सपा ने इस बार जया बच्चन को राज्यसभा भेज रही है। यूपी में एसपी के 47 विधायक हैं और वह केवल एक उम्मीदवार को राज्यसभा में भेजने की स्थिति में है। इससे खफा होकर नरेश अग्रवाल ने सपा छोड़ दी और भाजपा में शामिल हो गए। मीडिया पर अपने शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाते हुए अग्रवाल ने कहा, 'मेरी मंशा किसी को आहत करने की नहीं ती। मैंने कुछ और कहा था लेकिन मीडिया ने उसे अलग रूप में पेश कर दिया। मैं यही कह सकता हूं कि मेरी इरादा किसी को ठेस पहुंचाने का नहीं था।'
सपा के पूर्व नेता ने कहा, 'फिर भी मुझे अपनी कही गई बात पर अफसोस है। यदि मेरे शब्दों से किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो मैं अपने शब्दों को वापस लेता हूं।'
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बीजेपी का दामन थामते हुए अग्रवाल ने कहा था, 'फिल्म में काम करने वाली से मेरी हैसियत कर दी गई, उनके नाम पर हमारा टिकट काटा गया। मैंने इसको भी बहुत उचित नहीं समझा। मैं कोई शर्त पर नहीं आया। मैंने राज्यसभा के टिकट की मांग नहीं की है।' उनके इस बयान पर बीजेपी की वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर कहा, श्री नरेश अग्रवाल ने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन किया है उनका स्वागत है। हालांकि जया बच्चन जी के बारे में उनके बयान अनुचित और अस्वीकार्य हैं।
नरेश अग्रवाल ने अपने 30 साल के राजनीतिक करियर में बार-बार पार्टी बदली है। इससे पहले वह जगदम्बिका पाल, राजीव शुक्ला और श्याम सुंदर शर्मा के साथ अखिल भारतीय लोकतांत्रिक कांग्रेस में थे जिसने वर्ष 1997 में उत्तर प्रदेश में भाजपा के कल्याण सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के साथ गठबंधन किया था। अग्रवाल अक्सर अपने बयानों के लिए मीडिया के चहते बने रहे हैं। नरेश अग्रवाल चाहे राज्यसभा में हों या सदन से बाहर वो मोदी सरकार पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ते थे। उन्होंने पीएम मोदी पर भी कई बार हमले किए। हाल ही में एक सभा में नरेश अग्रवाल ने पीएम मोदी को लेकर जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल किया, इस पर सभा में हंगामा मच गया।
कभी नरेश अग्रवाल ने BJP को बताया था संकीर्ण सोच की पार्टी
समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल अब बीजेपी में शामिल हो गए हैं। नरेश अग्रवाल दूसरी बार सपा की तरफ से राज्यसभा उम्मीदवार ना बनाए जाने से नाराज थे, जिसके बाद उन्होंने ये फैसला लिया। सपा ने नरेश अग्रवाल के दावे को दरकिनार करते हुए उत्तर प्रदेश से जया बच्चन को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया था, इससे वे नाराज चल रहे थे। यूपी में एसपी के 47 विधायक हैं और वह केवल एक उम्मीदवार को राज्यसभा में भेजने की स्थिति में है। बीजेपी का दामन थामते हुए उन्होंने कहा, 'फिल्म में काम करने वाली से मेरी हैसियत कर दी गई, उनके नाम पर पर हमारा टिकट काटा गया। मैंने इसको भी बहुत उचित नहीं समझा। मैं कोई शर्त पर नहीं आया। कोई राज्यसभा की टिकट की मांग नहीं है।'उन्होंने कहा कि वे प्रधानमंत्री जी से और योगीजी से प्रभावित हैं। जिस तरह से सरकार देश में काम कर रही है, चाहे देश हो या विदेश और एक-एक कर सभी राज्य बीजेपी के हो रहे हैं। पूरा देश उनके साथ है। मैं मुलायम जी और रामगोपाल जी का साथ मैं नहीं छोड़ूगा, उन्होंने मुझे बहुत इज्जत दी।
नरेश अग्रवाल अक्सर अपने बयानों के लिए मीडिया के चहते बने रहे हैं। नरेश अग्रवाल चाहे राज्यसभा में हों या सदन से बाहर वो मोदी सरकार पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ते थे। उन्होंने पीएम मोदी पर भी कई बार हमले किए। हाल ही में एक सभा में नरेश अग्रवाल ने पीएम मोदी को लेकर जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल किया, इस पर सभा में हंगामा मच गया।
नरेश अग्रवाल ने यहां तक कुलभूषण जाधव पर भी विवादित बयान देते हुए कहा, 'अगर उन्होंने (पाकिस्तान) कुलभूषण जाधव को आतंकवादी अपने देश में माना है, तो वे उस हिसाब से व्यवहार करेंगे। हमारे देश में भी आतंकवादियों के साथ ऐसा ही व्यवहार करना चाहिए।'
इससे पहले उन्होंने बीजेपी की सोच को संकीर्ण बताया था। उन्होंने कहा था कि बीजेपी की सोच इतनी संकीर्ण क्यों है? यह किसी के निजी जीवन में दखल है। अब मान लीजिए किसी की उस दिन सुहागरात होती, तो ये कहते ये सुहाग-रात क्यों मना रहा है?
इसके अलावा नरेश अग्रवाल ने सदन में हिंदू देवी-देवताओं को लेकर भी विवादित बयान दिया। नरेश अग्रवाल ने हिंदू देवी देवताओं के नाम के साथ शराब को जोड़ा। इसके बाद बीजेपी सांसदों ने सदन में जमकर हंगामा किया और उन्हें अपने बयान के लिए माफी मांगनी पड़ी।
अग्रवाल ने अपने 30 साल के राजनीतिक करियर में बार-बार पार्टी बदली है। इससे पहले वह जगदम्बिका पाल, राजीव शुक्ला और श्याम सुंदर शर्मा के साथ अखिल भारतीय लोकतांत्रिक कांग्रेस में थे जिसने वर्ष 1997 में उत्तर प्रदेश में भाजपा के कल्याण सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के साथ गठबंधन किया था।
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