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प्रतीकात्मक चित्र |
इसके बाद महिला का उसके सुसर द्वारा हलाला किया गया जिसके बाद पति ने भी उसका रेप किया और वो गर्भवती हो गई। पति को जब इस बाद का पता चला कि महिला गर्भवती है तो उसने अपने साथ रखने से इंकार कर दिया तो महिला मायके आकर रहने लगी जहां उसने ने एक बेटे को जन्म दिया।
अब प्रश्न यह उत्पन्न होता है, कि क्या हलाला के नाम पर बलात्कार की इजाजत किसने दी? इस गम्भीर मुद्दे पर मुस्लिम पर्सनल बोर्ड, मुस्लिम उलेमाओं और बुद्धिजीवियों को खुलकर सामने आना चाहिए। क्योकि यहाँ हलाला के नाम पर महिला का बलात्कार कर हलाला को कलंकित कर दिया।
इस सन्दर्भ में अवलोकन करें:--
क्या हैं महिला के आरोप
- सात दिसम्बर 2014 को उसकी शादी नखासा थाना क्षेत्र के तुर्तीपुरा इलाह इलाके में रहने वाले मोहम्मद नूर से हुई।
- 25 दिसम्बर 2015 की रात को उसके ससुराल के लोगों ने उसे घर से बाहर निकाल दिया था।
- तीन जनवरी 2016 को महिला ने अपने ससुराल पक्ष के खिलाफ मामला दर्ज कराया।
- 24 दिसम्बर 2016 को दोनों पक्षों के बीच समझौता हुआ और महिला अपने ससुराल आ गई। इसके बाद महिला के सामने फिर से पति के साथ निकाह करने के लिए हलाला की शर्त रखी गई।
- महिला को बताया गया कि उसका ससुर शोएब के साथ निकाह कर दिया गया है। इसके बाद पति और पति के मामा ने उसे शोएब के साथ कमरे में बंद कर दिया जहां पूरी रात ससुर ने उसका रेप किया और सुबह शोएब ने उसे तलाक दे दिया और उसे इद्दत के नाम पर एक कमरे में बैठा दिया गया।
- इस दौरान पति नूर ने भी उसके साथ बलात्कार किया। बाद में वह गर्भवती हो गई और अपने मायके चली आई जहां उसने एक पुत्र को जन्म दिया।
6 अक्टूबर, 2017 को एक लड़के को जन्म दिया। पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि उसने जिला मजिस्ट्रेट के सामने इस संबंध में एक आवेदन जमा किया था, जिसके बाद उसे और उसके परिवार को अपने पति और कुछ मौलवियों से मौत की धमकी मिल रही थी। एडीजीपी ने कहा, “महिला के पति, ससुर, चाचा और दो अज्ञात मौलवियों के खिलाफ सामूहिक बलात्कार का मामला दर्ज किया गया है।” पुलिस ने बताया है कि 1 सितम्बर को मामला दर्ज किया गया है, फ़िलहाल मामले की जांच चल रही है।
क्या है निकाह हलाला ?
आपको बता दें कि इस्लामी कानून शरिया के मुताबिक ‘निकला हलाला’ के तहत, एक आदमी अपनी पूर्व पत्नी को दोबारा शादी नहीं कर सकता है जब तक कि वह किसी अन्य व्यक्ति से शादी नहीं करती, उसके बाद वह उस आदमी से तलाक लेकर अपने पूर्व पति से शादी कर सकती है, इसके लिए ‘इद्दत’ नामक वियोग की अवधि को भी ध्यान में रखा जाता है।
आपको बता दें कि इस्लामी कानून शरिया के मुताबिक ‘निकला हलाला’ के तहत, एक आदमी अपनी पूर्व पत्नी को दोबारा शादी नहीं कर सकता है जब तक कि वह किसी अन्य व्यक्ति से शादी नहीं करती, उसके बाद वह उस आदमी से तलाक लेकर अपने पूर्व पति से शादी कर सकती है, इसके लिए ‘इद्दत’ नामक वियोग की अवधि को भी ध्यान में रखा जाता है।
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