आर.बी.एल.निगम,वरिष्ठ पत्रकार
आज हालात ये हो गये है कि सरकार चाहे किसी की है पर माननीय अपनी टपकती लार को छुपा नहीं पाते ।कुछ माननीयों ने राजनीति को इतना गंदा कर दिया ।कि अब महिलाऔं को सौ बार सोचना पडता है कि सकिय राजनीति करें या नहीं ।कोई महिला देखी नहीं कि उनकी नजर महिला के शरीर कै ऐसे देखते है कि उनका बस चले तो कया ना कर डाले। दल बदलू नेता इतने ताकतवर होते है कि अपने पैसा के दम पर सब काम करने की ताकत रखते है। जो इस समय बीजेपी का विधायक हैं सारी पाटियों मै घूमा है ये इतना बड़ा क्रीमनल है कि कितने तो मुकदमे है इस पर पूरा परिवार क्रीमनल है इसके छोटे भाई पर हत्या का केस चल रहा है। जब बसपा मै था कया नहीं किया पूरा उन्नाव जिला इस से परेशान था इन लोगों की सोच को कैसे बदल सकते है ऐसें लोगों को सख्त सजा होनी चाहिए। सफेदपोश कपडे पहनने से कुछ नहीं होगा।मन मै इतना जहर भरा हो। और हमारे भारतीय समाज में हमेशा औरत की तरफ उगंली उठतीं हैं। ये देश का दुर्भाग्य है।
उन्नाव सामूहिक बलात्कार मामले में आरोपी भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर को शुक्रवार (13 अप्रैल) की तड़के सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया। सेंगर की गिरफ्तारी सुबह 4:30 बजे उनके लखनऊ स्थित पैृतक आवास से की गई. सीबीआई ने इस मामले में रेप, हत्या और अपहरण के तीन अलग-अलग केस दर्ज किए हैं। फिलहाल सीबीआई सेंगर से पूछताछ कर रही है. सीबीआई पीड़िता और उसके परिवार का बयान लेने के लिए उन्नाव भी जा सकती है.
अभी सीबीआई की 7 लोगों की टीम कुलदीप से पूछताछ कर रही है। सीबीआई यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि जिस वक्त यह घटना हुई, वह वक्त वह कहां थे। इससे पहले रात को ही सीबीआई ने मामले से जुड़े दस्तावेजों को अपने हाथ ले लिया था। अब सीबीआई विधायक का मेडिकल कराने के बाद उसे कोर्ट में पेश करेगी, जिसके बाद उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा. जांच एजेंसी विधायक की रिमांड की भी मांग कर सकती है, ताकि मामले में नए सबूत जुटाए जा सकें.
गिरफ्तारी से पहले बीती रात उत्तर प्रदेश पुलिस और सीबीआई अधिकारियों के बीच बैठक हुई थी, जिसमें केस को लेकर चर्चा की गई. गिरफ्तारी से ठीक पहले सीबीआई के पुलिस अधीक्षक और उत्तर प्रदेश पुलिस के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की मुलाकात हुई.
इससे पहले केंद्र ने उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में एक भाजपा विधायक द्वारा 17 वर्षीय लड़की से कथित बलात्कार के मामले की सीबीआई जांच को गुरुवार (12 अप्रैल) को मंजूरी दे दी. एक अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार की सीबीआई जांच की सिफारिश पर कार्मिक मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर दी है. पीड़िता ने पिछले रविवार (8 अप्रैल) को भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ पुलिस की कथित निष्क्रियता को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के बाहर आत्मदाह की कोशिश की थी. इसके बाद यह मामला प्रकाश में आया था.
विधायक की गिरफ्तारी न होने पर अदालत की फटकार
उन्नाव में नाबालिग लड़की से सामूहिक बलात्कार के मामले में लोगों में बढ़ते रोष के बीच इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 12 अप्रैल को प्राथमिकी दर्ज होने के बावजूद आरोपी विधायक को गिरफ्तार नहीं करने के लिए राज्य सरकार को फटकार लगाई. अदालत ने चेतावनी दी कि वह अपने आदेश में राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति चरमरा जाने का उल्लेख करने पर मजबूर होगी. उत्तर प्रदेश पुलिस ने आखिरकार सत्तारूढ़ भाजपा के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर नाबालिग लड़की से उन्नाव में कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किये जाने के सिलसिले में 12 अप्रैल को मामला दर्ज कर लिया.
अदालत ने विधायक की अब तक गिरफ्तारी नहीं होने पर कड़ा एतराज जताया था और राज्य सरकार से इस प्रकरण में अब तक की गई कार्रवाई के बारे में पूछा था. राज्य सरकार की ओर से उपस्थित महाधिवक्ता ने बताया कि मामले में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई समेत तीन लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है. इस पर अदालत ने महाधिवक्ता से पूछा कि क्या कुलदीप सिंह सेंगर को भी गिरफ्तार करने की आपकी योजना है. इस पर उन्होंने कहा कि इस बारे में वह कोई बयान देने की स्थिति में नहीं हैं और पुलिस शिकायतकर्ता और गवाहों का बयान दर्ज करने के बाद कानून के अनुसार कार्रवाई करेगी. सेंगर भी बलात्कार के मामले में आरोपी हैं.
अवलोकन करें:--
सेंगर के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर ली थी, लेकिन सबूत नहीं होने की बात कहते हुए गिरफ्तारी से इनकार कर दिया। जबकि, एफआईआर में रेप और अपहरण जैसी संगीन धाराएं लगाई गईं। इस पर एक वकील की चिट्ठी को जनहित याचिका मानते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा। इसके बाद योगी सरकार ने उन्नाव केस की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।
अदालत ने एसआईटी रिपोर्ट का उल्लेख किया और कहा कि एसआईटी रिपोर्ट के अनुसार चिकित्सा अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों की आरोपी को बचाने के लिये साठगांठ थी. इस रिपोर्ट के आधार पर जब उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है तो बलात्कार के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करने के लिये आपको और जांच करने की क्यों आवश्यकता है.
किन धाराओं में सेंगर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई?
कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ धारा 363, 366, 376, 506 और पॉस्को एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया।
तीन रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार ने लिए थे ये फैसले
सरकार ने एसआईटी, जेल डीआईजी और उन्नाव जिला प्रशासन से भी रिपोर्ट मांगी थी। तीनों रिपोर्ट मिलने के बाद गृह विभाग ने बुधवार देर रात फैसले लिए थे।
1) पीड़ित परिवार की हिफाजत: पीड़िता के परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी।
2) तीन डॉक्टरों पर कार्रवाई होगी:जेल अस्पताल के 3 डॉक्टर डॉ. मनोज कुमार (आर्थोसर्जन), डॉ. जीपी सचान (सर्जन) और डॉ. गौरव अग्रवाल (ईएमओ) के खिलाफ लापरवाही बरतने के आरोप में कार्रवाई के आदेश दिए गए।
3) तीन अफसर सस्पेंड: पीड़िता के पिता के इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप में उन्नाव जिला अस्पताल के 2 डॉक्टर डॉ. डीके द्वेदी (सीएमएस) और डॉ. प्रशांत उपाध्याय (ईएमओ) को सस्पेंड किया गया। सीओ सफीपुर कुंवर बहादुर सिंह को मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड किया गया है।
देर रात एसएसपी के बंगले पर पहुंचे थे सेंगर
इससे पहले कुलदीप सेंगर बुधवार और गुरुवार रात 11:45 बजे अपने कई समर्थकों के साथ लखनऊ में एसएसपी के बंगले पर स्थित कैम्प ऑफिस पहुंचे थे। अनुमान था कि वे सरेंडर करने पहुंचे हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वहां से लौटते वक्त सेंगर के समर्थकों ने मीडिया से मारपीट भी की।
क्या है पूरा मामला
आज हालात ये हो गये है कि सरकार चाहे किसी की है पर माननीय अपनी टपकती लार को छुपा नहीं पाते ।कुछ माननीयों ने राजनीति को इतना गंदा कर दिया ।कि अब महिलाऔं को सौ बार सोचना पडता है कि सकिय राजनीति करें या नहीं ।कोई महिला देखी नहीं कि उनकी नजर महिला के शरीर कै ऐसे देखते है कि उनका बस चले तो कया ना कर डाले। दल बदलू नेता इतने ताकतवर होते है कि अपने पैसा के दम पर सब काम करने की ताकत रखते है। जो इस समय बीजेपी का विधायक हैं सारी पाटियों मै घूमा है ये इतना बड़ा क्रीमनल है कि कितने तो मुकदमे है इस पर पूरा परिवार क्रीमनल है इसके छोटे भाई पर हत्या का केस चल रहा है। जब बसपा मै था कया नहीं किया पूरा उन्नाव जिला इस से परेशान था इन लोगों की सोच को कैसे बदल सकते है ऐसें लोगों को सख्त सजा होनी चाहिए। सफेदपोश कपडे पहनने से कुछ नहीं होगा।मन मै इतना जहर भरा हो। और हमारे भारतीय समाज में हमेशा औरत की तरफ उगंली उठतीं हैं। ये देश का दुर्भाग्य है।
उन्नाव सामूहिक बलात्कार मामले में आरोपी भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर को शुक्रवार (13 अप्रैल) की तड़के सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया। सेंगर की गिरफ्तारी सुबह 4:30 बजे उनके लखनऊ स्थित पैृतक आवास से की गई. सीबीआई ने इस मामले में रेप, हत्या और अपहरण के तीन अलग-अलग केस दर्ज किए हैं। फिलहाल सीबीआई सेंगर से पूछताछ कर रही है. सीबीआई पीड़िता और उसके परिवार का बयान लेने के लिए उन्नाव भी जा सकती है.
अभी सीबीआई की 7 लोगों की टीम कुलदीप से पूछताछ कर रही है। सीबीआई यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि जिस वक्त यह घटना हुई, वह वक्त वह कहां थे। इससे पहले रात को ही सीबीआई ने मामले से जुड़े दस्तावेजों को अपने हाथ ले लिया था। अब सीबीआई विधायक का मेडिकल कराने के बाद उसे कोर्ट में पेश करेगी, जिसके बाद उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा. जांच एजेंसी विधायक की रिमांड की भी मांग कर सकती है, ताकि मामले में नए सबूत जुटाए जा सकें.
गिरफ्तारी से पहले बीती रात उत्तर प्रदेश पुलिस और सीबीआई अधिकारियों के बीच बैठक हुई थी, जिसमें केस को लेकर चर्चा की गई. गिरफ्तारी से ठीक पहले सीबीआई के पुलिस अधीक्षक और उत्तर प्रदेश पुलिस के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की मुलाकात हुई.
इससे पहले केंद्र ने उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में एक भाजपा विधायक द्वारा 17 वर्षीय लड़की से कथित बलात्कार के मामले की सीबीआई जांच को गुरुवार (12 अप्रैल) को मंजूरी दे दी. एक अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार की सीबीआई जांच की सिफारिश पर कार्मिक मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर दी है. पीड़िता ने पिछले रविवार (8 अप्रैल) को भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ पुलिस की कथित निष्क्रियता को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के बाहर आत्मदाह की कोशिश की थी. इसके बाद यह मामला प्रकाश में आया था.
विधायक की गिरफ्तारी न होने पर अदालत की फटकार
उन्नाव में नाबालिग लड़की से सामूहिक बलात्कार के मामले में लोगों में बढ़ते रोष के बीच इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 12 अप्रैल को प्राथमिकी दर्ज होने के बावजूद आरोपी विधायक को गिरफ्तार नहीं करने के लिए राज्य सरकार को फटकार लगाई. अदालत ने चेतावनी दी कि वह अपने आदेश में राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति चरमरा जाने का उल्लेख करने पर मजबूर होगी. उत्तर प्रदेश पुलिस ने आखिरकार सत्तारूढ़ भाजपा के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर नाबालिग लड़की से उन्नाव में कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किये जाने के सिलसिले में 12 अप्रैल को मामला दर्ज कर लिया.
अदालत ने विधायक की अब तक गिरफ्तारी नहीं होने पर कड़ा एतराज जताया था और राज्य सरकार से इस प्रकरण में अब तक की गई कार्रवाई के बारे में पूछा था. राज्य सरकार की ओर से उपस्थित महाधिवक्ता ने बताया कि मामले में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई समेत तीन लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है. इस पर अदालत ने महाधिवक्ता से पूछा कि क्या कुलदीप सिंह सेंगर को भी गिरफ्तार करने की आपकी योजना है. इस पर उन्होंने कहा कि इस बारे में वह कोई बयान देने की स्थिति में नहीं हैं और पुलिस शिकायतकर्ता और गवाहों का बयान दर्ज करने के बाद कानून के अनुसार कार्रवाई करेगी. सेंगर भी बलात्कार के मामले में आरोपी हैं.
अवलोकन करें:--
सेंगर के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर ली थी, लेकिन सबूत नहीं होने की बात कहते हुए गिरफ्तारी से इनकार कर दिया। जबकि, एफआईआर में रेप और अपहरण जैसी संगीन धाराएं लगाई गईं। इस पर एक वकील की चिट्ठी को जनहित याचिका मानते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा। इसके बाद योगी सरकार ने उन्नाव केस की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।
अदालत ने एसआईटी रिपोर्ट का उल्लेख किया और कहा कि एसआईटी रिपोर्ट के अनुसार चिकित्सा अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों की आरोपी को बचाने के लिये साठगांठ थी. इस रिपोर्ट के आधार पर जब उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है तो बलात्कार के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करने के लिये आपको और जांच करने की क्यों आवश्यकता है.
किन धाराओं में सेंगर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई?
कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ धारा 363, 366, 376, 506 और पॉस्को एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया।
तीन रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार ने लिए थे ये फैसले
सरकार ने एसआईटी, जेल डीआईजी और उन्नाव जिला प्रशासन से भी रिपोर्ट मांगी थी। तीनों रिपोर्ट मिलने के बाद गृह विभाग ने बुधवार देर रात फैसले लिए थे।
1) पीड़ित परिवार की हिफाजत: पीड़िता के परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी।
2) तीन डॉक्टरों पर कार्रवाई होगी:जेल अस्पताल के 3 डॉक्टर डॉ. मनोज कुमार (आर्थोसर्जन), डॉ. जीपी सचान (सर्जन) और डॉ. गौरव अग्रवाल (ईएमओ) के खिलाफ लापरवाही बरतने के आरोप में कार्रवाई के आदेश दिए गए।
3) तीन अफसर सस्पेंड: पीड़िता के पिता के इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप में उन्नाव जिला अस्पताल के 2 डॉक्टर डॉ. डीके द्वेदी (सीएमएस) और डॉ. प्रशांत उपाध्याय (ईएमओ) को सस्पेंड किया गया। सीओ सफीपुर कुंवर बहादुर सिंह को मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड किया गया है।
देर रात एसएसपी के बंगले पर पहुंचे थे सेंगर
इससे पहले कुलदीप सेंगर बुधवार और गुरुवार रात 11:45 बजे अपने कई समर्थकों के साथ लखनऊ में एसएसपी के बंगले पर स्थित कैम्प ऑफिस पहुंचे थे। अनुमान था कि वे सरेंडर करने पहुंचे हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वहां से लौटते वक्त सेंगर के समर्थकों ने मीडिया से मारपीट भी की।
क्या है पूरा मामला
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