
आर.बी.एल.निगम,वरिष्ठ पत्रकार
उन्नाव गैंगगरेप केस में आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को सीबीआई ने शुक्रवार(अप्रैल 13) तड़के हिरासत में ले लिया और पूछताछ की गई। इस मामले में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। पता चला है कि किसी जमाने में आरोपी विधायक और पीड़ित महिला के परिवार में ‘मैत्रीपूर्ण रिश्ते’ थे। मखी गांव में दोनों परिवारों के घर आमने-सामने हैं। पीड़ित लड़की और उसके भाई-बहन विधायक को ‘भइया’ कहते थे। यानि विधायक ने भाई-बहन के रिश्ते को भी तार-तार कर दिया।
आज हालात ये हो गये है कि सरकार चाहे किसी की है पर माननीय अपनी टपकती लार को छुपा नहीं पाते ।कुछ माननीयों ने राजनीति को इतना गंदा कर दिया ।कि अब महिलाऔं को सौ बार सोचना पडता है कि सकिय राजनीति करें या नहीं ।कोई महिला देखी नहीं कि उनकी नजर महिला के शरीर कै ऐसे देखते है कि उनका बस चले तो कया ना कर डाले। दल बदलू नेता इतने ताकतवर होते है कि अपने पैसा के दम पर सब काम करने की ताकत रखते है। जो इस समय बीजेपी का विधायक हैं सारी पाटियों मै घूमा है ये इतना बड़ा क्रीमनल है कि कितने तो मुकदमे है इस पर पूरा परिवार क्रीमनल है इसके छोटे भाई पर हत्या का केस चल रहा है। जब बसपा मै में था क्या नहीं किया पूरा उन्नाव जिला इस से परेशान था इन लोगों की सोच को कैसे बदल सकते है ऐसें लोगों को सख्त सजा होनी चाहिए। सफेदपोश कपडे पहनने से कुछ नहीं होगा। मन मै इतना जहर भरा हो। और हमारे भारतीय समाज में हमेशा औरत की तरफ उगंली उठतीं हैं। ये देश का दुर्भाग्य है।
पिछले साल जून में विधायक ने उसे ‘नौकरी’ देने की बात कहकर घर बुलाया। इसके बाद वह एक रिश्तेदार के साथ आरोपी विधायक के घर गई और यह वारदात हो गई। पीड़ित ने द इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में दोनों परिवारों के बीच के रिश्तों और उन घटनाओं का विस्तार से जिक्र किया है, जिसके बाद पिछले साल उसके साथ कथित तौर पर गैंगरेप हुआ।
अवलोकन करें:--
इस मामले को यूपी सरकार ने इस मामले को सीबीआई को सौंपा है। इसके बाद, गुरुवार को आरोपी विधायक के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। पुलिस ने पॉक्सो समेत कई धाराओं में विधायक के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इससे पहले पीड़ित के पिता की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी। आरोपी विधायक के भाई पर पीड़ित के पिता को पीटने का आरोप है।
पीड़िता ने कहा, ‘हम सब उनको भैया कहते थे। हमारे बड़े पापा उनके साथ थे। कभी कभी वो (विधायक) घर आते थे और दादी से कहते थे कि अंडा फ्राई करके खिलाओ तो दादी उन्हें बनाकर खिलाती थी।’ पीड़ित ने बताया कि पिछले साल गैंगरेप की वारदात के बाद जब वह घर लौटी तो वह अपने रिश्तेदार के पास दिल्ली चली गई। पीड़ित ने बताया, ‘दिल्ली में पहली बार मैंने अपनी चाची को इस घटना के बारे में बताया, जिसके बाद उन्होंने चाचा को जानकारी दी।’
पीड़ित ने आगे बताया, ’17 अगस्त 2017 को मैं और चाचा लखनऊ गए और वहां सीएम योगी आदित्यनाथ के घर पर अपनी दरख्वास्त दी। उन्होंने हमारी दरख्वास्त किसी और व्यक्ति को सौंप दी और कुछ नहीं हुआ।’ पीड़ित ने आगे बताया कि जब सीएम से निजी तौर पर मिलने से भी कुछ नहीं हुआ तो उसने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, यूपी डीजीपी को चिट्ठी लिखकर मदद मांगी।
पीड़ित के मुताबिक, इसके बाद भी कुछ नहीं हुआ। और तो और, पुलिसवालों ने नसीहत दी कि वह इस मामले में बीजेपी विधायक को न लाए। लेकिन पिछले हफ्ते जब पीड़ित ने अपने पिता के साथ मारपीट की घटना सुनी तो उसने अगली ट्रेन पकड़कर लखनऊ पहुंची ताकि सीएम आदित्यनाथ से मुलाकात कर सके।
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