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Showing posts with the label #Kashmir

कश्‍मीर में अलगाववादियों का दोहरा रवैया, उमर अब्‍दुल्‍ला भी भड़के

कश्‍मीर में आतंकियों का दुस्‍साहस बढ़ता रहा है। वे लगातार सुरक्षा बलों व पुलिसकर्मियों पर निशाना बना रहे हैं। हाल में पुलिसकर्मियों व सुरक्षा बलों को अगवा किए जाने के साथ-साथ उनके रिश्‍तदारों के अपहरण की वारदातें भी बढ़ी हैं, जिसे लेकर लोगों में रोष बढ़ता जा रहा है। इन घटनाओं ने अलगाववादियों के रवैये पर भी सवाल उठाए हैं। अलगाववादी वैसे तो सुरक्षा बलों पर स्‍थानीय लोगों के साथ 'ज्‍यादती' का आरोप लगाते रहते हैं और हिंसक भीड़ व पत्‍थरबाजों तक से निपटने के लिए उनकी सख्‍ती पर सवाल उठाते रहे हैं, पर अपहरण के ऐसे मामलों पर कभी अपनी जुबान नहीं खोलते। अलगाववादियों के इस दोहरे रवैये को लेकर अब जम्‍मू एवं कश्‍मीर के पूर्व मुख्‍यमंत्री व नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्‍दुल्‍ला ने भी सवाल उठाए हैं। उन्‍होंने ट्वीट कर कहा, '11 अपहरण! यह घाटी में चिंताजनक हालात को दर्शाता है। लेकिन सबसे दुखद 'चुन‍िंदा मसलों का विरोध' है। जो लोग और नेता सुरक्षा बलों की कथित ज्‍यादतियों को लेकर मुखर रहे हैं, वे इन अपहरणों पर आवाज नहीं उठाते।' Omar Abdullah ✔ @OmarAbdullah 11 ...

जम्मू-कश्मीर: अनुच्छेद 35-ए को लेकर अलगाववादियों के बंद के चलते 2 दिन के लिए रद्द हुई अमरनाथ यात्रा

जम्मू कश्मीर को विशेष शक्तियां देने वाली अनुच्छेद 35-ए में किसी तरह के बदलाव के खिलाफ अलगाववादियों के बंद को देखते हुए प्रशासन ने अगस्त 5 से अमरनाथ यात्रा दो दिन के लिए रद्द करने का फैसला किया है। पुलिस के अनुसार, यहां भगवती नगर यात्री निवास से किसी तीर्थयात्री को आगे जाने नहीं दिया गया ।   वहीं उधमपुर और रामबन में विशेष जांच चौकियां स्थापित की गई है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि तीर्थयात्रियों का जत्था जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर नहीं पहुंचे जो इन दोनों जिलों से गुजरता है। हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि घाटी में बालटाल और पहलगाम आधार शिविरों में मौजूद यात्री यात्रा को जारी रखेंगे ।   28 जून को सालाना अमरनाथ की धार्मिक यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 2.71 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पवित्र गुफा में स्थित शिवलिंग के दर्शन कर चुके हैं। इस यात्रा का समापन 26 अगस्त को होगा, उस दिन श्रावण पूर्णिमा भी हैं ।   जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 35A को रद्द करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में अगस्त 6 को सुनवाई होनी है। इसे देखते हुए अलगाववादि...

हिन्दुआें को बदनाम करने के लिए #JusticeForAsifa नाम से आंदोलन चलानेवाला तालिब हुसैन निकला बलात्कार का आरोपी

पत्नी से मारपीट करने सहित कई अन्य मामलों में शामिल तालिब हुसैन पत्नी से मारपीट करने सहित कई अन्य मामलों में शामिल तालिब हुसैन को पुलवामा जिले के त्राल से सांबा पुलिस ने पकडा है। गिरफ्तारी के समय पुलिस पर स्थानीय लोगों ने पथराव भी किया। तालिब कठुआ के रसाना कांड में प्रदर्शन कर चर्चा में आया था। पिछले कई दिनों से उसकी तलाश की जा रही थी। जुलाई 31 को सांबा में ही तालिब पर एक महिला की शिकायत पर दुष्कर्म का केस भी दर्ज हुआ है। अगस्त 1 को तालिब को पकडकर सांबा लाया गया। तालिब ने रसाना कांड को लेकर कई बार प्रदर्शन किया। इसे लेकर अपना एक संगठन बनाया और उसका एक ऑडियो भी वायरल हुआ था। जानकारी के अनुसार 28 जून को सांबा न्यायालय के आदेश पर सांबा पुलिस ने तालिब हुसैन पर मामला दर्ज किया था। तालिब की पत्नी ने न्यायालय में उसके खिलाफ मारपीट करने और दहेज के लिए तंग करने का आरोप लगाया। आरोप लगाया कि उसका पति तलाक देने के लिए धमका रहा है। उसे जान से मारने तक की धमकी दी गई। सांबा पुलिस की ओर से तालिब के खिलाफ 307, 382, 354ए., 498ए., 323, 504, 506 के तहत मामला दर्ज किया था। इसके साथ ही तालिब ...

मोदी, कश्‍मीर और सेना अभी बहुत दूर, आते ही 'कैप्‍टन' इमरान खान झेलो बाउंसर

इमरान (imran khan)  ने अगर किसी दूसरे को सत्‍ता नहीं सौंपी तो उनका पाकिस्‍तान का अगला प्रधानमंत्री बनना तय है।  उनके लिए पाकिस्‍तान की सत्‍ता कांटों भरे ताज से कम नहीं होगी। यह देखना दिलचस्‍प होगा कि बिना किसी प्रशासनिक अनुभव के सीधा प्रधानमंत्री बनने जा रहे इमरान आतंकवाद, कश्‍मीर, घरेलू हिंसा, बलूचिस्‍तान, और घरेलू राजनैतिक आस्थिरता जैसे मुद्दों से कैसे पार पाते हैं। उनके सामने सेना और अदालत के बीच भी बैलेंस बनाकर चलने की चुनौती होगी।  इन सबके लिए उनके पास कहीं न कहीं रोडमैप जरूर होगा। भले ही उनके पास प्रशासनिक अनुभव न हो, लेकिन लंबे राजनीतिक तजुर्बे के चलते इन राजनीतिक सवालों का उनके पास जवाब जरूर होगा। हालांकि एक मुसीबत ऐसी जरूर है, जो पाकिस्‍तान के सबसे सफल क्रिकेट कप्‍तान को गुगली की तरह चकमा जरूर दे सकती है। वह है पाकिस्‍तानी इकोनॉमी की खस्‍ताहालत। गौर करने वाली बात यह है कि पाकिस्‍तान जिन आर्थिक चुनौतियों से गुजर रहा है, आते ही इमरान का सबसे पहले उन्‍हीं से सामना होगा। बाकी राजनैतिक मसलों की बारी तो बाद में आएगी।   पर कैसे जूझेंगे इकोनॉमी की बाउंसर से...

पाकिस्तान चुनाव में इस बार कश्मीर क्यों नहीं है बड़ा मुद्दा?

तीन महीने पहले तक कश्मीर को पाकिस्तान में मिलाने के दावे हो रहे थे, लेकिन चुनाव करीब आते-आते यह मुद्दा अचानक खत्म हो गया। तीनों प्रमुख पार्टियों ने अपने-अपने मैनिफेस्टो में कश्मीर का जिक्र चंद लाइनों में समेट दिया। जबकि पिछले 14 आम चुनावों में इस मुद्दे ने सियासी दलों को सात बार सत्ता दिलाने में मदद की थी। अब पाकिस्तान की अवाम को कश्मीर में दिलचस्पी नहीं रही। वह भारत का जिक्र कर अपने नेताओं से पूछती है कि जीत के बाद हमारी तरक्की के लिए क्या करोगे? पाकिस्तान में 25 जुलाई को वोटिंग होनी है। शिक्षा-विकास पर ज्यादा जोर :  इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन रिसर्च (आईपीओआर) का सर्वे भी यही कहता है कि पाकिस्तान की अवाम अब कश्मीर से ज्यादा शिक्षा और विकास जैसे मुद्दों पर बात कर रही है। यही वजह है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई), पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेताओं के भाषणों में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का जिक्र है जिससे पाकिस्तान में रोजगार के मौके आने का दावा किया जा रहा है। हर बार लगने वाली अमेरिका की रट शांत है और बलूचिस्तान-...

कश्मीर में महिला पत्थरबाजों सबक सिखाएंगी 500 महिला कमांडोज

आर.बी.एल निगम, वरिष्ठ पत्रकार  राष्ट्रपति शासन लगने के बाद से लगता है, केन्द्र सरकार कश्मीर में बहुत सख्ती करने के लिए कमर कस चुकी है। जम्मू और कश्मीर में पत्थरबाजी एक बड़ी समस्या है, जिसका सुरक्षाबलों को आए दिन सामना करना पड़ता है. इन पत्थरबाजों में बड़ी संख्या में स्कूली लड़कियां और महिलाएं भी शामिल होती हैं, जिससे निपटने में भारतीय सेना को कई तरह की समस्याअों का सामना करना पड़ता है।  लेकिन अब इस समस्या से निपटने के लिए खास रणनीति बनाई गई है।  क्या कश्मीर के स्कूलों और कॉलेजों में पत्थरबाज़ी की भी पढ़ाई होती है? महिला पत्‍थरबाजों से निबटने के लिए सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स यानी सीआरपीएफ ने अब लेडी कमांडोज की एक टीम तैयार की है। अलगाववादी और आतंकवादी इन पत्थरबाज महिलाओं को अपनी ढाल बना कर इस्तेमाल कर रहे हैं कि जहाँ सुरक्षाकर्मियों ने इनमे से किसी को भी मारा या पकड़ा, तुरन्त मानवाधिकार और महिला संगठनों को आगे लगाकर महिलाओं की सुरक्षा और बलात्कार आदि से अपमानित करने का शोर मचाकर इनकी सुरक्षा करते रहे हैं, अब जब यही पत्थरबाज लड़कियाँ इन महिला सुरक्षाकर्मियों के ह...

सिरदर्द बनी आतंकियों के AK-47 से निकली 'स्टील बुलेट'

भारत के कई बार एतराज जताने के बाद भी चीन लगातार पाकिस्तान को हथियार मुहैया कराता रहता है. आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार   जब सुरक्षाकर्मी कश्मीर में उपद्रवियों पर पैलेट इस्तेमाल कर रहे थे, उनके हितैषी कोर्ट तक पहुँच गए, संसद में हंगामा किया। लेकिन अब जब उपद्रवी सुरक्षाकर्मियों पर हैंड ग्रेनेड और आतंकवादी स्टील बुलेट इस्तेमाल कर रहे, किसी में सुरक्षाकर्मियों की रक्षा के कोर्ट जाने का साहस नहीं कर पा रहे। सबको साँप सूंघ गया। भारतीय सुरक्षाकर्मी मरते हैं, मरने दो, लेकिन छद्दम देशप्रेमी नेताओं के वोट बैंक को किसी प्रकार की क्षति न होने पाए। कहते हैं कि पाकिस्तान और अलगाववादियों से बातचीत करनी चाहिए। अब कोई इनसे पूछे, "इतने वर्षों तक तुम सब क्या कर रहे थे?क्यों नहीं बातचीत से मसला सुलझाया? कश्मीर मसले पर विशेषज्ञ सुशील पंडित की बात शत-प्रतिशत चरितार्थ हो रही है, कि "पाकिस्तान की सबसे बड़ी ताकत, भारत में मिनी पाकिस्तान और हज़ारों समर्थक हैं।"  अवलोकन करें:-- http://nigamrajendra28.blogspot.com/2018/05/blog-post_5.html NIGAMRAJENDRA28.BLOGSPOT.COM ...

कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज का कश्मीर पर एक और विवादित कमेंट

कांग्रेस के खेल को बिगाड़ते सोज़  आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार   इतिहास अवलोकन करने पर एक बात जरूर स्पष्ट होती है कि जितने विवादित बयान कांग्रेस की तरफ से आते रहे है, उतने किसी अन्य पार्टी की तरफ से नहीं आए।  जब देश में प्रधानमंत्री मनोनीत करने पर वोटिंग में जवाहरलाल नेहरू तीन वोट और समस्त वोट सरदार पटेल के पक्ष में आने पर नेहरू ने महात्मा गाँधी नेहरू की कांग्रेस को तोड़ने की धमकी के आगे नतमस्तक होकर, पटेल की बजाए हारे हुए उम्मीदवार नेहरू को प्रधानमंत्री बना दिया। और उसी नेहरू ने महात्मा गाँधी की भाँति भारत में हुए प्रथम चुनाव में लोकतन्त्र का गला घोंट दिया यानि रामपुर से हिन्दू महासभा के प्रत्याक्षी बिशन सेठ ने नेहरू की लाडले मौलाना अबुल कलाम आज़ाद को लगभग 6000 वोटों से हराया, जो नेहरू से बर्दाश्त से बर्दाश्त नहीं हुई। तुरन्त उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री गोबिन्द बल्लब पंत को मौलाना आज़ाद को संसद में देखने को कहा और पंत ने साम, धाम, दण्ड और भेद अपनाते हुए बिशन को विजयी जलूस से उठवाकर मतगणना केन्द्र ले जाकर, उनकी वोटें आज़ाद में मिलवाकर पराजित हुए ...

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To write on general topics and specially on films;THE BLOGS ARE DEDICATED TO MY PARENTS:SHRI M.B.L.NIGAM(January 7,1917-March 17,2005) and SMT.SHANNO DEVI NIGAM(November 23,1922-January24,1983)