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यूपीः पूर्व मुख्यमंत्रियों को 15 दिन में खाली करना होगा सरकारी बंगला

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश के सभी छह पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला खाली करने का आदेश जारी कर दिया गया है। राज्य संपत्ति विभाग ने बृहस्पतिवार को नोटिस जारी करते हुए बंगले खाली करने के लिए 15 दिन का समय दिया है। शीर्ष अदालत 10 दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन आवास आवंटित करना अवैध ठहरा चुकी है।
शीर्ष कोर्ट का आदेश मिलने के बाद राज्य संपत्ति विभाग ने इसे न्याय विभाग की राय के लिए भेज दिया था। न्याय विभाग ने 10 मई को बंगले खाली करने के लिए नोटिस भेजने पर सहमति जताई थी।
न्याय विभाग से नोटिस के ड्राफ्ट का अनुमोदन कराकर राज्य संपत्ति अधिकारी योगेश कुमार शुक्ला ने बृहस्पतिवार को नोटिस भेज दिया। संभावना है कि शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्रियों को नोटिस रिसीव हो जाएगा।

अदालत ने खारिज किया था आवंटन का कानून

सुप्रीम कोर्ट ने 7 मई के आदेश में उप्र. मंत्री (वेतन, भत्ता और प्रकीर्ण) (संशोधन) अधिनियम को निरस्त कर दिया था। यह एक्ट सुप्रीम कोर्ट के 1 अगस्त 2016 के उस आदेश बाद बनाया गया था, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास आवंटन को अवैध ठहराते हुए उनसे दो माह में बंगले खाली कराने को कहा गया था।


इसके बाद तत्कालीन अखिलेश सरकार ने पूर्व सीएम के बंगलों के आवंटन को कानूनी जामा पहनाने के लिए विधानमंडल के दोनों सदनों से अधिनियम पारित कराया। लोक प्रहरी ने इसी अधिनियम को चुनौती दी थी, जिसे शीर्ष कोर्ट ने निरस्त कर दिया था।
1980 से दी जा रही थी ताउम्र आवास की सुविधा
प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को 1980 से आजीवन आवास सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इन बंगलों का किराया बेहद कम है, लेकिन इनकी मरम्मत पर हर साल लाखों रुपये खर्च होते हैं। सभी पूर्व सीएम के बंगले राजधानी के वीआई इलाकों में हैं।


इन सीएम को नोटिस, कई वर्षों पहले किया गया था आवंटित


यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान गृहमंत्री राजनाथ सिंह।

एनडी तिवारी–माल एवेन्यू में–आवंटन: वर्ष 1989
कल्याण सिंह–माल एवेन्यू में–वर्ष : 1991
मुलायम सिंह यादव–विक्रमादित्य मार्ग–1992
राजनाथ सिंह–कालिदास मार्ग–2000      
मायावती–माल एवेन्यू–1995
अखिलेश यादव–विक्रमादित्य मार्ग–2016
मामले पर राज्य संपत्ति अधिकारी योगेश कुमार शुक्ला का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास खाली कराने के लिए नोटिस भेजा गया है। इसके लिए उन्हें 15 दिन का समय दिया गया है।
मुलायम सिंह को मिला बंगला खाली करने का नोटिस 
पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने शनिवार को सरकारी बंगला खाली कराए जाने संबंधी नोटिस रिसीव कर लिया। इसके साथ ही उन्होंने किराए के घर की तलाश शुरू कर दी है। सपा के राज्यसभा सदस्य संजय सेठ ने उन्हें कुछ मकान दिखाए हैं।
राज्य संपत्ति अधिकारी योगेश शुक्ला ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में छह पूर्व मुख्यमंत्रियों को 15 दिन में बंगले खाली करने के नोटिस जारी किए थे।
मई 18 को कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह, मायावती व अखिलेश यादव ने नोटिस रिसीव कर लिए थे, लेकिन मुलायम के स्टाफ ने उनसे बातचीत के बगैर नोटिस लेने से इन्कार कर दिया था।
मई 19 को 5, विक्रमादित्य मार्ग स्थित आवास पर उनके स्टाफ को नोटिस तामील करा दिया गया। एनडी तिवारी को आवास खाली करने का नोटिस दिल्ली भेजा गया है। वे वहां एक अस्पताल में भर्ती हैं।
मायावती ने कर दिया खेल
यूपी की पूर्व सीएम मायावती ने तो अपने लखनऊ के 13ए मॉल एवेन्‍यू सरकारी आवास को तोड़कर महल बना लिया है. कई एकड़ में बने इस भव्य महल में फिलहाल मायावती रहती हैं. वह तमाम सुविधाओं का लाभ भी उठा रही हैं. मायावती 1995, 1997, 2002-03 और 2007 से 2012 तक प्रदेश की सीएम रहीं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उन्‍होंने मायावती ने अपने सरकारी आवास के सामने एक नया बोर्ड लगवा दिया है. बंगले के सामने लगे नए बोर्ड पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा है, “कांशीराम जी यादगार विश्राम स्थल”. माना जा रहा है कि मायावती अपने अगले कदम के तौर पर बंगले के अंदर ही कांशीराम संग्रहालय होने की दलील दे सकती हैं. अगर मायावती की यह दलील राज्य संपत्ति विभाग द्वारा स्वीकार कर ली जाती है तो पूर्व मुख्यमंत्री का यह बंगला बच सकता है. ये बंगला उन्हें साल 1995 से आवंटित है.

एनडी तिवारी का कुछ पता नहीं
पहली बार 1976 से 1977 तक प्रदेश के मुख्‍यमंत्री रहे. इसके बाद 1984, 1985 और फिर 1988 से 1989 तक यूपी के मुख्‍यमंत्री रहे. एनडी तिवारी के पास दो सरकारी बंगले हैं. बतौर पूर्व मुख्‍यमंत्री एनडी तिवारी के पास एक बंगला लखनऊ में है तो दूसरा उत्तराखंड में. एनडी तिवारी 2002 से 2007 तक उत्‍तराखंड के भी मुख्‍यमंत्री रहे. एनडी तिवारी ने अपने बंगले के अंदर काफी बदलाव किया है. इसमें उन्‍होंने बगीचा लगवाया और मंदिर बनवाया है. अभी तक एनडी तिवारी की ओर से बंगला खाली करने को लेकर कोई बयान या जानकारी नहीं दी गई है.

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