आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि सरकारी पैसे से चलने वाले केंद्रीय विद्यालयों में हिंदू धर्म से संबंधित प्रार्थना क्यों करवाई जाती है? जबकि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है? कोई सुप्रीम कोर्ट से ही पूछें कि खुद सुप्रीम कोर्ट ने अपना ध्येय वाक्य "यतो धर्मस्ततो जयः। "क्यों चुना है? ये वाक्य तो महाभारत महाकाव्य में प्रयोग हुआ है जोकि सनातन धर्म का और दुनियाँ का सबसे बड़ा महाकाव्य माना जाता है।अर्थात भारत संवैधानिक रूप से भले ही धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है, लेकिन भारत की रग रग में हिंदुत्व के संस्कार बसे हुए है जिसके बिना सुप्रीम कोर्ट भी नहीं चल सकती। और धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र का अर्थ यह नहीं है कि आप किसी भी धर्म को नहीं माने, बल्कि हर धर्म का सम्मान हो यही धर्मनिरपेक्षता है। और भारत में यह सब हो रहा है और इसीलिए हो रहा है क्योंकि यहाँ हिंदुत्व की विचारधारा पर चलने वाले लोग हैं। अतः जज साहब हिंदुत्व के इस प्राचीन सिस्टम को खत्म करने का प्रयास न करें और धर्म के नाम पर लंबे समय से जो अन्य विवाद सुप्रीम कोर्ट ...