“हमारे फैसलों पर रोक लगाती थीं महबूबा, इसलिए तोड़ दिया बीजेपी ने पीडीपी से गठबंधन”--कश्मीर के पूर्व डिप्टी सीएम
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
आज जून 19 को भारतीय जनता पार्टी द्वारा अपनी सहयोगी पीडीपी के साथ हुए गठबन्धन पर विराम लगना कोई ब्रेकिंग न्यूज़ नहीं। वास्तव में गठबन्धन होने के साथ ही दीवारों पर स्पष्ट लिखा नज़र आने लगा था कि "यह गठबंधन अधिक समय तक नहीं चलने वाला। तीन वर्ष पूरे होने उपरान्त कब यह गठबंधन टूट जाये, कहा नहीं जा सकता।"
उसका कारण है: भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में आतंकवाद मुक्त कश्मीर, धारा 370 समाप्त करना, आदि, आदि। लेकिन पीडीपी अपने वोट बैंक को किसी भी तरह से क्षतिग्रस्त नहीं करना चाहती थी। पीडीपी किसी भी पत्थरबाज और आतंकवादियों को संरक्षण देने वालों को किसी भी तरह का नुकसान पहुँचाना नहीं चाहेगी। यदि उनको नुकसान पहुँचता है, पीडीपी का वोट बैंक ख़त्म हो जायेगा, दूसरे अर्थों में कहा जाये कि पीडीपी का भविष्य ही अधर में चला जाएगा।
जम्मू-कश्मीर में बीजेपी ने पीडीपी से गठबंधन तोड़ लिया है। DainikBhaskar.com से एक्सक्लूसिव बातचीत में सरकार में डिप्टी सीएम रहे कविंद्र गुप्ता ने गठबंधन टूटने की सबसे बड़ी वजह फैसलों में महबूबा मुफ्ती के अड़ंगों को बताया। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में 39 महीनों तक बीजेपी-पीडीपी गठबंधन की सरकार रही।
बीजेपी महासचिव राम माधव ने मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में गठबंधन तोड़े जाने के फैसले की जानकारी दी। गठबंधन तोड़े जाने की सबसे बड़ी वजह बताते हुए कविंद्र ने कहा कि 'वो (BJP) जो भी फैसला लेते थे, उस पर महबूबा मुफ्ती रोक लगा देती थी।" जब कविंद्र गुप्ता से पूछा गया कि उन्होंने ऐसे कौन-कौन से फैसले लिए, जिन पर महबूबा ने रोक लगाई तो उन्होंने और विस्तार में बताने से इनकार कर दिया।
ये कोई चीज आज नहीं शुरु हुई है...ये नेहरू और अपने शेख अब्दुला ने जो गलती की हैं उसी की वजह से आज तक नासूर बना हुआ है। पहली सरकारों ने कुछ किया नहीं.. मोदी सरकार ने NIA के माध्यम से जो इन्हें अंदर किया... सारे खाते बंद किए। उससे रुकी हैं चीजें। लेकिन पाकिस्तान हर वक्त एक्टिव रहता है। उसकी तरफ से घटनाएं होती रहती हैं। लेकिन सुरक्षा बलों को खुला हाथ दिया गया है।
आर्मी की गाड़ियों पर पत्थरबाजी ज्यादा होने लगी है। जो देश की सुरक्षा करते हैं उनकी ही सुरक्षा नहीं हो पा रही है।
वो (आर्मी) भी मुकाबला करते हैं.... उनको करना पड़ेगा ना.. आज वीडियो वायरल हुआ है। जिसमें हुर्रियत के लोगों के बीच एक शख्स कह रहा है कि आप लोगों ने ही सारा माहौल खराब किया है।
कश्मीर के जो हालात हैं वो उधर बैठकर नहीं सोच सकते हैं... यहां आकर देखिए। जो सारी राजनीतिक पार्टियां हैं वो खराब करती हैं इनको। मोदी ने पाकिस्तान को रोका तभी तो कश्मीर बचा हुआ है। यहां आकर देखिए। पूरा मीडिया देशभर का.... बिका हुआ मीडिया है। एक छोटी सी घटना एक जिले में होती है तो पूरे कश्मीर को डिस्टर्ब्ड बताते हैं।
छिटपुट घटनाएं गांव में होती हैं। लेकिन उसे बड़ा बनाकर दिखाना....जम्मू में आईए। 12 जिले जम्मू में हैं वहां कोई डिस्टर्बेंस नहीं है। दो जिले लद्दाख में हैं वहां कोई दिक्कत नहीं है।
दो जिलों में..... साउथ कश्मीर में थोड़ा बहुत गड़बड़ है। बाकी सब ठीक चल रहा है। कुपवाड़ा ठीक है... बांदीपुर ठीक है... बारामूला ठीक है... सब ठीक है।
पहले की सरकारों ने अलगाववादी नेताओं को दामाद बनाकर रखा था। आज उनके खाते बंद किए गए हैं। पहले तो हर जगह पत्थरबाजी होती थी। आज हुर्रियत के कहने पर भी कोई बंद नहीं करता।
जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों पर लगातार हो रही पत्थरबाजी और रमजान के महीने में सीजफायर के ऐलान के बाद बढ़ी आतंकी घटनाओं, पाकिस्तानी गोलाबारी और अन्य मसले पर घाटी के हालातों को लेकर बीजेपी-पीडीपी गठबंधन टूट गया है. माना जा रहा है कि घाटी में हालातों पर बीजेपी नेताओं और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की हुई बैठक में संभवतः बीजेपी ने यह फैसला लिया होगा.
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक इस बैठक में डोभाल ने शाह को कहा कि पिछले एक महीने से घाटी में संघर्षविराम के बाद अब तक आतंकियों के खिलाफ सेना की अब तक की सबसे बड़ी फौज मौजूद है. उन्होंने बताया कि घाटी में हालातों को शांतिपूर्ण किया जा सके, इसके लिए सेना और सत्तासीन सरकार सभी पहलूओं पर मिलकर काम कर रही है.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मंगलवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बैठक की। ये बैठक शाह के नई दिल्ली में घर पर हुई। शाह ने जम्मू कश्मीर से जुड़े बीजेपी के कुछ नेताओं से भी बैठक की। इस बीच AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस बैठक पर सवाल उठा दिए हैं। औवेसी ने कहा कि देश जानना चाहता है राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और किसी राजनैतिक पार्टी के प्रमुख के बीच क्या बातचीत हुई। एनएसए ने सिर्फ सत्ताधारी पार्टी से क्यों बैठक की उन्होंने सभी राजनैतिक पार्टियों से क्यों बैठक नहीं की।
शाह और डोभाल के बीच क्या बातचीत हुई ये अभी पता नहीं चल पाया है। बीजेपी ने आज जम्मू कश्मीर में PDP के साथ गठबंधन तोड़ लिया। वहां की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस्तीफा दे दिया है। जम्मू कश्मीर में दोनों पार्टियों के बीच पिछले कुछ समय से ठीक नहीं चल रहा था। रमजान में भारत के एक तरफा संघर्षविराम के दौरान पाकिस्तान ने आतंकवादी गतिविधियां और गोलाबारी जारी रखी।
बीजेपी प्रवक्ता राम माधव ने कहा कि हमारे नेताओं को पीडीपी के कारण जम्मू और लद्दाख में विकास के कामों में दिक्कत आ रही है। माधव के मुताबिक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। इस बीच गृह मंत्री के घर पर एक अहम बैठक हो रही है। इस बैठक में गृह मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा गृह सचिव, जम्मू और कश्मीर के ज्वाइंट सेक्रेटरी और अन्य अधिकारी शामिल हैं।
अजीत डोभाल ने सुबह अमित शाह से बैठक की थी।
बैठक के बाद बाद ओवैसी ने दिया था ये बयान।
इस बीच नेशनल क्रॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुला ने श्रीनगर में राज्यपाल एनएन वोहरा से भी बैठक की। उन्होंने कहा कि हम किसी से बात नहीं कर रहे हैं। राज्यपाल को जम्मू और कश्मीर में राज्यपाल शासन ज्यादा दिन तक नहीं लगाना चाहिए और नए सिरे से चुनाव होने चाहिए।
2019 चुनावों की तैयारी में हैं शाह
आज जून 19 को भारतीय जनता पार्टी द्वारा अपनी सहयोगी पीडीपी के साथ हुए गठबन्धन पर विराम लगना कोई ब्रेकिंग न्यूज़ नहीं। वास्तव में गठबन्धन होने के साथ ही दीवारों पर स्पष्ट लिखा नज़र आने लगा था कि "यह गठबंधन अधिक समय तक नहीं चलने वाला। तीन वर्ष पूरे होने उपरान्त कब यह गठबंधन टूट जाये, कहा नहीं जा सकता।"
उसका कारण है: भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में आतंकवाद मुक्त कश्मीर, धारा 370 समाप्त करना, आदि, आदि। लेकिन पीडीपी अपने वोट बैंक को किसी भी तरह से क्षतिग्रस्त नहीं करना चाहती थी। पीडीपी किसी भी पत्थरबाज और आतंकवादियों को संरक्षण देने वालों को किसी भी तरह का नुकसान पहुँचाना नहीं चाहेगी। यदि उनको नुकसान पहुँचता है, पीडीपी का वोट बैंक ख़त्म हो जायेगा, दूसरे अर्थों में कहा जाये कि पीडीपी का भविष्य ही अधर में चला जाएगा।
जम्मू-कश्मीर में बीजेपी ने पीडीपी से गठबंधन तोड़ लिया है। DainikBhaskar.com से एक्सक्लूसिव बातचीत में सरकार में डिप्टी सीएम रहे कविंद्र गुप्ता ने गठबंधन टूटने की सबसे बड़ी वजह फैसलों में महबूबा मुफ्ती के अड़ंगों को बताया। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में 39 महीनों तक बीजेपी-पीडीपी गठबंधन की सरकार रही।
बीजेपी महासचिव राम माधव ने मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में गठबंधन तोड़े जाने के फैसले की जानकारी दी। गठबंधन तोड़े जाने की सबसे बड़ी वजह बताते हुए कविंद्र ने कहा कि 'वो (BJP) जो भी फैसला लेते थे, उस पर महबूबा मुफ्ती रोक लगा देती थी।" जब कविंद्र गुप्ता से पूछा गया कि उन्होंने ऐसे कौन-कौन से फैसले लिए, जिन पर महबूबा ने रोक लगाई तो उन्होंने और विस्तार में बताने से इनकार कर दिया।
ये कोई चीज आज नहीं शुरु हुई है...ये नेहरू और अपने शेख अब्दुला ने जो गलती की हैं उसी की वजह से आज तक नासूर बना हुआ है। पहली सरकारों ने कुछ किया नहीं.. मोदी सरकार ने NIA के माध्यम से जो इन्हें अंदर किया... सारे खाते बंद किए। उससे रुकी हैं चीजें। लेकिन पाकिस्तान हर वक्त एक्टिव रहता है। उसकी तरफ से घटनाएं होती रहती हैं। लेकिन सुरक्षा बलों को खुला हाथ दिया गया है।
आर्मी की गाड़ियों पर पत्थरबाजी ज्यादा होने लगी है। जो देश की सुरक्षा करते हैं उनकी ही सुरक्षा नहीं हो पा रही है।
वो (आर्मी) भी मुकाबला करते हैं.... उनको करना पड़ेगा ना.. आज वीडियो वायरल हुआ है। जिसमें हुर्रियत के लोगों के बीच एक शख्स कह रहा है कि आप लोगों ने ही सारा माहौल खराब किया है।
कश्मीर के जो हालात हैं वो उधर बैठकर नहीं सोच सकते हैं... यहां आकर देखिए। जो सारी राजनीतिक पार्टियां हैं वो खराब करती हैं इनको। मोदी ने पाकिस्तान को रोका तभी तो कश्मीर बचा हुआ है। यहां आकर देखिए। पूरा मीडिया देशभर का.... बिका हुआ मीडिया है। एक छोटी सी घटना एक जिले में होती है तो पूरे कश्मीर को डिस्टर्ब्ड बताते हैं।
छिटपुट घटनाएं गांव में होती हैं। लेकिन उसे बड़ा बनाकर दिखाना....जम्मू में आईए। 12 जिले जम्मू में हैं वहां कोई डिस्टर्बेंस नहीं है। दो जिले लद्दाख में हैं वहां कोई दिक्कत नहीं है।
दो जिलों में..... साउथ कश्मीर में थोड़ा बहुत गड़बड़ है। बाकी सब ठीक चल रहा है। कुपवाड़ा ठीक है... बांदीपुर ठीक है... बारामूला ठीक है... सब ठीक है।
पहले की सरकारों ने अलगाववादी नेताओं को दामाद बनाकर रखा था। आज उनके खाते बंद किए गए हैं। पहले तो हर जगह पत्थरबाजी होती थी। आज हुर्रियत के कहने पर भी कोई बंद नहीं करता।
जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों पर लगातार हो रही पत्थरबाजी और रमजान के महीने में सीजफायर के ऐलान के बाद बढ़ी आतंकी घटनाओं, पाकिस्तानी गोलाबारी और अन्य मसले पर घाटी के हालातों को लेकर बीजेपी-पीडीपी गठबंधन टूट गया है. माना जा रहा है कि घाटी में हालातों पर बीजेपी नेताओं और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की हुई बैठक में संभवतः बीजेपी ने यह फैसला लिया होगा.
NSA अजीत डोभाल ने की अमित शाह के साथ बैठक, असदुद्दीन ओवैसी ने उठाया सवाल
शाह से मुलाकात के दौरान डोभाल ने उन्हें घाटी के ताजा हालातों की जानकारी दी थी. डोभाल ने शाह को बताया कि घाटी में आतंकियों पर कार्रवाई के लिए किस तरह के प्लान बनाए जा सकते हैं, ताकि बड़े पैमाने पर एक्शन लिया जा सके. सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के मुताबिक घाटी के हालातों को शांतिपूर्ण बनाए जाने के लिए केंद्र सरकार किसी बड़े एक्शन की तैयारी कर रही थी, लेकिन राज्य सरकार का सहयोग उसे नहीं मिल रहा था. राज्य के हालातों को देखते हुए बीजेपी ने यह फैसला लिया है.सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक इस बैठक में डोभाल ने शाह को कहा कि पिछले एक महीने से घाटी में संघर्षविराम के बाद अब तक आतंकियों के खिलाफ सेना की अब तक की सबसे बड़ी फौज मौजूद है. उन्होंने बताया कि घाटी में हालातों को शांतिपूर्ण किया जा सके, इसके लिए सेना और सत्तासीन सरकार सभी पहलूओं पर मिलकर काम कर रही है.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मंगलवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बैठक की। ये बैठक शाह के नई दिल्ली में घर पर हुई। शाह ने जम्मू कश्मीर से जुड़े बीजेपी के कुछ नेताओं से भी बैठक की। इस बीच AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस बैठक पर सवाल उठा दिए हैं। औवेसी ने कहा कि देश जानना चाहता है राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और किसी राजनैतिक पार्टी के प्रमुख के बीच क्या बातचीत हुई। एनएसए ने सिर्फ सत्ताधारी पार्टी से क्यों बैठक की उन्होंने सभी राजनैतिक पार्टियों से क्यों बैठक नहीं की।
शाह और डोभाल के बीच क्या बातचीत हुई ये अभी पता नहीं चल पाया है। बीजेपी ने आज जम्मू कश्मीर में PDP के साथ गठबंधन तोड़ लिया। वहां की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस्तीफा दे दिया है। जम्मू कश्मीर में दोनों पार्टियों के बीच पिछले कुछ समय से ठीक नहीं चल रहा था। रमजान में भारत के एक तरफा संघर्षविराम के दौरान पाकिस्तान ने आतंकवादी गतिविधियां और गोलाबारी जारी रखी।
बीजेपी प्रवक्ता राम माधव ने कहा कि हमारे नेताओं को पीडीपी के कारण जम्मू और लद्दाख में विकास के कामों में दिक्कत आ रही है। माधव के मुताबिक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। इस बीच गृह मंत्री के घर पर एक अहम बैठक हो रही है। इस बैठक में गृह मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा गृह सचिव, जम्मू और कश्मीर के ज्वाइंट सेक्रेटरी और अन्य अधिकारी शामिल हैं।
अजीत डोभाल ने सुबह अमित शाह से बैठक की थी।
बैठक के बाद बाद ओवैसी ने दिया था ये बयान।
We want to know, the country wants to know what talks took place when the NSA met the chief of a political party? Why did NSA only meet the ruling party why doesn't he meet all political parties?: Asaduddin Owaisi, AIMIM on meeting between NSA Ajit Doval & BJP President Amit Shah
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