केजरीवाल के मंत्री संदीप कुमार के सेक्स कांड के बाद गलियारों में राजनेताओं के सेक्स स्कैंडल्स की चर्चा तेज हो गई है।
कोई कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी की बात कर रहा है तो कोई बीजेपी के राघवजी कांड याद दिला रहा है। तो कोई सुशील शर्मा(तंदूर कांड), नारायणदत्त तिवारी, चन्द्रमोहन आदि के नाम ही दिमाग में आते हैं। लेकिन पृष्ठ अवलोकन करने पर गन्द हाथ आना शुरू हो गया।
हरियाणा के पूर्व मन्त्री गोपाल कांडा
और उनकी एयरलाइन कंपनी में एयर-होस्टेस रही गीतिका शर्मा की रहस्यमयी आत्महत्या का विवाद काफी दिनों तक गहराया रहा था। प्रेस में आ रही खबरों के मुताबिक दोनों के बीच अवैध संबंध थे जबकि गीतिका मंत्री गोपाल कांडा की एक अन्य महिला अंकिता से बढ़ती नजदीकियों को लेकर ईष्र्यालु हो गई थी। इसके चलते उसका कई बार गोपाल कांडा और अंकिता से भी झगड़ा हो चुका था। आखिर में एक दिन वह अपने घर में मृत अवस्था में पाई गई। जहां पुलिस ने इसे आत्महत्या बताया वहीं कुछ लोगों ने इसे हत्या बताते हुए सीबीआई जांच कराने की मांग की।कत्ल. सेक्स. ठगी केरल के सोलर घोटाले में किसी बड़े स्कैंडल के तमाम पहलू हैं। प्रदेश और केंद्र के मंत्रियों, सांसदों और विधायकों समेत यूडीएफ के कई नेताओं को सरिता के सैकड़ों फोन करने की ही तर्ज पर अब राज्य के गृह मंत्री तिरुवंचुर राधाकृष्णन और केंद्रीय श्रम राज्यमंत्री कोडिकुन्निल सुरेश की शालू से दोस्ती ने राज्य की राजनीति में तूफान खड़ा कर दिया है। इनसे निबटना मुख्यमंत्री ओमन चांडी की 24 महीने पुरानी सरकार के लिए मुश्किल साबित हो गया।
राजस्थान के ही वरिष्ठ नेता बाबूलाल नागर पर भी एक महिला ने बलात्कार का आरोप लगाया था। पुलिस ने इस मामले में नागर को गिरफ्तार भी किया था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश का सबसे पहला सेक्स स्कैंडल किसका था।
आम आदमी पार्टी के मुखर प्रवक्ता और प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास पर एक महिला ने संबंध होने का आरोप लगाया है। एक समुदाय विशेष की इस महिला ने विश्वास पर आरोप लगाया कि वह उनके साथ संबंध में है। कुछ दिन पहले ही विश्वास की एक आपत्तिजनक फोटो भी सामने आई थी जिसे फोटो एडिटिंग का कमाल बताया गया था। हालांकि इस दावे में कितनी सच्चाई है यह तो बाद में ही पता चलेगा लेकिन महिला के कथित दावे से कुमार विश्वास पर संदेह मंडरा रहा है।
उत्तरप्रदेश की 24 साल की कवयित्री मधुमिता शुक्ला की नौ अप्रेल 2003 को लखनऊ स्थित उसके अपार्टमेंट में दो हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। जांच में सामने आया कि मधुमिता राज्य में मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की प्रेमिका थी। यह भी पता चला कि मधुमिता की हत्या अमरमणि की पत्नी मधुमणि के इशारे पर हुई थी। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया व उम्रकैद की सजा हुई। मधुमिता हत्या के वक्त प्रेग्नेंट थी और उसने अपने पेट में पल रहे अमरमणि के बच्चे को गिराने से इंकार कर दिया था। डीएनए टेस्ट में खुलासा हुआ था कि मधुमिता के पेट में पल रहा बच्चा अमरमणि का है।
लव, सेक्स और धोखा केवल बॉलीवुड फिल्मों की कहानी हीं नहीं है बल्कि भारतीय राजनीति की भी हकीकत है। राजनीति और सेक्स का जब भी कॉकटेल हुआ है तो देश में भूचाल आ गया है। कुछ स्कैंडल्स में मर्डर हुए तो कुछ ने तो राजनीति का नक्शा हीं बदल दिया।
सन 1977 में एक सेक्स स्कैंडल ने एक बाप से पीएम बनने का सपना छीन लिया था। हम बात कर रहे हैं सुरेश राम स्कैंडल के बारे में। 1977 में दलितों के सबसे बड़े नेता जगजीवन राम को शर्मसार होना पड़ा था। जब उनके पुत्र सुरेश राम की अश्लील तस्वीरें एक मैगजीन ने छापी थीं। वह देश के रक्षा मंत्री थे। उस समय के पीएम मोरारजी देसाई ने कहा था कि ये मामला क्रिमिनल केस से कम नहीं है। ऐसा कहा जाता है कि अगर ये सेक्स स्कैंडल ना लीक होता तो शायद जगजीवन राम पहले दलित पीएम बन जाते। जनता पार्टी की लहर में इंदिरा गांधी चुनाव हार गई थीं। जिस सूर्या नाम की मैगजीन ने सुरेश की अश्लील तस्वीरें छापी थीं। उसकी संपादक गांधी परिवार की बहू मेनका गांधी थीं। भारत में दलित राजनीति के बडे नाम बाबू जगजीवन राम भारत के पहले दलित प्रधानमंत्री होते अगर उनके बेटे सुरेश राम का नाम सेक्स स्कैंडल में नहीं फंसता। 1977 में जनता पार्टी की लहर में जब इंदिरा गांधी की हार हुई तो जगजीवन राम प्रधानमंत्री पद के लिए पहली पसंद थे। लेकिन, दुर्भाग्य से एक पत्रिका में उनके बेटे के कुछ अश्लील तस्वीरें प्रकाशित हुई। जगजीवन राम के 46 साल के बेटे सुरेश राम के साथ दिल्ली विश्वविद्यालय में पढऩे वाली सुषमा चौधरी नाम की 21 साल की लडक़ी की कुछ आपत्तिजनक तस्वीरें एक पत्रिका में छपी थीं। इन तस्वीरों ने बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया था। उस समय केंद्र की सत्ता पर काबिज तत्कालीन जनता पार्टी सरकार में जगजीवन रक्षा मंत्री थे।
कहा जाता है जगजीवनराम का राजनीतिक करियर खत्म करने के उद्देश्य से कांग्रेस ने पत्रकार खुशवंत सिंह के साथ मिलकर ये सारा खेल रचाया था, क्योंकि बाबू जगजीवन राम की वजह से देश में बड़े पैमाने पर कांग्रेस का दलित वोट कट गया था। सत्ता का नाश शराब के नशे से कहीं अधिक होता है। जिसके पिता एवं भाई का जीवन जिस पार्टी ने कलंकित किया, उसी परिवार की मीरा कुमार(जगजीवन राम की पुत्री) ने कांग्रेस का दामन नहीं छोड़ा।
खुशवन्त सिंह ऐसे पत्रकार थे जिन्होंने अपने "न काहू से दोस्ती, न काहू से प्यार" स्तम्भ से कुछ खुशहाल परिवारों को बिखड़ने के कगार पर ला दिया था। लेकिन जब उनको मालूम होता कि उनके लेखन के कारण परिवार विभाजित होने को हैं, तुरन्त माफ़ी मांग कर उन परिवारों को पुनः एक होने के लिए विवश कर देते थे। यह उनके विशेषता भी थी। परंतु अपने अगले स्तम्भ में उस दर्द का उल्लेख भी कर दिया करते थे।
परन्तु यह राजनीतिक खेल था। जिसमे माफ़ी का दूर तक कोई मतलब ही नहीं था। क्योंकि परिवार से उनके पुराने सम्बन्ध भी थे।मध्य प्रदेश में कांग्रेस विधायक सत्यनारायण पटेल की कथित सेक्स सीडी ने इंदौर में बखेड़ा खड़ा दिया है। यह मामला भी राघव जी के सेक्स स्कैंडल के कुछ दिन बाद ही सामने आया था।

वास्तव में यदि सेक्स स्कैंडल की बात की जाए, देश में इस श्रेणी में कांडों की भरमार है। जो कांग्रेस प्रभुत्व के कारण उजागर होते ही दफ़न कर दिए गए। कई पुस्तको पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया। फिर भी वर्तमान में अभी भी कई नेता हैं, जिन्हें अपने कांड के उजागर होने का डर जरूर सता रहा होगा कि यदि किसी तरह केजरीवाल के हाथ किसी ने सबूत दे दिए, अपने मन्त्री संदीप को बचाने उन कांडों का प्रयोग कर सकते हैं।
शिल्पी जैन और गौतम सिंह के दोहरे सुसाइड मामले के छींटे बिहार की सत्ता पर काबिज राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेताओं के दामन पर भी लगे थे। दोनों के शव एक गैराज में खड़ी कार से बरामद किए गए थे। प्रेम त्रिकोण से उपजी दोहरी खुदकुशी का मामला घोषित कर दिया। इस मामले में यह बात भी सामने आई थी कि मौत से पहले शिल्पी जैन के साथ बलात्कार किया गया था। शिल्पी और गौतम आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के साले साधू यादव के दोस्त बताए जाते थे।1982 बिहार सचिवालय में काम करने वाली श्वेतनिशा त्रिवेदी उर्फ बॉबी नाम की युवती की हत्या में तत्कालीन जगन्नाथ मिश्रा सरकार के कई मंत्रियों पर आरोप लगे थे। इस मामले में शक की सुई कई युवा कांग्रेसी नेताओं पर भी गई थी। तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष राधा नंदन झा के परिवार का एक सदस्य भी शक के दायरे में था। आशंका जाहिर की गई थी कि बॉबी का कई नेताओं ने यौन शोषण किया था। बॉबी के बारे में बताया जाता था कि वह बेहद महत्वाकांक्षी महिला थी।शिल्पी पटना के एक व्यापारी की बेटी थी जबकि गौतम साधू यादव के कारोबारी सहयोगी थे।
1987 में आईसक्रीम सेक्स पार्लर स्कैंडल से केरल में हंगामा मच गया था। कोझिकोड की एक एनजीओ ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया था कि एक आईसक्रीम पार्लर को को वेश्यालय के तौर पर संचालित किया जा रहा है। वहां राजनीतिज्ञों, न्यायिक अधिकारियों और अन्य वीआईपीज समेत समाज के पावरफुल वर्ग के लोग बड़ी संख्या में लड़कियों का यौन शोषण करते हैं।
हरियाणा के पूर्व मन्त्री गोपाल कांडा
| बाबू लाल नागर |
| गोपाल कांडा-गीतिका शर्मा |
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राजस्थान के ही वरिष्ठ नेता बाबूलाल नागर पर भी एक महिला ने बलात्कार का आरोप लगाया था। पुलिस ने इस मामले में नागर को गिरफ्तार भी किया था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश का सबसे पहला सेक्स स्कैंडल किसका था।
| अमरमणि और मधुमिता का सेक्स स्कैंडल |
लव, सेक्स और धोखा केवल बॉलीवुड फिल्मों की कहानी हीं नहीं है बल्कि भारतीय राजनीति की भी हकीकत है। राजनीति और सेक्स का जब भी कॉकटेल हुआ है तो देश में भूचाल आ गया है। कुछ स्कैंडल्स में मर्डर हुए तो कुछ ने तो राजनीति का नक्शा हीं बदल दिया।
कहा जाता है जगजीवनराम का राजनीतिक करियर खत्म करने के उद्देश्य से कांग्रेस ने पत्रकार खुशवंत सिंह के साथ मिलकर ये सारा खेल रचाया था, क्योंकि बाबू जगजीवन राम की वजह से देश में बड़े पैमाने पर कांग्रेस का दलित वोट कट गया था। सत्ता का नाश शराब के नशे से कहीं अधिक होता है। जिसके पिता एवं भाई का जीवन जिस पार्टी ने कलंकित किया, उसी परिवार की मीरा कुमार(जगजीवन राम की पुत्री) ने कांग्रेस का दामन नहीं छोड़ा।
| आंध्रा राजनीति में भूचाल लेने वाली तेलुगु अभिनेत्री तारा चौधरी |
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| सत्यनारायण पटेल |
परन्तु यह राजनीतिक खेल था। जिसमे माफ़ी का दूर तक कोई मतलब ही नहीं था। क्योंकि परिवार से उनके पुराने सम्बन्ध भी थे।मध्य प्रदेश में कांग्रेस विधायक सत्यनारायण पटेल की कथित सेक्स सीडी ने इंदौर में बखेड़ा खड़ा दिया है। यह मामला भी राघव जी के सेक्स स्कैंडल के कुछ दिन बाद ही सामने आया था।
| एन.डी. तिवारी |
1987 में आईसक्रीम सेक्स पार्लर स्कैंडल से केरल में हंगामा मच गया था। कोझिकोड की एक एनजीओ ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया था कि एक आईसक्रीम पार्लर को को वेश्यालय के तौर पर संचालित किया जा रहा है। वहां राजनीतिज्ञों, न्यायिक अधिकारियों और अन्य वीआईपीज समेत समाज के पावरफुल वर्ग के लोग बड़ी संख्या में लड़कियों का यौन शोषण करते हैं।



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