देश भर में 500 और 1000 के नोट बंद होने के बाद जहां एक तरफ पूरे देश में अफरा-तफरी मची हुई है वहीं दूसरी तरफ काले धन के मालिक भेद खुलने से बेहद डरे हुए हैं। इसी तरह का एक मामला गाजियाबाद में सामने आया है। यहां करीब 100 कार्टन में नोट भरकर कोई कब्रिस्तान में छोड़ गया। जब पुलिस को इसकी सूचना मिला तो पुलिस आनन फानन में मौके पर पहुंची। इतने नोट देखकर पुलिस भी सन्न रह गई।
मामला गाजियाबाद के लिंक रोड स्थित एक कब्रिस्तान का है। जहां करीब 100 कार्टन मिलने से हड़कंप मच गया। लोगों ने यह नजारा देखा, तो पुलिस को सूचना दी।
पुलिस ने मौके पर पहुंच कर कार्टन खुलवाए तो सन्न रह गई। कार्टन में नोट भरे हुए थे। पुलिस अंदेशा जता रही है कि कल प्रधानमंत्री द्वारा 500 और हजार के नोट बंद करने के एलान के बाद भेद खुलने के डर से काले धन का मालिक ये नोट कार्टन में भर कर यहां छोड़ गया होगा। फिलहाल डब्बों को खोलकर देखा जा रहा है।
दिल्ली से सटे नोएडा से भी कब्रिस्तान में नोटों से भरे बोरे फैंके जाने के समाचार मिलने से शंका होती है कि "आखिर क्यों इस तरह नोटों को कार्टन एवम बोरों में भर कर भेजे जाने वाले नोट नकली तो नहीं?" जैसाकि कल(नवम्बर 8) को रिज़र्व बैंक ने प्रैस वार्ता में कहा था कि देश में 76% 500 रूपए का चलन बढ़ चूका है। और इस तरह नोट फैंकना स्पष्ट संकेत दे रहा है कि 1. या तो ये सभी नोट नकली हैं? या फिर 2. ये नोट देश में साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ने के उद्देश्य से मुस्लिम देशों से आया काला धन होगा? कोई भी अपनी खून पसीने की कमाई को ऐसे ही नहीं फैंकेगा।
केन्द्र और राज्य सरकारों का राजधर्म है कि इन नोटों की जाँच करने के साथ-साथ इन्हें फैंकने वाले कौन है? आखिर कहाँ से आया इतना धन? अगर यह नोट असली थे तो किसी अनाथालय में दान दे दिये होते या निर्धनों में वितरित कर दिए होते। स्पष्ट है कि यह नकली नोट थे, जो चलन में लाकर भारत की अर्थव्यवस्था को चौपट करने की मंशा थी। कुछ भी मोदी ने अचानक इतना बड़ा निर्णय लेकर काले धन और आतंकवाद समर्थकों पर चोट करने के अलावा देश का माहौल बिगाड़ने वालों पर भी कुठाराघात करना सफल हो रहा है। प्रश्न अनेको उत्पन्न होते है, लेकिन वास्तविकता तो जाँच करने उपरान्त ही जगजाहिर हो पाएगी।
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