Skip to main content

CIC ने मोदी के अफ़सरों को तलब किया,नहीं दे रहे हैं नोटबंदी से जुड़ी सूचनायें

Image result for rk mathur cicमुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) आरके माथुर ने नोटबंदी के निर्णय से संबंधित रिकॉर्ड रखने वाले प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अधिकारियों को उनके समक्ष पेश होने के निर्देश दिए हैं और यह बताने को कहा है कि दस्तावेजों के खुलासे से देश के आर्थिक हितों पर कैसे असर पड़ेगा?
आरटीआई आवेदक आर.एल केन के मामले में माथुर ने राष्ट्रपति भवन के उस तर्क को खारिज कर दिया था कि उनका सवाल सूचना की परिभाषा के तहत नहीं आता, जिसे आरटीआई कानून के तहत पूछा जाए।
केन ने सवाल पूछा था कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और एक हजार रुपये के नोटों को बंद करने और दो हजार रुपये का नया नोट जारी करने के अपने निर्णय से राष्ट्रपति को अवगत कराया था।
Image result for rk mathur cicनोटबंदी पर उनकी याचिका में पूछे गए सवालों पर पीएमओ, राष्ट्रपति सचिवालय और वित्त मंत्रालय से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के बाद केन ने आयोग का रुख किया था।
उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय से नोटबंदी से संबंधित फाइल पर प्रधानमंत्री द्वारा स्वीकृत अनुमोदन की प्रमाणित कॉपी मांगी थी। साथ ही दो हजार के नोटों की नई श्रृंखला लाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक कानून, 1934 की धारा 24 के तहत नोटों की मौजूदा प्रचलित सूची के संशोधन के लिए स्वीकृति देने वाली कॉपी की भी मांग की थी।
Image result for demonitisation अपनी याचिका में केन ने 8 नवंबर 2016 को दूरदर्शन पर प्रधानमंत्री द्वारा नोटबंदी के फैसले की घोषणा वाले भाषण की असंपादित रिकॉर्डिंग भी मांगी थी।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने कुछ मामलों में धारा 8(1)(ए) का हवाला देते हुए पूरी सूचना याचिकाकर्ता को यह कहते हुए देने से इनकार कर दिया कि उसके द्वारा मांगी गई जानकारी आरटीआई कानून के तहत ‘सूचना’ के दायरे में नहीं आती। यह धारा उन सूचनाओं का खुलासा न करने की छूट देती है जिन सूचनाओं से देश के आर्थिक हित प्रभावित हों।
माथुर ने कहा, ‘आयोग का मत है कि प्रतिवादी (पीएमओ) को सूचना न देने के संबंध में अपने द्वारा दिए उन कारणों की व्याख्या करनी चाहिए जो उनके दावे अनुसार आरटीआई की धारा 8(1)(ए) के तहत देश के आर्थिक हितों पर प्रभाव डालते हैं। इसलिए आयोग ने पाया कि रिकॉर्ड रखने वाले संबंधित केंद्रीय जनसूचना अधिकारी (सीपीआईओ) को अगली सुनवाई में आयोग के समक्ष प्रस्तुत होना चाहिए।’
Image result for rk mathur cicमाथुर ने अपने आदेश में जिक्र किया है कि राष्ट्रपति सचिवालय को भेजी अपनी आरटीआई में केन ने जानकारी मांगी थी कि क्या प्रधानमंत्री ने नोटबंदी और 2000 रुपये के नए लोट लाने के अपने फैसले के संबंध में राष्ट्रपति से भी चर्चा की थी, उन्हें सूचित किया था? उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा न करना भारतीय रिजर्व बैंक कानून, 1934 की धारा 24 और 25 का उल्लंघन है।
केन ने कहा कि प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री या किसी भी अधिकारी द्वारा कोई भी जरूरी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। इस संबंध में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 8(A) के तहत जरूरी कोई भी सूचना राष्ट्रपति को नहीं भेजी गई थी।
माथुर ने कहा, ‘केन इस संबंध में सूचना चाहते हैं कि कब विवादित आदेश पर राष्ट्रपति को सूचित किया गया या संवैधानिक प्रक्रिया के अनुसार कब स्वयं प्रधानमंत्री राष्ट्रपति से व्यक्तिगत तौर पर मिलने गए। भारतीय राष्ट्रपति की जरूरी प्रावधानों के उल्लंघन के संबंध में क्या प्रतिक्रिया थी?’
केन ने सीआईसी के सामने आरोप लगाया कि नोटबंदी के कारण सारा देश प्रभावित हुआ और 150 लोगों की जान गई, तब भी सचिवालय ने सूचना देने से मना कर दिया।
राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा मांगी गई जानकारी प्रश्नात्मक स्वभाव की है और आरटीआई कानून प्रश्नों के जबाव देने के लिए कोई बाध्यता नहीं डालता है। इसके अलावा कहा गया है कि कैबिनेट के फैसले गुप्त दस्तावेज होते हैं जिनका खुलासा नहीं किया जा सकता है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि राष्ट्रपति कार्यालय ने सूचना के अधिकार की धारा 2(एफ), जो पारिभाषित करती है कि कानून के तहत क्या मांगा जा सकता है, के तहत मांगी गई जानकारी देने से गलत तरीके से इनकार किया है।
माथुर ने अपने आदेश में कहा, ‘राष्ट्रपति सचिवालय द्वारा दिया गया जवाब आयोग द्वारा स्वीकार्य नहीं है। आयोग का विचार है कि मांगी गई प्रश्नात्मक सूचना भी आरटीआई एक्ट की धारा 2(एफ) के तहत सूचना की परिभाषा के अंदर आती है। इसलिए प्रतिवादी या उत्तरदाता को आरटीआई आवेदन के प्रत्येक बिंदु पर याचिकाकर्ता को एक स्पष्ट जवाब देना चाहिए। हालांकि, अगर सूचना छूट प्राप्त है तो उत्तरदाता छूट पाने के लिए स्वतंत्र है।’
एक दूसरे याचिकाकर्ता की याचिका पर अपने पिछले आदेश में आयोग ने कहा था कि नोटबंदी से संबंधित सारे दस्तावेजों का खुलासा किया जाना चाहिए।
तत्कालीन सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्यलु ने पिछले वर्ष मई में कहा था, ‘सभी सार्वजनिक अधिकरण की यह नैतिक, संवैधानिक, सूचना के अधिकार के तहत लोकतांत्रिक जिम्मेदारी है कि वे अगर नोटबंदी के कोई नकारात्मक प्रभाव देखे गए तो उनकी सूचना, कारण, प्रभाव, उनके उपचार के उपाय और नोटबंदी से कौन-कौन प्रभावित हुआ, यह प्रत्येक नागरिक को स्पष्ट करें।’

साभार-पीटीआई /भाषा

Comments

AUTHOR

My photo
shannomagan
To write on general topics and specially on films;THE BLOGS ARE DEDICATED TO MY PARENTS:SHRI M.B.L.NIGAM(January 7,1917-March 17,2005) and SMT.SHANNO DEVI NIGAM(November 23,1922-January24,1983)

Popular posts from this blog

राखी सावंत की सेक्सी वीडियो वायरल

बॉलीवुड की ड्रामा क्वीन राखी सावंत हमेशा अपनी अजीबो गरीब हरकत से सोशल मिडिया पर छाई रहती हैं। लेकिन इस बार वह अपनी बोल्ड फोटो के लिए चर्चे में हैं. उन्होंने हाल ही में एक बोल्ड फोटो शेयर की जिसमें वह एकदम कहर ढाह रही हैं. फोटो के साथ-साथ वह कभी अपने क्लीवेज पर बना टैटू का वीडियो शेयर करती हैं तो कभी स्नैपचैट का फिल्टर लगाकर वीडियो पोस्ट करती हैं. वह अपने अधिकतर फोटो और वीडियो में अपने क्लीवेज फ्लांट करती दिखती हैं. राखी के वीडियो को देखकर उनके फॉलोवर्स के होश उड़ जाते हैं. इसी के चलते उनकी फोटो और वीडियो पर बहुत सारे कमेंट आते हैं. राखी अपने बयानों की वजह से हमेशा सुर्खियों में रहती हैं.राखी अक्सर अपने रिलेशनशिप को लेकर हमेशा चर्चा में बनी रहतीं हैं. राखी कभी दीपक कलाल से शादी और लाइव हनीमून जैसे बयान देती हैं तो कभी चुपचाप शादी रचाकर फैंस को हैरान कर देती हैं. हंलाकि उनके पति को अजतक राखी के अलावा किसी ने नहीं देखा है. वह अपने पति के हाथों में हाथ डाले फोटो शेयर करती हैं लेकिन फोटो में पति का हाथ ही दिखता है, शक्ल नहीं. इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर राखी जो भी शेयर करती हैं वह भी चर्चा ...

भोजपुरी एक्ट्रेस त्रिशा कर मधु का MMS…सोशल मीडिया पर हुआ लीक

सोशल मीडिया पर भोजपुरी एक्ट्रेस और सिंगर त्रिशा कर मधु का MMS लीक हो गया है, जिससे वो बहुत आहत हैं, एक्ट्रेस ने सोशल मीडिया पर अपना दर्द बयां किया है, त्रिशा मधु ने इस बात को कबूल किया है कि वीडियो उन्होंने ही बनाया है लेकिन इस बात पर यकीन नहीं था कि उन्हें धोखा मिलेगा। गौरतलब है कि हाल ही में त्रिशा का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा था जिसमें वह एक शख्स के साथ आपत्तिजनक स्थिति में नजर आ रही थीं। इस वीडियो के वायरल होने के बाद अभिनेत्री ने इसे डिलीट करने की गुहार लगाई साथ ही भोजपुरी इंडस्ट्री के लोगों पर उन्हें बदनाम करने की साजिश का आरोप लगाया। त्रिशा मधु कर ने अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो के साथ पोस्ट लिखा है जिसमें कहा, आप लोग बोल रहे हैं कि खुद वीडियो बनाई है। हां, हम दोनों ने वीडियो बनाया थ। पर मुझे ये नहीं मालूम था कि कल को मेरे साथ धोखा होने वाला है। कोई किसी को गिराने के लिए इतना नीचे तक गिर जाएगा, यह नहीं पता था। इससे पहले त्रिशा ने वायरल हो रहे वीडियो पर अपना गुस्सा जाहिर किया था और कहा था कि उनको बदनाम करने को साजिश की जा रही है। त्रिशा मधु कर ने सोशल मीडिया पर ए...

Netflix फैला रहा हिन्दू घृणा : ‘हल्लिलूय्याह’ बन गया ‘अनंत आनंदम्’, बच्चों का यौन शोषण करने वाला हिन्दू बाबा

                             Netflix लो वेब सीरीज 'राणा नायडू' में वेंकटेश और राणा दग्गुबती भारत में आजकल गालियों और सेक्स को ही वेब सीरीज मान लिया गया है। इसमें अगर हिन्दू घृणा का छौंक लग जाए तो फिर कहना ही क्या। चाहे ‘पाताल लोक’ में पंडित के मुँह से माँ की गाली बुलवाने वाला दृश्य हो या फिर ‘मिर्जापुर’ में ब्राह्मण को लालची बता कर उसे उठा कर भगाने का, OTT पर धड़ाधड़ रिलीज हो रहे ये वेब सीरीज इन मामलों में निराश नहीं करते। ऐसी ही एक नई वेब सीरीज Netflix पर आई है, ‘राणा नायडू’ नाम की। हिन्दू भावनाओं के प्रति जितनी जागरूकता सरकार और हिन्दुओं में देखी जा रही है, उतनी कभी नहीं। 70 के दशक में वैश्यवृत्ति पर आधारित निर्माता-निर्देशक राम दयाल की फिल्म 'प्रभात' का प्रदर्शन हुआ, जिसे विश्व हिन्दू परिषद द्वारा नायक और नायिका के राम एवं सीता होने पर आपत्ति करने राम दयाल को दोनों के नाम परिवर्तित होने को मजबूर होना पड़ा था। इसके अलावा कई फिल्में आयी जिनमें हिन्दू मंदिरो को बदनाम किया जाता रहा है। यही कारण है कि राहुल गाँधी द्वा...