आस्था और विश्वास पर टिका आंध्र प्रदेश के अनंतपुर का एक मंदिर आज भी धर्म और विज्ञान के लिये अबूझ पहेली बना हुआ है। मंदिर वैसे तो अपने इतिहास के लिये प्रसिद्ध है, लेकिन मंदिर से जुड़ा एक चमत्कार आज भी लोगों के लिये चुनौती बना है। पैर के निशान - यहां एक पैर का निशान भी है, जिसको लेकर अनेक मान्यताएं हैं। इस निशान को त्रेता युग का गवाह माना जाता है। कोई इसे राम का पैर तो कोई सीता के पैर का निशान मानते हैं। बताते हैं कि ये वही स्थान है, जहां जटायु ने राम को रावण का पता बताया था। नृत्य मंडप - मंदिर का सबसे रहस्यमय हिस्सा नृत्य मंडप है। मंडप पर कुल 70 पिलर यानी खंभे मौजूद हैं, जिसमें से 69 खंभे वैसे ही हैं, जैसे होने चाहिए। मगर एक खंभा दूसरों से एकदम अलग है, वो इसलिए क्योंकि ये खंभा हवा में है। यानी इमारत की छत से जुड़ा है, लेकिन जमीन के कुछ सेंटीमीटर पहले ही खत्म हो गया। बदलते वक्त के साथ ये अजूबा एक मान्यता बन चुका है।कुछ लोग इस मंडप को शिव और पार्वती के विवाह से भी जोड़ते हैं, क्योंकि पौराणिक कथाओं के मुताबिक महादेव और पार्वती का विवाह इसी जगह पर हुआ था। स्वयंभू शिवलिंग - इस धाम...