विराथु… जी हाँ, बस ये शब्द ही काफी है म्यांमार में, इस शब्द को सुनकर मुस्लिमों में कंपकपी मच जाती है। विराथु वो संत हैं जिन्होंने आतंक के खिलाफ पूरे म्यांमार को खड़ा कर दिया गया और फिर वहां से लोगों ने अवैध मुस्लिमों को खदेड़ डाला! लोग जो भगवान बुद्ध की बातों पर अमल करते आ रहे थे उन लोगों ने देश की रक्षा के लिए बुद्ध की बातों को छोड़ संत विराथु की बातों पर अमल किया! विराथु ने कहा, “चाहे आप कितने भी दयावान और शांतिप्रिय हो पर आप एक पागल कुत्ते के साथ नहीं सो सकते अन्यथा आपकी शांति वहां कोई काम नहीं आएगी और आप बर्बरता से ख़त्म कर दिए जाओगे… “उन्होंने कहा, “शांति स्थापित करने के लिए हथियार उठाना होगा, शांति के लिए युद्ध जरुरी” ये सारी बातें विराथु ने गीता से ली! और फिर आतंक की बीमारी झेल रहे म्यांमार के लोग एकजुट हो गए वो विराथु के लिए जान लेने और देने को तैयार हो गए और पूरे म्यांमार से अवैध मुसलमानो को खदेड़ा जाने लगा! विराथू के प्रवचनों को अगर कोई सुने तो उसे लग सकता है कि शांत स्वरों में मोक्षप्राप्ति की बात चल रही है! दृष्टि नीचे किए हुए जब वह अपना प्रवचन दे रहे होते हैं, तो ...