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बॉलीवुड डायरेक्टर विक्रम भट्ट गिरफ्तार: इंदिरा IVF के संस्थापक डॉक्टर से की 30 करोड़ रुपए की ठगी

मशहूर फिल्म निर्देशक विक्रम भट्ट को गिरफ्तार कर लिया गया है। राजस्थान पुलिस और मुंबई पुलिस ने मिलकर मुंबई के यारी रोड स्थित उनकी साली के घर से गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई उदयपुर में दर्ज 30 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी मामले से जुड़ी है। राजस्थान पुलिस सोमवार (8 दिसंबर 2025) को भट्ट को बांद्रा कोर्ट में पेश कर उन्हें उदयपुर ले जाने की अनुमति माँगेगी। पॉपुलर फिल्ममेकर विक्रम भट्ट, उनकी पत्नी श्वेतांबरी समेत 8 के खिलाफ 17 नवंबर को 30 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज हुई थी। इंदिरा IVF के मालिक डॉ. अजय मुर्डिया का आरोप है कि सभी ने मिलकर उनसे पत्नी की बायोपिक बनवाने के नाम पर ठगी की है। इस मामले में मंगलवार को विक्रम भट्ट के को-प्रोड्यूसर महबूब अंसारी और एक वेंडर की गिरफ्तारी हुई है। हालांकि अब फिल्ममेकर ने कहा है कि उन्हें अब तक इस मामले में कोई नोटिस नहीं मिला है। उन्हें इस मामले की जानकारी मीडिया के जरिए मिली है। विक्रम भट्ट ने एएनआई से बातचीत में कहा है, “मुझे लगता है कि राजस्थान पुलिस को गुमराह किया जा रहा है। मुझे न तो कोई लेटर मिला है, न नोटिस, कुछ भी नहीं। अगर शिकायतकर्ता ने ऐसे दाव...

‘क्या भगवान हनुमान ऐसे संभालते हैं, मुझे गुस्सा आ रहा है’: फिल्म वाराणसी की स्क्रीनिंग पर आई तकनीकी खामी तो ‘नास्तिक’ राजामौली ने भगवान को बनाया जिम्मेदार

               निर्देशक एसएस राजामौली, फिल्म 'वाराणसी' का पोस्टर (फोटो साभार: अमर उजाला, इंडिया टूडे) साउथ इंडस्ट्री की फिल्म ‘वाराणसी’ के ग्रैंड इवेंट के दौरान डायरेक्टर एसएस राजामौली की एक टिप्पणी ने सोशल मीडिया पर बड़ा हंगामा खड़ा कर दिया। राजामौली ने इवेंट में तकनीकी समस्या का जिम्मेदार भगवान को बताया और कहा कि उन्हें गुस्सा आ रहा है कि भगवान क्यों नहीं संभाल रहे हैं। इस विवादित टिप्पणी पर सोशल मीडिया पर उन्हें ‘नास्तिक’ बताकर खूब आलोचना हुई। दरअसल, राजामौली ने कहा था,“यह मेरे लिए एक भावुक पल है। मैं ईश्वर में विश्वास नहीं करता। लेकिन मेरे पिताजी आए और कहा कि भगवान हनुमान सब सँभाल लेंगे। क्या वह ऐसे ही सँभालते हैं। यह सोचकर मुझे गुस्सा आ रहा है। जब मेरे पिता ने हनुमान के बारे में बात की और सफलता के लिए उनके आशीर्वाद पर निर्भर रहने का सुझाव दिया तो मुझे बहुत गुस्सा आया।” राजामौली का यह बयान सामने आते ही सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना शुरू हो गई। कई यूजर्स ने इसे ‘आस्था का अपमान’ बताते हुए नाराजगी जताई। एक यूजर ने लिखा, “हम सब जानते हैं कि आप न...

‘लप्पू सा…झिंगुर सा लड़का’: इंटरनेट के वायरल डायलॉग की बॉलीवुड में एंट्री, आयुष्मान-रश्मिका की Thamma के ट्रेलर में दिखा मीम का मैजिक

मैडॉक फिल्म्स ने शुक्रवार (26 सितंबर 2025) को अपनी नई हॉरर-कॉमेडी फिल्म थामा (Thamma) का ट्रेलर जारी किया। फिल्म में आयुष्मान खुराना और रश्मिका मंदाना मुख्य भूमिका में हैं, जबकि परेश रावल और नवाजुद्दीन सिद्दीकी जैसे दिग्गज कलाकार भी इस फिल्म में नजर आएँगे। यूट्यूब पर रिलीज के 20 घंटे के भीतर ही ट्रेलर को 16 मिलियन से अधिक व्यूज मिल चुके हैं। दर्शकों की प्रतिक्रियाओं से साफ है कि यह फिल्म बड़े पर्दे पर खूब चर्चा बटोर सकती है। ट्रेलर की झलकियों से कहानी में अलौकिक शक्तियों वाले किरदार, वैम्पायर, वेयरवुल्फ और डेमन जैसी दिलचस्प झलकें दिखाई दीं। Watch Sachin & Seema Complete Package 🤭 My Favourite: Paav Bhar Ka Sachin Hai, Aur 5 Kilo Ki Seema Hai 😹 Comment Your Favourite! pic.twitter.com/TjPW09kG5u — Akassh (@BhoolNaJaana) July 31, 2023 खास बात यह रही कि फिल्म के ट्रेलर में एक ऐसा डायलॉग शामिल है, जो 2023 के एक वायरल न्यूज क्लिप से प्रेरित है। परेश रावल अपने बेटे आलोक (आयुष्मान) को संबोधित करते हुए कहते हैं ‘लप्पू सा आलोक है, झिंगुर सा लड़का।’ यह डायलॉग उसी वायरल बयान की याद दिल...

मुस्लिम महिलाओं की समस्याओं को हवा देने पर फिल्म "हक़" से परेशान मौलानाओं और मौलवियों की नींद हराम : एक सांस में 3 बार तलाक…यामी गौतम और इमरान हाशमी की ‘हक’ का ट्रेलर रिलीज

मुस्लिम महिलाओं पर यदाकदा बॉलीवुड में फिल्मों का निर्माण होता है। 90 के दशक में बहुचर्चित निर्माता-निर्देशक बी आर चोपड़ा की सिल्वर जुबली फिल्म आयी थी "निकाह", जिसमें  तलाक से होने वाली ज्वलंत समस्या को उजागर किया था। तब किसी मुस्लिम कट्टरपंथी ने शोर नहीं मचाया, लेकिन अब शाहबानो केस पर आधारित फिल्म "हक़" पर मुस्लिम कट्टरपंथियों ने रोना-धोना शुरू कर दिया है।  आज इस्लाम छोड़ चुकी एक्स-मुस्लिम महिलाएं फिल्म का विरोध कर रहे इन्हीं मुस्लिम कट्टरपंथियों को बेनकाब कर रही है। तलाक ही नहीं हलाला भी महिलाओं की गंभीर समस्या है। गैर-मर्द से बात करने या बात करने पर तलाक देने पर शौहर के भाई, अब्बू, बहनोई या फिर किसी मौलाना/मौलवी के हमबिस्तर होने के लिए छोड़ दिया जाता है, क्यों? क्या इनके साथ हमबिस्तर पर औरत पाक नहीं अपना आत्मसम्मान खो बैठती है। औरत अपनी मर्जी से कुछ नहीं करे बस मर्दों की गुलाम बनी रहे।  फिल्म  "हक़" पर छिड़े   पर कट्टरपंथी संविधान की बात करने लगते हैं यूँ जब देखो शरीयत की बात करते हैं। फिल्म के पक्ष में बोल रही मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि अब इसे मौलानाओं और ...

मंदिर की घंटी, पायल की खनक और देवता की हुंकार: ऋषभ शेट्टी की ‘कांतारा’ ने बदल दिया फिल्मों का ‘786’ वाला अवतार, ये मनोरंजन से बढ़कर सांस्कृतिक अनुष्ठान है

ऋषभ शेट्टी भारतीय सिनेमा की वह नायाब खोज हैं, जो केवल अभिनेता या निर्देशक भर नहीं, बल्कि एक संपूर्ण कथाशिल्पी हैं। उनके भीतर वह ग्राम्य लय है, जिसकी अनुगूँज किसी देवस्थान की ध्वनि की भाँति दूर तक फैली रहती है। यदि कांतारा मैं बनाता, तो सम्भवतः उन्हें परदे से एक पल भी ओझल न होने देता। किन्तु यह उनके कौशल का वैभव है कि वे ख़ुद को भी कहानी के भीतर एक पात्र की तरह भंग कर देते हैं, और परदे पर देवत्व, लोक और आस्था को केंद्र में स्थापित कर देते हैं। जहाँ मुख्यधारा का भारतीय सिनेमा नायक को कभी किसी ‘बिल्ला नंबर 786’ के भरोसे बचाता है, जबकि मंदिर में न जाने की सौगंध जब उसने ली तो उसे ‘एंग्री यंग मैन’ का नाम दे दिया गया; मानो समाज से आक्रोशित युवा का यही चेहरा हो सकता है। या हमारा जो सिनेमा नायिका के आँसूओं से नायक के लिए मोक्ष लिख देता है, उस दौर में ऋषभ शेट्टी हमें ऐसे सिनेमा का अनुभव कराते हैं, जहाँ मंदिर की घंटी, पायल की खनक, और देवता की हुँकार ही कथा की रीढ़ है। कांतारा ने हमें याद दिलाया कि असली सुरक्षा तो लोक-देवता की हुंकार और प्रकृति की आभा में निहित है। गुलिगा और पंजुरली की गूँज जब सिन...

फिल्म Siddharth में सारे कपडे उतारने वाली सिमी ग्रेवाल रावण को ‘शरारती’ बता दशहरे का मजाक उड़ा रही : हिंदू परंपराओं पर हमला और महिलाओं की पीड़ा को हल्का दिखाने का वामपंथी प्रोपेगेंडा फिर आया सामने

    सिमी ग्रेवाल ने एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने रावण द्वारा सीता का अपहरण करने के अपराध को 'थोड़ा शरारती' बताया (साभार - ऑपइंडिया इंग्लिश) फिल्म  Siddharth में शशि कपूर के सामने सारे कपडे उतारने वाली नायिका सिमी ग्रेवाल आज हिन्दू महाकाव्य "रामायण" के शारदीय नवरात्रों में विमोचन करने पर रावण को मोहरा बनाकर घिनौना खेल खेल रही है। फिल्म की पब्लिसिटी में सिमी का यही पोज़ इस्तेमाल किया गया था। ये नायिका जिस तरह हिन्दू धर्म और परम्पराओं पर हमला कर रही है क्या अन्य मजहबों पर इसी तरह हमला करने की हिम्मत कर सकती है?     फिल्म सिद्धार्थ में वस्त्रहीन सिमी और शशि कपूर  हर साल दशहरे पर पूरे भारत में रावण के पुतले जलाए जाते हैं। करोड़ों हिंदुओं के लिए यह सिर्फ एक तमाशा नहीं बल्कि एक ऐसा संस्कार है जो यह याद दिलाता है कि धर्म हमेशा अधर्म पर विजय पाता है। यह हमारी सभ्यता का संदेश है कि बुराई चाहे कितनी भी ताकतवर या चालाक क्यों न हो, अंततः उसे धर्म और सत्य के आगे हारना ही पड़ता है। लेकिन इस बार अभिनेत्री और निर्माता सिमी ग्रेवाल ने इस पर सवाल उठाकर विवाद खड़ा कर दिय...

केवल फिल्म नहीं है ‘द बंगाल फाइल्स’, उस भयावह सत्य से कराती है साक्षात्कार जिसे ‘गंगा-जमुनी तहजीब’ की चादर में छिपाया

‘द बंगाल फाइल्स’ वो फिल्म है जो हमारे उस बनावटी विश्वास को चकनाचूर कर देती है कि हम एक शांतिपूर्ण, धर्मनिरपेक्ष और सभ्य समाज में जी रहे हैं। ये फिल्म न सिर्फ एक कहानी सुनाती है, बल्कि आपको उस खूनी बँटवारे के दर्दनाक सच से रू-ब-रू कराती है, जिसे हमारे इतिहासकारों और बंगाल के बुद्धिजीवियों ने हमारी यादों से जैसे मिटा सा दिया है। ये फिल्म सिर्फ मनोरंजन नहीं करती, ये आपको सोचने पर मजबूर करती है कि हमारे साथ क्या हुआ था और आज भी क्या हो रहा है। जब कोई शानदार फिल्म खत्म होती है, तो लोग तालियाँ बजाते हैं, खुशी से झूम उठते हैं। लेकिन मैं ‘द बंगाल फाइल्स’ देखने के बाद चुप क्यों बैठा रहा? मैंने बाकी दर्शकों के साथ तालियाँ क्यों नहीं बजाईं? ये सवाल मेरे मन में बार-बार घूम रहा था। इसका जवाब ये नहीं कि फिल्म अच्छी नहीं थी। बल्कि ये फिल्म सिर्फ एक फिल्म नहीं थी। इसने मुझे भारत के उस खूनी बँटवारे के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया, जिसे हमारे सरकारी इतिहासकारों और बंगाल के बुद्धिजीवियों ने हमसे छुपाया। ये फिल्म आपको झकझोरती है, आपके सामने सवाल खड़े करती है कि हमारे साथ क्या हुआ था और आज भी क्या हो रह...

1200 यहूदियों की हत्या को स्वरा भास्कर ने धोया-पोंछा, हमास आतंकियों पर नहीं फूटा बोल, गाजा पर रोना-धोना: ये मक्कारी नहीं तो और क्या?

                                                            साभार: X/ Swara Bhaskar हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर वीभत्स आतंकी हमला किया था। महिलाओं और बच्चों समेत हजारों लोगों को मारा गया, रेप किए और सैकड़ों लोग बंधक बनाए गए। इसके जवाब में जब इजरायल ने गाजा में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया तो तथाकथित सेकुलर जमात का रोना शुरू हो गया। आज तक आतंकी संगठन हमास और इसके समर्थको को यह नहीं कहा कि स्कूल और हॉस्पिटल में अपने ठिकाने क्यों बनाए? इजराइल ने किसी आम नागरिक को निशाना नहीं बनाया बल्कि आतंकी अड्डों को बनाया। जबकि कि फिलिस्तीन ने आम नागरिकों को निशाना बनाया उसके खिलाफ किसी ने एक भी लब्ज नहीं बोला? यह कौन-सा दोगलापन है? इन दोगलों को एक बात समझ जनि चाहिए कि ये दोगलापन अब ज्यादा दिन चलने वाला नहीं। बहुत जल्द आतंकवाद के साथ-साथ इस दोगलेपन का खात्मा होगा।        स्वरा भास्कर जैसे लोग हमास के आतंकियों पर सवाल उठाने के ब...

कमल हासन ने सनातन पर उगला जहर, शिक्षा के बहाने बताया धर्म को ‘जंजीर’: डेंगू-मलेरिया बोलने पर उदयानिधि को भी बचा चुके

राज्यसभा सांसद और अभिनेता कमल हासन ने सनातन परंपरा को लेकर विवादित टिप्पणी की है। मक्कल निधि मय्यम (MNM) मुखिया कमल हासन ने चेन्नई में एक कार्यक्रम के दौरान सनातन पर निशाना साधते हुए कहा कि शिक्षा ही वह हथियार है जो सनातन को तोड़ सकती है। उनके इस बयान को लेकर हिन्दू संगठनों ने कड़ा विरोध दर्ज करवाया है। कमल हासन ने क्या कहा? कमल हासन अपने बयान में नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) को लेकर हमलावर थे और इस दौरान उन्होंने कहा, “किसी और चीज़ को छोड़कर सिर्फ शिक्षा को ही अपने हाथ में लो।” उन्होंने कहा, “बहुसंख्यक मूर्ख तुम्हें हरा देंगे, केवल शिक्षा ही नहीं हरा पाएगी।” हासन ने आगे कहा, “शिक्षा ही एकमात्र हथियार है जो तानाशाही और सनातन की जंजीरों को तोड़ सकता है।” बीजेपी ने किया हासन का विरोध बीजेपी के नेताओं ने कमल हासन के इस बयान पर एतराज जताते हुए इसका विरोध किया है। तमिलनाडु की बीजेपी नेता तमिलसाई सुंदरराजन ने कहा कि कमल हासन ने हिंदू भावनाओं को ठेस पहुँचाई है। उन्होंने कहा कि वह अब केवल एक अभिनेता नहीं है और उन्हें राज्यसभा सांसद होने के नाते उन्हें अधिक जिम्मेदार होना ...

मुझे नहीं देखना किसी का वक्ष-नितंब… 20 मिनट में ही नंगों की महफिल से भागीं सुचित्रा कृष्णमूर्ति हिरोइन

                                                    सुचित्रा कृष्णमूर्ति (साभार: बॉलीवुड हंगामा) 90 के दशक में बॉलीवुड में नजर आने वाली एक्ट्रेस सुचित्रा कृष्णामूर्ति ने हाल में न्यूड पार्टी में शामिल होने की बात अपने एक्स अकॉउंट पर स्वीकार की। सुचित्रा ने बताया कि वो बर्लिन में न्यूड पार्टी का हिस्सा बनीं और वहाँ जाकर उन्हें इतना अजीब लगा कि उन्होंने 20 मिनट में ही उस जगह को छोड़ दिया और घर आकर मन शांत करने के लिए गायत्री मंत्र सुना। सुचित्रा ने इस घटना के बारे में 14 जुलाई को ट्वीट किया था। अपने ट्वीट में उन्होंने बताया था- “मैंने अभी अभी बर्लिन में एक बॉडी पॉजिटिविटी/नेकेड पार्टी अटेंड की। मुझे वो कहावत याद आ गई- इतने भी खुले दिमाग के मत बनो कि दिमाग ही बाहर गिर जाए। मैं हमेशा देसी गर्ल रहूँगी। नहाने की जरूरत महसूस हो रही है और थोड़ा सा गायत्री मंत्र का जाप करना जरूरी लग रहा है। बाप रे।” Just attended a body positivity/ naked party in Berlin. Reminded me ...

डियर निब्बा-निब्बी! रोना-धोना छोड़ खुद को मेच्योर बनाओ, क्योंकि जीवन ‘सैयारा’ है…

                                                                                         फिल्म सैयारा का एक सीन (फोटो साभार: Indianexpress)                                      सैयारा मैं सैयारा, सैयारा तू सैयारा                                       सितारों के जहाँ में मिलेंगे अब यारा वैसे तो ऊपर की पंक्तियाँ सलमान खान और कटरीना कैफ की फिल्म ‘एक था टाइगर’ के एक गाने की हैं। यह फिल्म 2012 में रिलीज हुई थी। 13 साल बाद एक बार फिर अरबी भाषा का शब्द ‘सैयारा’ चर्चा में है। मोटे तौर पर सैयारा का अर्थ गतिमान या सफर होता है। पर जब यह शायरी का लिबास ओढ़ती है तो इसका उपयोग प्रेम/आकर्षण के ...

सूने दिलों में धड़कन जगाने आया भोलेनाथ का सावन का महीना और वीणा के तारों को चार चाँद लगाते फिल्मों के गीत 'सावन का महीना पवन करे सोर(शोर) से लेकर ‘मोहब्बत बरसा देना’

सावन का महीना जिसे भोलेनाथ शिव के नाम से अधिक जाना जाता है लेकिन भोलेनाथ सिर्फ स्वयं आनन्दित होते समस्त सृष्टि को भी आनन्दित कर देते हैं।  सावन महीना इतना ऊर्जावान होता है कि बच्चों से लेकर वृद्ध तक में नवचेतना दौड़ने लगती है। प्रकृति भी इससे अछूती नहीं रहती। वर्षा ऋतु से चारों ओर हरियाली होने से उपवनों में खिलते पुष्प भी प्रकृति को नवजीवन प्रदान करती है। आकाश पर इंद्रधनुष मन को लुभाते हैं। ऐसे में गीतकार क्यों चूंके। फिल्मों में एक से बढ़कर एक गीतों की हुई रचना से समस्त सृष्टि ख़ुशी में झूम जाती है। कई गाने तो इतने चर्चित होते हैं कि पूरी की पूरी फिल्म की बॉक्स ऑफिस पर धूम मचवा देते हैं।    विक्रम संवत 2082, मास – श्रावण। श्रावण, जिसे लोकभाषा में सावन कहते हैं, अपने साथ कितना कुछ लेकर आता है ।   सावन सिर्फ़ झमाझम बारिश, चारों तरफ पसरी हरियाली और खा-खाकर अघाए शाकाहारी पशुओं का ही महीना नहीं है – बल्कि ये रचनात्मकता का शिखर छूने वालों के लिए भी एक आदर्श महीना है। इतिहास तो यही कहता है। बॉलीवुड के गीतकारों ने इसी महीने के ऊपर एक से बढ़कर एक गीत लिखे हैं, जिन पर फिल्...

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To write on general topics and specially on films;THE BLOGS ARE DEDICATED TO MY PARENTS:SHRI M.B.L.NIGAM(January 7,1917-March 17,2005) and SMT.SHANNO DEVI NIGAM(November 23,1922-January24,1983)