बिहार चुनाव से जुड़े RJD समर्थकों के गानों में दिख रही जंगलराज की झलक : ‘कट्टा-दुनाली’ से लेकर ‘यादव रंगदार बनेंगे’ तक: चुनावी मंचों पर भी परोसी जा रही अश्लीलता
बिहार विधानसभा चुनाव में RJD समर्थकों के हिंसा- अश्लीलता भरे गानें (साभार : YT Video Thumbnail)
बिहार विधानसभा चुनाव का माहौल पूरी तरह गर्म हो चुका है। जहाँ एक ओर NDA सुशासन, विकास और बिहार के गौरव को मुद्दा बना रहा है, वहीं दूसरी ओर आरजेडी और उसके समर्थक अपने चुनावी प्रचार में हिंसा, बंदूक और अश्लीलता का सहारा लेकर राजनीतिक स्तर को गिरा रहे हैं। गीतों के माध्यम से होने वाला यह ध्रुवीकरण दिखा रहा है कि आरजेडी सत्ता में वापसी के लिए किस हद तक जा सकती है।
मनोज तिवारी का ‘हाँ, हम बिहारी हैं जी’: बिहार की पहचान का गीत
बीजेपी नेता और लोकप्रिय भोजपुरी गायक मनोज तिवारी ने बिहार के सम्मान में गाना ‘हाँ, हम बिहारी हैं जी’ रिलीज किया है, जिसे जनता खूब पसंद कर रही है। यह गीत सकारात्मकता और संस्कृति पर आधारित है। गाने की शुरुआत ‘हाँ, हम बिहारी हैं जी… माटी को सोना कर दें, वाली कलाकारी है जी…’ से होती है।
यह गीत बिहार की मेहनतकश जनता, कला, इतिहास और मिट्टी की खुशबू को सलाम करता है। इसमें बिहार के सबसे बड़े पर्व छठ पूजा का भी सुंदर जिक्र है। यह गाना NDA के उस संदेश को मजबूती देता है, जिसमें बिहार की पहचान को गरीबी या गुंडागर्दी से नहीं, बल्कि मेहनत और संस्कृति से जोड़ा जाता है।
RJD समर्थकों के गानों में हिंसा और गोली-बारूद का प्रचार
मनोज तिवारी के सकारात्मक प्रचार के ठीक उलट, RJD के समर्थक और उनसे जुड़े यूट्यूब गायक हिंसा और गुंडागर्दी को बढ़ावा दे रहे हैं। ये गाने सीधे तौर पर मतदाताओं को धमका रहे हैं और पुराने ‘जंगलराज’ की वापसी का संकेत दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चुनावी रैली में इन गानों पर तीखा हमला बोला है और इन्हें ‘कट्टा-दुनाली’ का प्रचार बताया है। BJP ने अपने X हैंडल पर RJD की मानसिकता और हिंसा वाले गानों का एक लूप पोस्ट किया है। पहले गाने के बोल हैं- ‘लेके दुनाली दिवाली हम मनाइबो गोली के छल्ला से रे… भैया के आवे दे सता ता कट्टा सता के उठा लेबो घारा से रे…’ यह गाना कहता है कि दोनाली बंदूक से दिवाली मनाई जाएगी और RJD के सत्ता में आने पर बंदूक की नोक पर लोगों को उनके घर से उठा लिया जाएगा।
‘भैया के आवे दे सत्ता में, रे उठा लेब सटा के कट्टा घरा से रे’
— BJP (@BJP4India) October 24, 2025
बिहार चुनाव आते ही, राजद समर्थित, यादवों के नाम पर गुंडागर्दी करने वाले यूट्यूबिये गायक अभी से जंगलराज की धमकी दे रहे हैं।
जिस लालू के जंगलराज की वजह से इतने साल से विपक्ष में हैं आज भी RJD के सपने उसी जंगलराज… pic.twitter.com/vr2CcfgUqG
मोदी ने इसे ‘जंगलराज की वापसी की धमकी’ बताया और कहा कि RJD समर्थक बिहार को फिर उसी हिंसक दौर में धकेलना चाहते हैं, जिससे NDA सरकार ने राज्य को बाहर निकाला था।
हिंसक गानों की लंबी फेहरिस्त
यह कोई एक गाना नहीं है। RJD समर्थकों की ओर से ऐसे कई गाने सोशल मीडिया पर चल रहे हैं। पहला गाना- ‘भैया के आवे दे सत्ता में, उठा लेब सटा के कट्टा घरा से रे’। इसमें वोट न देने वालों को बंदूक से उठाने की बात है। दूसरा गाना- ‘RJD सरकार बनेगी तो यादव रंगदार बनेंगे, घर-घर हथियार रखे जाएँगे’। यह गाना साफ तौर पर जातीय और हिंसक संदेश दे रहा है।
‘RJD सरकार बनेगी तो यादव रंगदार बनेंगे, घर घर हथियार रखे जाएँगे’
— BJP (@BJP4India) October 24, 2025
एक तरफ भाजपा विकास की बात कर रही है, तेजस्वी अपने यूट्यूब के छर्रों से गुंडागर्दी और यादवों को अपराधी बनाने के वादे करा रहे हैं।
हाल ही में तेजस्वी यादव ऐसे ही इन्फ़्लुएंसर्स के साथ रील में नाचते देखे गए थे। pic.twitter.com/J4OC065p9c
इसके अलावा, ‘कट्टा-दुनाली’ और ‘गोली के छल्ला’ जैसे शब्द बार-बार इन गानों में दोहराए गए हैं। कुछ गानों में विरोधियों को जलाने तक की धमकियाँ दी गई हैं। एक गाने में RJD समर्थित यूट्यूबर गुंडे आरजेडी को हराने वालों को जलाने की धमकी दे रहे हैं। मतलब जनता या तो RJD की गुंडागर्दी झेलकर भी वोट दे या जला दी जाए।
साथ ही RJD समर्थित यूट्यूबर गुंडे RJD को हराने वालों को जलाने की धमकी दे रहे हैं।
— BJP (@BJP4India) October 24, 2025
मतलब जनता या तो RJD की गुंडागर्दी झेलकर भी वोट दे या जला दी जाए।
भाजपा नीतीश अलायन्स इस जंगलराज की वापसी नहीं होने दे रहा इसलिए तेजस्वी परेशान हैं। pic.twitter.com/cxInP6hkqA
ये गाने सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि बिहार के वोटरों को डराने और हिंसा का माहौल बनाने की कोशिश हैं।
RJD समर्थकों के गानों में जातिवाद और अश्लीलता का जहर
RJD समर्थकों और उससे जुड़े यूट्यूब चैनलों पर अब गानों में सिर्फ बंदूक नहीं, बल्कि अश्लीलता भी खुलकर परोसी जा रही है। भोजपुरी संगीत, जो कभी भिखारी ठाकुर और सारधा सिन्हा जैसे कलाकारों की वजह से संस्कृति का आईना था, अब फूहड़ता और महिला विरोधी बोलों का मंच बन चुका है। ‘बैगन लेल’, ‘चदरा में अदरा’ और ‘लॉलीपॉप लागेलू’ जैसे गीतों में महिलाओं को वस्तु की तरह दिखाया गया। यही गायक अब राजनीति में उतरकर समाज सुधार की बात कर रहे हैं।
RJD ने इस बार खेसारी लाल यादव को टिकट दिया है, जबकि जनसुराज पार्टी ने रितेश पांडेय को मैदान में उतारा है। इन दोनों पर अश्लील गाने गाने के आरोप हैं। खेसारी लाल के कई वायरल गीतों में महिलाओं के प्रति अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल हुआ है, जबकि रितेश पांडेय के ‘बैगन लेल’ जैसे गाने खुलेआम फूहड़ता को बढ़ावा देते हैं। अब यही कलाकार जनता के वोट माँग रहे हैं। सवाल यह है कि जो गानों में महिला का मजाक उड़ाते हैं, क्या वे विधानसभा में महिला सशक्तिकरण की बात करेंगे?
बिहार की जनता को सोचने की जरूरत
आज बिहार की जनता के सामने दो तस्वीरें हैं। एक तरफ मनोज तिवारी का ‘हाँ, हम बिहारी हैं जी’, जो बिहार की मिट्टी, मेहनत और संस्कृति का गीत है। दूसरी तरफ RJD समर्थकों के हिंसक और अश्लील गाने, जो जंगलराज की याद दिलाते हैं। वोटरों को तय करना है कि वे विकास और शांति की राह चुनेंगे या गोलियों और गुंडागर्दी की। बिहार अब पुराना जंगलराज नहीं चाहता- वह वही बिहार बनना चाहता है, जो मेहनत, सम्मान और सुशासन पर गर्व करे।
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