भारतीय जनता पार्टी को उत्तर भारत में विपक्षी दलों से मिल रही कड़ी चुनौती के बीच अब
उसकी नजर दक्षिण भारत पर है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन
करने के बाद अब बीजेपी तेलंगाना में अपना जलवा बिखेरने को बेताब है। इसके
लिए पार्टी हिन्दुओं को एकजुट करने पर जोर दे रही है। यही नहीं, तेलंगाना
में बीजेपी और अन्य हिन्दुवादी संगठनों को योगी आदित्यनाथ जैसा एक
‘भगवाधारी’ लीडर भी मिल गया है।
ये भगवाधारी और कोई नहीं ‘परिपूर्णानंद स्वामी’ हैं, जिनकी आदिवासियों पर अच्छी पकड़ मानी जाती है।बीजेपी के अंदर चर्चा चल रही है कि परिपूर्णानंद स्वामी को लोकसभा चुनाव या हैदराबाद की किसी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ाया जाए। माना यह भी जा रहा है कि पार्टी उन्हें सिंकदराबाद या मलकानगिरी लोकसभा सीट या फिर कारवान या चंद्रयानगुट्टा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा सकती है। हिन्दुत्व संगठनों ने फैसला लिया है कि वह उनका इस्तेमाल हिंदू वोटों को लुभाने के लिए करेगी। भाजपा के विधायक एनवीएसएस प्रभाकर स्वामी का स्वागत करने के लिए विजयवाडा के काकीनाड़ा स्थित मट्ठ पहुंच गए हैं।
भाजपा विधायक उप्पल ने कहा, ‘मैं पहले ही तेलंगाना विधानसभा के अंदर बोल चुका हूं कि हमें योगी आदित्यनाथ जैसा नेता चाहिए। समय निर्णय करेगा कि स्वामी परिपूर्णानंद कब राजनीति में आएंगे। यह फैसला उच्चतम स्तर पर लिया जाना चाहिए।’ सूत्रों के मुताबिक, 10 दिन पहले स्वामी परिपूर्णानंद ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से बंगलूरू में मुलाकात की थी। इसके अलावा हालिया आरएसएस की आंतरिक समन्वय समिति के दौरान यह निर्णय लिया गया कि उस नेतृत्व को बढ़ावा दिया जाएगा जो दक्षिण की स्थानीय भाषाओं को बोल सकता है।
दूसरी ओर, विश्व हिंदू परिषद के राज्य अध्यक्ष एम रामा राजू ने बताया कि सितम्बर 4 को स्वामी परिपूर्णानंद हैदराबाद पहुंच रहे हैं और वहां उनका शानदार स्वागत किया जाएगा। राजू ने बताया कि स्वामी नागलक्ष्मी मंदिर में पूजा करेंगे। इसके बाद वह भीमराव आंबेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण भी करेंगे। बीजेपी एमएलसी एन राचंदर राव ने बताया कि स्वामी परिपूर्णानंद आदिवासियों में काफी लोकप्रिय हैं। हिंदू उनका सम्मान करते हैं।
सार्थक सिद्ध होती नॉस्त्रेदमस की भविष्यवाणी
आज जिस तरह से छद्दम धर्म-निरपेक्ष और गंगा-यमुना तहज़ीब की दुहाई देने वालों में विधवा-विलाप चल रहा है और अधेड़ उम्र के नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हिंदुत्व का परचम लिए भाजपा निरन्तर आगे बढ़ रही है, 1555 में फ्रांस ज्योतिष नॉस्त्रेदमस की भविष्यवाणियों को सार्थक सिद्ध हो रही है।
भाजपा विरोधी अक्सर यह सुनते पाए जाते हैं कि "तानाशाह मोदी ने पार्टी को खड़ा करने वाले अटल, अडवाणी और डॉ मुरली जोशी को दरकिनार कर दिया।" परन्तु नॉस्त्रेदमस की भविष्यवाणी में लचिलों का तो जिक्र तक नहीं है। उसने तो सख्त प्रशासक के नेतृत्व को महत्व दिया है। 2014 में सत्ता परिवर्तन की बात की है, और उसके बाद भारत कभी पीछे मुड़कर नहीं देखेगा। इसी "तानाशाह" मोदी ने भीड़ में दबे योगी आदित्यनाथ को मुखरित किया और इसी योगी में जनता मोदी का प्रतिबिंध देख ही नहीं रही, बल्कि सख्ती में मोदी से बहुत आगे हैं। योगी आदित्यनाथ के स्वामी परिपूर्णानंद का राजनीती के आकाश पर पदापर्ण होना हिन्दुत्व पताका को शिखर पर ले जाने का मार्ग सुगम करने का सफल प्रयास है।
ये भगवाधारी और कोई नहीं ‘परिपूर्णानंद स्वामी’ हैं, जिनकी आदिवासियों पर अच्छी पकड़ मानी जाती है।बीजेपी के अंदर चर्चा चल रही है कि परिपूर्णानंद स्वामी को लोकसभा चुनाव या हैदराबाद की किसी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ाया जाए। माना यह भी जा रहा है कि पार्टी उन्हें सिंकदराबाद या मलकानगिरी लोकसभा सीट या फिर कारवान या चंद्रयानगुट्टा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा सकती है। हिन्दुत्व संगठनों ने फैसला लिया है कि वह उनका इस्तेमाल हिंदू वोटों को लुभाने के लिए करेगी। भाजपा के विधायक एनवीएसएस प्रभाकर स्वामी का स्वागत करने के लिए विजयवाडा के काकीनाड़ा स्थित मट्ठ पहुंच गए हैं।
भाजपा विधायक उप्पल ने कहा, ‘मैं पहले ही तेलंगाना विधानसभा के अंदर बोल चुका हूं कि हमें योगी आदित्यनाथ जैसा नेता चाहिए। समय निर्णय करेगा कि स्वामी परिपूर्णानंद कब राजनीति में आएंगे। यह फैसला उच्चतम स्तर पर लिया जाना चाहिए।’ सूत्रों के मुताबिक, 10 दिन पहले स्वामी परिपूर्णानंद ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से बंगलूरू में मुलाकात की थी। इसके अलावा हालिया आरएसएस की आंतरिक समन्वय समिति के दौरान यह निर्णय लिया गया कि उस नेतृत्व को बढ़ावा दिया जाएगा जो दक्षिण की स्थानीय भाषाओं को बोल सकता है।
दूसरी ओर, विश्व हिंदू परिषद के राज्य अध्यक्ष एम रामा राजू ने बताया कि सितम्बर 4 को स्वामी परिपूर्णानंद हैदराबाद पहुंच रहे हैं और वहां उनका शानदार स्वागत किया जाएगा। राजू ने बताया कि स्वामी नागलक्ष्मी मंदिर में पूजा करेंगे। इसके बाद वह भीमराव आंबेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण भी करेंगे। बीजेपी एमएलसी एन राचंदर राव ने बताया कि स्वामी परिपूर्णानंद आदिवासियों में काफी लोकप्रिय हैं। हिंदू उनका सम्मान करते हैं।
सार्थक सिद्ध होती नॉस्त्रेदमस की भविष्यवाणी
आज जिस तरह से छद्दम धर्म-निरपेक्ष और गंगा-यमुना तहज़ीब की दुहाई देने वालों में विधवा-विलाप चल रहा है और अधेड़ उम्र के नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हिंदुत्व का परचम लिए भाजपा निरन्तर आगे बढ़ रही है, 1555 में फ्रांस ज्योतिष नॉस्त्रेदमस की भविष्यवाणियों को सार्थक सिद्ध हो रही है।
भाजपा विरोधी अक्सर यह सुनते पाए जाते हैं कि "तानाशाह मोदी ने पार्टी को खड़ा करने वाले अटल, अडवाणी और डॉ मुरली जोशी को दरकिनार कर दिया।" परन्तु नॉस्त्रेदमस की भविष्यवाणी में लचिलों का तो जिक्र तक नहीं है। उसने तो सख्त प्रशासक के नेतृत्व को महत्व दिया है। 2014 में सत्ता परिवर्तन की बात की है, और उसके बाद भारत कभी पीछे मुड़कर नहीं देखेगा। इसी "तानाशाह" मोदी ने भीड़ में दबे योगी आदित्यनाथ को मुखरित किया और इसी योगी में जनता मोदी का प्रतिबिंध देख ही नहीं रही, बल्कि सख्ती में मोदी से बहुत आगे हैं। योगी आदित्यनाथ के स्वामी परिपूर्णानंद का राजनीती के आकाश पर पदापर्ण होना हिन्दुत्व पताका को शिखर पर ले जाने का मार्ग सुगम करने का सफल प्रयास है।

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