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कौन है ये "हिन्दुओं से आज़ादी" मांगने वाले |
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया के सामने सोमवार की आधी रात को विरोध के नाम पर जो किया गया, उस पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। कुछ का आरोप है कि वहाँ ‘हिंदुओं से आजादी’ के नारे लगे, तो कुछ का कहना है कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। दोनों पक्ष अपने-अपने वीडियो शेयर कर रहे हैं। नीचे जो वीडियो है, वो सोमवार (जनवरी 6, 2019) की मध्य रात्रि 2.15 बजे की है।
बीजेपी नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने इस वीडियो को शेयर करते हुए कहा, “मुस्लिम और वामपंथी ‘हिंदुओं से आजादी’ का नारा लगा रहे हैं लेकिन इस बार यह जामिया या जेएनयू कैंपस में नहीं हुआ है बल्कि उन्होंने मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर यह नारा लगाया है। आखिर कौन हैं ये हिन्दू विरोधी नारेबाज? किसके कहने पर हिन्दू विरोधी नारे लग रहे हैं? कौन ऐसे प्रदर्शनकारियों को राजनीतिक संरक्षण दे रहा है?
क्या मुंबई पुलिस और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इसके खिलाफ कोई एक्शन लेंगे या चुपचाप वो भी इन गुंडों का समर्थन करेंगे?” इस पर एक ट्विटर यूजर ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “बग्गा भाई, किस से एक्शन की उम्मीद कर रहे हो, जिन्होंने अपना जमीर कॉन्ग्रेस के पास गिरवी रख दिया।”
Muslim and Leftists students in Mumbai again Raised Slogans "Hinduo se Aazadi" but this time not in Jamia or JNU , they raised Hinduo se Aazadi Slogans at Gateway of India Mumbai. Will @MumbaiPolice @OfficeofUT take action or support this goons Silently ? pic.twitter.com/7Cq9ci8tE5— Tajinder Pal Singh Bagga (@TajinderBagga) January 6, 2020
Subah 2.15 ka naara-— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) January 6, 2020
Hinduon se Azadi.
Aage aap sab samjahdar hain.
हम देखेंगे। https://t.co/uYfMUyrfEk
ये जेहादी नक्सल इनको आज़ादी नहीं हिंदुओ से दिक्कत है।ये स्टूडेंट्स नहीं हैं ये राजनीतिक पार्टीयों के दलाली करने वाले गुंडे हैं— Viraj (@Viraj24946483) January 6, 2020
Subah 2.15 ka naara-— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) January 6, 2020
Hinduon se Azadi.
Aage aap sab samjahdar hain.
हम देखेंगे। https://t.co/uYfMUyrfEk
बहरहाल बताया जा रहा है कि मुंबई पुलिस ने वीडियो की जाँच-पड़ताल शुरू कर दी है। इस मामले में मुंबई पुलिस साइबर सेल वीडियो की जाँच करेगी। इस बारे में बात करते हुए डीसीपी प्रणय अशोक ने कहा, “मामले की जाँच शुरू हो गई है। मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने घटना की जाँच शुरू कर दी है।” पुलिस की जाँच के बाद ही वीडियो की सच्चाई सामने आएगी।
वैसे ‘हिंदुओं से आजादी’ का नारा पहली बार लगा हो, ऐसा नहीं है। इससे पहले भी कई बार JNU, AMU समेत कई जगहों पर हिन्दुओं से आजादी के नारे लग चुके हैं। हैरानी की बात है कि भारत में रह कर इन लोगों को हिंदुओं से ही आजादी चाहिए। वीडियो के सामने आने पर लोगों की तरह-तरह की प्रतिक्रियाएँ सामने आईं और हिन्दुओं की भावना को आहत करने के लिए इनके खिलाफ ठोस कार्रवाई की माँग की गई। रोहित भारद्वाज नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि हिन्दुओं की भावना को ठेस पहुँचाने के लिए इन्हें गिरफ्तार कर लेना चाहिए। एक यूजर ने लिखा, “ये जेहादी नक्सल इनको आजादी नहीं हिंदुओ से दिक्कत है। ये स्टूडेंट्स नहीं हैं ये राजनीतिक पार्टियों के दलाली करने वाले गुंडे हैं।”
Subah 2.15 ka naara-— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) January 6, 2020
Hinduon se Azadi.
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वहीं एक यूजर ने लिखा, “मुझे लगता है कि उमर, स्वरा, कन्हैया को क्राउड मैनेजमेंट और स्लोगन क्रिएटर्स का बिजनेस शुरू कर देना चाहिए।” नेशन फर्स्ट के एक पत्रकार ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि ये सारे देशद्रोही और अर्बन नक्सल को बदला और आजादी के अलावा और कुछ नहीं दिखता है। इनमें और पाकिस्तानी जिहादियों में कोई फर्क नहीं लगता। तो वहीं देवेंद्र पटेल नाम के एक यूजर ने लिखा कि इसका विरोध कोई कॉन्ग्रेसी, लेफ्टिस, बॉलीवुड, गद्दार, गुलाम और अनपढ़ गँवार नही करेंगे।
Subah 2.15 ka naara-— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) January 6, 2020
Hinduon se Azadi.
Aage aap sab samjahdar hain.
हम देखेंगे। https://t.co/uYfMUyrfEk
Subah 2.15 ka naara-— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) January 6, 2020
Hinduon se Azadi.
Aage aap sab samjahdar hain.
हम देखेंगे। https://t.co/uYfMUyrfEk
एक यूजर ने लिखा, “कितनी शर्म की बात है कि ये अपने अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर ऐसे नारे लगाते हैं। ये उस देश में हैं, जहाँ पूरी दुनिया को स्वीकार किया गया, और इसे बताने की जरूरत नहीं, ये जिससे आजादी माँग रहे, ये उन्हीं की भूमि है और हमेशा रहेगी, आप खुद सोचिए जाना कहाँ है!”
Subah 2.15 ka naara-— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) January 6, 2020
Hinduon se Azadi.
Aage aap sab samjahdar hain.
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इससे पहले कई स्थानों पर जिहादी द्वारा हिन्दुओं को मिटाने के भी नारे लगते हैं, AMU में ये नारे भी लगे, “हिन्दुओं की कब्र खुदेगी AMU की छाती पर।”
अब देखिए जेएनयू से लेकर मुंबई तक हिन्दुओं से आज़ादी आदि नारों से क्यों शोर मचाया जा रहा है। 2014 में मोदी सरकार बनने से पूर्व तक जनता ने आतंकवादियों को बचाने "हिन्दू आतंकवाद" और "भगवा आतंकवाद" का खूब शोर सुना। हिन्दुत्व को बदनाम और कलंकित करने वाले आखिर ये लोग कौन थे? वो कौन लोग थे, जो हिन्दुओं के विरोध इतना जहर फैला रहे थे? जिसे आम जनता मुर्ख बन सबकुछ बर्दाश्त करती रही। अति हर चीज की बुरी होती है, पाप की हांड़ी हमेशा बीच चौराहे पर ही फूटती है।
ज्ञात हो, 1555 में फ्रैंच ज्योतिष नॉस्त्रेदमस ने लिखा था, "हिन्द" यानि हिन्दुस्तान को असली आज़ादी 2014 में मिलेगी, जब एक अधेड़ उम्र सख्त प्रशासक के नेतृत्व में एक नई पार्टी में सत्ता में आएगी। 1947 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370, वहां का अलग झंडा, अलग विधान, अलग प्रधानमंत्री के अलावा जम्मू-कश्मीर जाने के लिए परमिट आदि अनेको सुविधाओं से नवाज़ा गया था। खैर, तब से लेकर 2014 तक किसी भी सरकार में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने का साहस नहीं कर पायी। बाकि दूसरी सुविधाएं तो भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुख़र्जी के बलिदान के कारण तत्कालीन जवाहरलाल नेहरू की कांग्रेस सरकार को समाप्त करने के लिए विवश होना पड़ा।
हिन्दू धर्म की अन्य बातों को समाज सुधार के नाम पर ख़त्म कर दिया गया, लेकिन कभी अन्य धर्मों की कुरीतियों को दूर करने का लेशमात्र भी प्रयास नहीं किया गया। मुस्लिम महिलाओं के वर्षों से लंबित तीन तलाक और हलाला की समस्या को सुलझाने के प्रयास तक नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट ने शाहबानो प्रकरण के माध्यम से मुस्लिम महिलाओं को निजात दिलानी चाही, लेकिन तत्कालीन राजीव गाँधी की कांग्रेस सरकार ने संसद के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को निरस्त कर दिया। और उनको समाप्त किया मोदी सरकार किया। जिससे मुस्लिम और ईसाई समाज को अपना वोटबैंक समझ सियासत खेलने वालों की नींद तो क्या रोटी हराम हो गयी। यही वजह है आज ये ही लोग "हिन्दू से आज़ादी" और "भारत तेरे टुकड़े होंगे, इंशा अल्लाह" आदि नारे लगाने वालों के साथ मोदी विरोधी खड़े हो जाते हैं। ऐसे में गंगा-यमुना तहजीब की बात करने वाले भी पता नहीं किस बिल में छुप कर बैठ जाते हैं। और न ही कोई #awardvapsi, #intolerance, #not in my name, और #mob lynching गैंग भी बाहर नहीं आ रहा।
हिन्दू त्योहारों पर विवादित टिप्पणियां, जैसे दिवाली पर आतिशबाज़ी से प्रदुषण, होली पर पानी की बर्बादी, शिवरात्रि पर शिव का दूध अभिषेक करने पर दूध की बर्बादी, करवा चौथ पर पति के लिए मै क्यों भूखी रहूं, आदि आदि।
समस्त हिन्दू समाज को "हिन्दुओं से आज़ादी" नारे लगाने वालों का सामाजिक बहिष्कार करना चाहिए, ये लोग चाहे किसी भी जाति अथवा धर्म से हों।
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