सिक्के जो तत्कालीन सरकारों द्धारा चलन से बाहर कर दिए गए इस 20 पैसे के सिक्के को निब बनाने में प्रयोग किया जाने लगा केंद्र सरकार द्वारा हजार-पांच सौ के नोट बंद करने का फैसला हैरान करने वाला तो कुछ को अभूतपूर्व लग सकता है. हालांकि भारत में ऐसा पहली बार नहीं हुआ. 1946 में तत्कालीन सरकार ने 1000 और 10,000 रुपये के नोट बंद किए थे. हालांकि इसके बाद 1954 में इन नोटों को फिर से जारी कर दिया गया. इनके साथ 5000 रुपये का नोट भी जारी हुआ था. 1980 के दशक तक ये चलते रहे. फिर 1977 में जब मोरारजी देसाई के नेतृत्व में जनता पार्टी गठबंधन वाली सरकार बनी तो उसने भी काला धन पर लगाम लगाने के मकसद से 1978 में इन नोटों को बंद कर दिया था. आज के एक एवं दो रुपयों से भारी सिक्के सिक्कों का बर्तन एवं निबों में प्रयोग आज नेताओं द्धारा नोटों या सिक्कों को चलन से बाहर करने के लिए जो सरकार पर गरीबों की आड़ लेकर अपना घिनौना खेल खेलते हैं, इसमें तब के नेता तो नहीं आज के नेता भी पीछे नहीं। जितनी धन-दौलत आज में नेताओं के पास है, तब के नेताओं, कुछ अपवाद को छोड़, के पास...