अगले महीने की 28 तारीख को देश भर में व्यापारियों का प्रदर्शन देखने को मिलेगा और उन्होने इस दिन भारत बंद का एलान किया है। दरअसल व्यापारियों का यह गुस्सा फ्लिपकार्ट और वालमार्ट डील के खिलाफ है जो हाल ही में हुई है।
अगले महीने 28 सितंबर को देश के व्यापारी भारत बंद रखेंगे। फ्लिपकार्ट-वॉलमार्ट के विरोध में अखिल भारतीय व्यापारी संघ ने इस की घोषणा करते हुए कहा कि यह डील खुदरा व्यापारियों को भुखमरी के कगार पर ला सकती है। सचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि सरकार ई-कॉमर्स कंपनियों को बढ़ावा दे रही है। ऑनलाइन कंपनियां ग्राहकों को काफी डिस्काउंट देती है, जिससे उन्हें नुकसान होने पर भी डर नहीं रहता है। 15 सितंबर से पूरे देश में रथ यात्रा भी शुरू करेगा। इस रथ यात्रा के समापन पर 16 दिसंबर को रैली भी होगी जिसमें पूरे देश के व्यापारी हिस्सा लेंगे।कैट के अनुसार आगामी 28 सितंबर को सभी व्यापारी अपने प्रतिष्ठानों को बंद रखेंगे और ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। सभी संगठनों का कहना है कि, आगे आने वाले समय में इस डील से उनके व्यापर पर काफी असर पड़ सकता है। इसलिए वह 28 सितंबर को भारत बंद कर इस डील के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन करेंगे और फ्लिपकार्ट-वालमार्ट डील के खिलाफ अपना विरोध जताएंगे।
ऑनलाइन बाजार के बढ़ते क्रेज की वजह से भारत में व्यापारियों पर इसका काफी असर देखने को मिल रहा है। जाहिर है आज के डिजिटल इंडिया में हर कोई ऑनलाइन मार्केट में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहा है। ऐसे में आम व्यापारियों को इससे नुक्सान तो देखने को मिलेगा ही। अब देखना होगा कि, आखिर आने वाली 28 सितंबर को क्या भारत बंद होने के साथ ही क्या हंगामा देखने को मिलता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, वालमार्ट के साथ डील करने के बाद फ्लिपकार्ट ने अपना स्टोर भी शुरू कर दिया है जिसमे बंपर ऑफर भी दिया जा रहा है। ई-कॉमर्स में तहलका मचाने के बाद अब फ्लिपकार्ट सुपरमार्ट जैसे स्टोर्स खोलकर लोगों के बीच अपनी एक अलग पहचान बनाने में लगा है। इससे किराना व्यापारियों के साथ ही कई अन्य लोगों को भारी नुकसान झेलना पड़ेगा।
पिछली युपीए सरकार के समय भी इन कम्पनियों के विरोध में कई बार भारत बंद हो चूका है। वास्तव में इन कंपनियों के आने से खुदरा व्यापार ही नहीं थोक बाजार पर भी बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा।
अगले महीने 28 सितंबर को देश के व्यापारी भारत बंद रखेंगे। फ्लिपकार्ट-वॉलमार्ट के विरोध में अखिल भारतीय व्यापारी संघ ने इस की घोषणा करते हुए कहा कि यह डील खुदरा व्यापारियों को भुखमरी के कगार पर ला सकती है। सचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि सरकार ई-कॉमर्स कंपनियों को बढ़ावा दे रही है। ऑनलाइन कंपनियां ग्राहकों को काफी डिस्काउंट देती है, जिससे उन्हें नुकसान होने पर भी डर नहीं रहता है। 15 सितंबर से पूरे देश में रथ यात्रा भी शुरू करेगा। इस रथ यात्रा के समापन पर 16 दिसंबर को रैली भी होगी जिसमें पूरे देश के व्यापारी हिस्सा लेंगे।कैट के अनुसार आगामी 28 सितंबर को सभी व्यापारी अपने प्रतिष्ठानों को बंद रखेंगे और ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। सभी संगठनों का कहना है कि, आगे आने वाले समय में इस डील से उनके व्यापर पर काफी असर पड़ सकता है। इसलिए वह 28 सितंबर को भारत बंद कर इस डील के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन करेंगे और फ्लिपकार्ट-वालमार्ट डील के खिलाफ अपना विरोध जताएंगे।
ऑनलाइन बाजार के बढ़ते क्रेज की वजह से भारत में व्यापारियों पर इसका काफी असर देखने को मिल रहा है। जाहिर है आज के डिजिटल इंडिया में हर कोई ऑनलाइन मार्केट में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहा है। ऐसे में आम व्यापारियों को इससे नुक्सान तो देखने को मिलेगा ही। अब देखना होगा कि, आखिर आने वाली 28 सितंबर को क्या भारत बंद होने के साथ ही क्या हंगामा देखने को मिलता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, वालमार्ट के साथ डील करने के बाद फ्लिपकार्ट ने अपना स्टोर भी शुरू कर दिया है जिसमे बंपर ऑफर भी दिया जा रहा है। ई-कॉमर्स में तहलका मचाने के बाद अब फ्लिपकार्ट सुपरमार्ट जैसे स्टोर्स खोलकर लोगों के बीच अपनी एक अलग पहचान बनाने में लगा है। इससे किराना व्यापारियों के साथ ही कई अन्य लोगों को भारी नुकसान झेलना पड़ेगा।
पिछली युपीए सरकार के समय भी इन कम्पनियों के विरोध में कई बार भारत बंद हो चूका है। वास्तव में इन कंपनियों के आने से खुदरा व्यापार ही नहीं थोक बाजार पर भी बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा।
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