, बहुत ही शर्म की बात है। इस संकट की घडी में पार्टी को संयम एवं मीडिया से दूर रहकर, मुद्दे के ठंठा होने की प्रतीक्षा करते, विपरीत इसके विवादित बयान देकर जनता में पार्टी की छवि को धूमिल कर  और संकट में डालकर पार्टी को असमय मृत्यु के मुँह में धकेल रहे हैं।  आशुतोष को पत्रकार भूमिका ...

Gandhi-Nehru soft power not sole reason behind freedom

An interesting and long over-due discourse by Maj Gen G. D.  Bakshi (Retd) about the factors that got us independence from the British. It is a happy augury which merges well with emerging realities. You may read and ponder if you like. Ashok Coomar   http://www.sunday-guardian.com/investigation/gandhi-nehru-soft-power-not-sole-reason-behind-freedom   Gandhi-Nehru soft power not sole reason behind freedom    Maj Gen G.D. Bakshi (Retd)   15th Nov 2014 [In strictly historical terms, Subhas Bose emerges as primarily responsible for Indian independence, even more perhaps than Mahatma Gandhi and Jawaharlal Nehru.]     Nation states are constructed around a core of seminal ideas and values. They need a national narrative to sustain themselves and serve as a basis for their collective identity that defines who they ar...

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To write on general topics and specially on films;THE BLOGS ARE DEDICATED TO MY PARENTS:SHRI M.B.L.NIGAM(January 7,1917-March 17,2005) and SMT.SHANNO DEVI NIGAM(November 23,1922-January24,1983)