
अलगाववादी वैसे तो सुरक्षा बलों पर स्थानीय लोगों के साथ 'ज्यादती' का आरोप लगाते रहते हैं और हिंसक भीड़ व पत्थरबाजों तक से निपटने के लिए उनकी सख्ती पर सवाल उठाते रहे हैं, पर अपहरण के ऐसे मामलों पर कभी अपनी जुबान नहीं खोलते। अलगाववादियों के इस दोहरे रवैये को लेकर अब जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री व नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी सवाल उठाए हैं।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, '11 अपहरण! यह घाटी में चिंताजनक हालात को दर्शाता है। लेकिन सबसे दुखद 'चुनिंदा मसलों का विरोध' है। जो लोग और नेता सुरक्षा बलों की कथित ज्यादतियों को लेकर मुखर रहे हैं, वे इन अपहरणों पर आवाज नहीं उठाते।'
11 abductions! This is a very worrying reflection of the situation in the valley. What’s worse is the selective outrage - people/leaders who are so vocal about alleged security force excesses are silent about these abductions.
राज्य के त्राल में भी आतंकियों ने एक पुलिसकर्मी के घर हमला कर उसके बच्चे को अगवा कर लिया। आतंकियों ने अगस्त 29 को भी पुलवामा जिले से एक जवान के बेटे को अगवा कर लिया था।
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