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कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज का कश्मीर पर एक और विवादित कमेंट

कांग्रेस के खेल को बिगाड़ते सोज़  आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार   इतिहास अवलोकन करने पर एक बात जरूर स्पष्ट होती है कि जितने विवादित बयान कांग्रेस की तरफ से आते रहे है, उतने किसी अन्य पार्टी की तरफ से नहीं आए।  जब देश में प्रधानमंत्री मनोनीत करने पर वोटिंग में जवाहरलाल नेहरू तीन वोट और समस्त वोट सरदार पटेल के पक्ष में आने पर नेहरू ने महात्मा गाँधी नेहरू की कांग्रेस को तोड़ने की धमकी के आगे नतमस्तक होकर, पटेल की बजाए हारे हुए उम्मीदवार नेहरू को प्रधानमंत्री बना दिया। और उसी नेहरू ने महात्मा गाँधी की भाँति भारत में हुए प्रथम चुनाव में लोकतन्त्र का गला घोंट दिया यानि रामपुर से हिन्दू महासभा के प्रत्याक्षी बिशन सेठ ने नेहरू की लाडले मौलाना अबुल कलाम आज़ाद को लगभग 6000 वोटों से हराया, जो नेहरू से बर्दाश्त से बर्दाश्त नहीं हुई। तुरन्त उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री गोबिन्द बल्लब पंत को मौलाना आज़ाद को संसद में देखने को कहा और पंत ने साम, धाम, दण्ड और भेद अपनाते हुए बिशन को विजयी जलूस से उठवाकर मतगणना केन्द्र ले जाकर, उनकी वोटें आज़ाद में मिलवाकर पराजित हुए ...

जब ओवैसी के दादा को पटेल ने जेल में ठूंस दिया था, बनाना चाहते थे इस्लामिक देश

धूमिल हुए इतिहास के पृष्ठ  13 सितम्बर 1948 को भारत में पहली बार इमरजेंसी जैसी स्थिति बनी. ये 1975 की इंदिरा इमरजेंसी से अलग थी. इस दिन भारत के 36 हज़ार सैनिकों ने हैदराबाद में डेरा डाला. 13 से लेकर 17 सितम्बर तक भयानक क़त्ल-ए-आम हुआ. कहा गया कि हजारों लोगों को लाइन में खड़ा कर गोली मार दी गई. आर्मी ने इसे ‘ऑपरेशन पोलो’ कहा था. कुछ हिस्से में ये ‘ऑपरेशन कैटरपिलर’ भी कहा गया. सरदार पटेल ने दुनिया को बताया कि ये ‘पुलिस एक्शन’ था. भारत की आज़ादी के बाद कई रियासतें अपना अलग देश चाहती थीं. पर भारत सरकार इस बात के लिए तैयार नहीं थी. क्योंकि ये संभव नहीं था. कोई भी तर्क उनकी बात के पक्ष में नहीं जाता था. नतीजन प्यार से या फटकार से, सबको भारत के साथ मिलना पड़ा. पर कुछ रियासतों ने भारत को चुनौती देने का मन बना लिया था. इनमें से एक रियासत थी हैदराबाद रियासत. यहां पर समरकंद से आये आसफजाह की वंशावली चलती थी. ये लोग मुगलों की तरफ से इस रियासत के गवर्नर थे. औरंगजेब के बाद इनका राज हो गया था यहां. इनको निज़ाम कहते थे. तो 1948 में निज़ाम उस्मान अली खान आसफजाह सातवें उस प्रजा पर राज करते थे, जिसमें ज्...

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shannomagan
To write on general topics and specially on films;THE BLOGS ARE DEDICATED TO MY PARENTS:SHRI M.B.L.NIGAM(January 7,1917-March 17,2005) and SMT.SHANNO DEVI NIGAM(November 23,1922-January24,1983)