डिंपल कपाड़िया को नरगिस और राजकपूर की नाजायज संतान समझते थे लोग, स्कूल में संजय दत्त को सुनने पड़ते थे ताने
आर.बी.एल.निगम, फिल्म समीक्षक
29 जुलाई को 59 साल के होने जा रहे संजय दत्त की लाइफ की कई ऐसी बातें हैं, जो ज्यादातर लोग नहीं जानते। मसलन, तब संजय दत्त महज 11 साल के थे, जब मीडिया में यह गॉसिप छाई हुई थी कि डिम्पल कपाड़िया उनकी मां नरगिस और राज कपूर की नाजायज संतान हैं। तब संजय सनोवर, हिमाचल प्रदेश के लॉरेंस बोर्डिंग स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे। लेकिन मीडिया में चल रही इस गॉसिप की वजह से वे स्कूल के दूसरे बच्चों के निशाने पर रहा करते थे। संजय दत्त को नरगिस और डिंपल के नाम पर चिढ़ाया जाता था और यह उनके लिए किसी मानसिक प्रताड़ना से कम नहीं था। इस वजह से संजू मां नरगिस से भी नाराज रहने लगे थे।
यह था डिंपल को नरगिस की नाजायज संतान बताने का कारण
1973 में राज कपूर के डायरेक्शन में बनी फिल्म 'बॉबी' रिलीज हुई थी, जिससे उन्होंने अपने बेटे ऋषि कपूर को बतौर लीड एक्टर लॉन्च किया था। यह डिंपल कपाड़िया की भी डेब्यू फिल्म थी। तब मीडिया में यह गॉसिप शुरू हुई थी कि डिंपल राज कपूर और नरगिस के प्यार की निशानी हैं, इसलिए उन्हें 'बॉबी' में लीड रोल दिया गया। इसकी एक वजह यह भी थी कि फिल्म में डिंपल का लुक काफी कुछ नरगिस के फ़िल्मी लुक से मेल खा रहा था। हालांकि, जल्दी ही इस अफवाह पर विराम लग गया।
नरगिस ने खुद दी थी सफाई
नरगिस ने इसे लेकर सफाई भी दी थी। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था, "मुझे नहीं पता कि यह अफवाह कहां से और कैसे उड़ी। मैं बस इतना कह सकती हूं कि यह किसी के गंदे दिमाग की उपज है। राज कपूर की 'बॉबी' में डिंपल का लुक फिल्म 'आवारा' में मेरे लुक से मेल खाता है, सिर्फ इस वजह से कहानी गढ़ दी गई। यह बहुत ही बेवकूफी भरा निष्कर्ष है। भगवान न करे, लेकिन अगर ऐसा होता तो मैं अपनी बेटी को अपनाने से इनकार नहीं करती। डिंपल बहुत समझदार लड़की है, जो इस अफवाह के उसने जोक के तौर पर लिया। जहां तक मेरी बात है तो मेरी फैमिली, मेरे हसबैंड और मेरे बच्चे ऐसी अफवाहों को नजरअंदाज करते हैं। मैं ऐसी गॉसिप्स की वजह से तनाव में आकर नहीं मरना चाहती।"
राज कपूर थे नरगिस का पहला प्यार
बॉलीवुड के पहले शोमैन राज कपूर के साथ नरगिस का इंटीमेट रिलेशनशिप था। दोनों सिर्फ रील लाइफ में नहीं, बल्कि रियल लाइफ में भी रोमांटिक कपल थे। नरगिस ने राज कपूर के साथ कुल 16 फिल्में की, जिनमें से 6 फिल्में आर.के.बैनर की ही थी। इस फेहरिस्त में ‘आग’, ’बरसात’, ’अंदाज’, ’आवारा’, ’आह’, ’श्री 420’, ’जागते रहो’ और ‘चोरी-चोरी’ जैसी यादगार फिल्में शामिल हैं। जब नरगिस 19 साल की थीं, तब राज कपूर के साथ उनका अफेयर शुरू हुआ। बाद में उन्हें इस बात का अहसास हुआ कि ये प्यार फिजूल है। इसकी वजह ये थी कि राज कपूर शादीशुदा थे और वो अपनी पत्नी कृष्णा कपूर और बच्चों को छोड़कर नरगिस से शादी नहीं कर सकते थे।
उन दिनों यह भी चर्चा थी कि राजकपूर और नरगिस रोमांस सातवें आसमान पर था, और कब दोनों शादी कर ले कहना भी मुश्किल था। राज की पत्नी कृष्णा द्वारा अपने दोनों बच्चों को लेकर अपने मायके चले जाने उपरान्त जब पिताश्री पृथ्वीराज को मालूम हुआ तो सर्वप्रथम अपनी बहु कृष्णा और पौत्रों सहित घर वापस लेकर आए। फिर उसके उपरान्त बहु कृष्णा को लेकर नरगिस के पास जाकर, समस्या का समाधान किया। परिणाम यह हुआ कि उस दिन के बाद से नरगिस ने राजकपूर से दूरी बना ली और कभी राज के साथ कोई फिल्म नहीं की।
यह भी चर्चा थी कि फिल्म "मदर इंडिया" में नरगिस पर फिल्माया आग का दृश्य असली था। क्योंकि नरगिस की ख़ूबसूरती के कारण उनके चाहने वालों की कमी नहीं थी, उन सबसे छुटकारा पाने के लिए नरगिस ने निर्माता-निर्देशक महबूब खान को असली आग का दृश्य फिल्माने का अनुरोध करते कहा कि जो भी मुझे इस आग में से निकालकर लाएगा, उसी से शादी करुँगी, परिणामस्वरूप उनके आशिकों की लाइन समाप्त हो गयी और सुनील दत्त ही तैयार हुए।
ऐसा नहीं है, "मदर इंडिया" में आग का दृश्य असली फिल्माया गया था, गुरुदत्त निर्मित फिल्म "साहिब,बीबी और गुलाम" में मीना कुमारी द्वारा शराब पीकर "ना जाओ सइयां छुड़ाकर बहियाँ, कसम तुम्हारी मै रो पड़ूँगी..." दृश्य भी वास्तव में मीना कुमारी द्वारा शराब पीकर ही फिल्माया गया था, क्योंकि यह गीत उनके वास्तविक जीवन को भी दर्शा रहा था। हालाँकि अभिनेता-निर्माता-निर्देशक गुरुदत्त ने गीत के फिल्माए जाने उपरान्त शराब देने का वायदा किया, लेकिन मीना जी ने कहा कि गीत का फिल्मांकन शराब पीकर ही होगा, वरना नहीं, किसी और से करवा लो।
यानि अनेको बार फिल्मकारों के समक्ष भी ऐसे हादसे होते है कि उन्हें वास्तविक जामा पहनाने को मजबूर हो जाना पड़ता है। फिल्म "जन्म जन्म के फेरे" का गीत "जरा सामने तो आओ छलिये ..." आज भी दिल-ओ-दिमाग को रुला देता है, क्यों, क्योंकि जब इस फिल्म से गीत लिखे जा रहे थे, गीतकार का भतीजा जो अभिनेता का बेटा भी था, कहीं खो गया था, यही कारण है कि गीत में इतना दर्द है।
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