गत माह बरेली में ससुर के साथ हलाला की घटना सामने आने के बाद पूरे देश में इस पर बहस छिड़ी थी। बरेली की युवती ने आरोप लगाया था कि शौहर ने तलाक के बाद दोबारा निकाह के लिए अपने पिता के साथ हलाला कराया। ऐसा नशे की हालत में किया गया। पुलिस ने आरोपित ससुर के विरुद्ध दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कर लिया। पति पक्ष हाईकोर्ट पहुंचा। हाईकोर्ट ने उन्हें स्टे देते हुए प्रकरण को मध्यस्थता के लिए भेज दिया।
पीडि़ता का तर्क है कि पति पक्ष विवाद में एक स्टे पहले भी ले चुका है। गलत तथ्य पेश कर एक मामले में दो बार कोर्ट से स्टे लिया गया है। इसी के विरुद्ध वह सुप्रीमकोर्ट आई गई हैं। आला हजरत हेल्पिंग सोसायटी की अध्यक्षा निदा खान का कहना है कि हलाला शरीयत के मुताबिक हराम है। इस पर रोक लगाने की अर्जी लगाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय आई हूं ताकि महिलाएं आत्मसम्मान से जिंदगी गुजार सकें।
मुरादाबाद की पीडि़ता जाएंगी कोर्ट
मुरादाबाद की एक युवती ससुर के साथ हलाला पर मां बनी थी। बच्चा किसका है, इस शक में शौहर ने गर्भपात कराना चाहा। नहीं मानी तो घर में कैद कर दिया। बाद में अपनाने से इन्कार कर दिया। इस मामले को लेकर पीडि़ता अब सर्वोच्च न्यायालय जाने की तैयारी में है। मेरा हक फाउंडेशन की अध्यक्षा फरहत नकवी ने बताया कि वह जल्द ही सुप्रीम कोर्ट जाएंगी।
समन मिलने पर भी नहीं पहुंचीं निदा
मजहब के खिलाफ बयानबाजी करने के मामले में निदा खान को अदालत का समन मिल गया। इसके बावजूद वह अदालत में हाजिर नहीं हुईं। सिविल जज (जूनियर डिविजन) शहर मृत्युंजय श्रीवास्तव ने महिला जन कल्याण सोसायटी के अधिवक्ता को बहस के लिए अगली तारीख 24 अगस्त तय की है। इसी माह सोसायटी की अध्यक्षा रीना खान व हजियापुर की शिम्मी खान ने आला हजरत हेल्पिंग सोसायटी की अध्यक्ष निदा खान के खिलाफ दावा दायर किया था।
मजहब के खिलाफ बयानबाजी करने के मामले में निदा खान को अदालत का समन मिल गया। इसके बावजूद वह अदालत में हाजिर नहीं हुईं। सिविल जज (जूनियर डिविजन) शहर मृत्युंजय श्रीवास्तव ने महिला जन कल्याण सोसायटी के अधिवक्ता को बहस के लिए अगली तारीख 24 अगस्त तय की है। इसी माह सोसायटी की अध्यक्षा रीना खान व हजियापुर की शिम्मी खान ने आला हजरत हेल्पिंग सोसायटी की अध्यक्ष निदा खान के खिलाफ दावा दायर किया था।
इस सन्दर्भ में अवलोकन करें:--
दावे में कहा कि निदा शरीयत व मुस्लिम महिलाओं को बदनाम करके खुद को सियासत में चमकाना चाहती हैं। निदा मीडिया में भड़काऊ भाषण देकर शहर में दंगा-फसाद को हवा दे रही हैं। कोर्ट ने निदा को समन जारी कर अपनी आपत्ति पेश करने को तलब किया था। वादनी पक्ष के वकील शौकत अली खां ने बताया कि कोर्ट ने अस्थाई निषेधाज्ञा की अर्जी के निस्तारण के लिए 24 तारीख तय की है।
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