भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चलाने वाले अण्णा हजारे ने पांच सौ और एक हजार रुपए के नोट को अमान्य किए जाने के निर्णय को ‘साहसिक और क्रांतिकारी’ कदम बताते हुए गुरुवार को केंद्र सरकार की प्रशंसा की और कहा कि इससे काले धन पर रोक लगेगी व काला धन, भ्रष्टाचार और आतंकवाद पर लगाम कसेगा।
भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चलाने वाले अण्णा हजारे ने पांच सौ और एक हजार रुपए के नोट को अमान्य किए जाने के निर्णय को ‘साहसिक और क्रांतिकारी’ कदम बताते हुए नवम्बर 10 को केंद्र सरकार की प्रशंसा की और कहा कि इससे काले धन पर रोक लगेगी व काला धन, भ्रष्टाचार और आतंकवाद पर लगाम कसेगा। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने काले धन पर रोक लगाने की कभी भी इच्छाशक्ति नहीं दिखाई। वर्तमान सरकार ने साहसिक कदम उठाया है और इससे लोकतंत्र मजबूत होगा। राजनीतिक दलों के वित्तपोषण में भेदभाव की तरफ इशारा करते हुए वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि सरकार के लिए अगला कदम चुनावी प्रक्रिया को साफ-सुथरा करना होना चाहिए। कुछ राज्यों में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले उन्होंने कहा कि सरकार को अब चुनावी प्रक्रिया और राजनीति से काला धन खत्म करने की चुनौती को स्वीकार करना चाहिए।
साथ ही चुनाव सुधार भी लाना चाहिए। हजारे ने आरोप लगाया कि लगभग सभी राजनीतिक दल चुनावों के लिए बड़ी मात्रा में नकद धन चंदे के रूप में प्राप्त करते हैं। लेकिन आय कर अधिकारियों और आरटीआइ की नजर से बचने के लिए 20 हजार से कम रुपए का रसीद देते हैं। इसलिए समय आ गया है कि सरकार चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करे, ताकि इसे और विश्वसनीय बनाया जा सके। बहरहाल उन्होंने चेतावनी दी कि नए नोट शुरू करने से पहले पर्याप्त सुरक्षा अपनाए जाने की जरूरत है।
जहाँ तक चुनाव में प्रयोग होने वाले काले धन पर अंकुश की बात है, इस सन्दर्भ में अवलोकन करें :--
http://nigamrajendra28.blogspot.in/2016/08/blog-post_26.html
जहाँ तक चुनाव में प्रयोग होने वाले काले धन पर अंकुश की बात है, इस सन्दर्भ में अवलोकन करें :--
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