आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
सत्ता के नशे में चूर भाजपाई क्या बोल रहे हैं, ऐसा यदि राम-सीता के बारे में किसी अन्य धर्म वालों ने बोला होता, ये ही भाजपाई शोर मचा देते, क्योकि उत्तर प्रदेश और केन्द्र में इन्हीं की सरकार है। ऐसा नहीं है, कि उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमन्त्री दिनेश शर्मा ने सबकुछ गलत ही बोला है। कुछ सच्चाई भी है, जिसके लिए वह बधाई के पात्र भी हैं। उदाहरण, गुरुत्वाकर्षण बल, प्लास्टिक सर्जरी और परमाणु की खोज भी भारत में हुई थी।
इस सन्दर्भ में स्मरण आती है, जिस समय भारत में केबल टीवी का युग था, उस समय मेरा केबल वाला सुबह के भक्ति की कैसेट प्रसारित करता था। भजनों से अतिरिक्त माता जागरण की दो भिन्न-भिन्न कैसेट में महन्तों के प्रवचन आज तक दिमाग से निकले नहीं है, 1. "जिस श्रद्धा भाव से भक्त अपनी हैसियत के अनुसार जो कुछ भी माता के चरणों में समर्पित किया है, क्या उसी श्रद्धा भाव से उन्होंने अपने माता-पिता को भोजन, वस्त्र और फल का सेवन करवाते हैं? यदि नहीं, तो माता पर अर्पित किया सबकुछ बेकार है, माता भी स्वीकार नहीं करेगी, क्योकि इस धरती पर हमारे माता-पिता ही असली भगवान है।" 2. आज हम कहते हैं कि हमने रॉकेट, एटम बम और मिसाइल बना ली, शास्त्रों को देखो तो यह सब वर्षों पूर्व हमारे ही देश में विराजमान हैं। वैज्ञानिक धरती और आकाश के बीच की दूरी बताकर बहुत प्रसन्न होते हैं, हनुमान चालीसा की चौपाइयों में इस दूरी का पहले ही से वर्णन है।" आदि आदि। इसमें कोई राय भी नहीं, कि भारत में ऐसे-ऐसे राजा भी हुए हैं, जो शब्दभेदी बाण चलाने में सिद्धहस्त थे। जैसे: राजा दशरथ और पृथ्वीराज चौहान। राजा दशरथ जिन्होंने नदी के दूसरी और पानी की आवाज़ आते ही किसी जानवर का शिकार करने के चक्कर में श्रवण कुमार के अनजाने में प्राण ले लिए थे। दूसरे, 16 बार हार चूका मोहम्मद ग़ोरी जब 17वीं बार जयचन्दों की सहायता से पृथ्वीराज चौहान को शिकस्त देने उपरान्त बंदी बनाकर आँखे फोड़ दीं थी, लेकिन साथ में बंदी बने राजकवि चंद्रवरदाई की सहायता से गोरी को उसी के घर में ऑंखें न होते हुए मौत के घाट उतार दिया था।
लेकिन दिनेश शर्मा द्वारा सीता जन्म को टेस्ट ट्यूब नाम देना शायद भाजपा में किसी के भी गले नहीं उतरेगा।
अवलोकन करें:--
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देव के बाद उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा सुर्खियों में है। भारत के तकनीक का बखान करते-करते उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने विवादित बयान दे दिया. दिनेश शर्मा ने कहा कि सीता जी टेस्ट ट्यूब बेबी हो सकती हैं. टेक्नोलॉजी का उदाहरण देते हुए उप मुख्यमंत्री ने संजय और धृतराष्ट्र का भी उदाहरण दिया. मथुरा में हिंदी पत्रकारिता दिवस के एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, 'सीता जी का जन्म घड़े की मदद से हुआ था, जो उस वक्त टेस्ट ट्यूब से बच्चे पैदा करने का एक तरीका था'.
नारद को बताया पहला पत्रकार
मथुरा में हिंदी पत्रकारिता दिवस के एक कार्यक्रम में संबोधित करते हुए उन्होंने नारद को पहला पत्रकार भी बताया. हिंदी पत्रकारिता दिवस पर उन्होंने कहा थी कि पत्रकारिता कोई आधुनिककाल से ही शुरू नहीं हुई थी, ये महाभारत काल से चली आ रही है. इस दौरान उन्होंने दावा किया था कि गुरुत्वाकर्षण बल, प्लास्टिक सर्जरी और परमाणु की खोज भी भारत में हुई थी.
महाभारत के दौरान हुआ था लाइव टेलीकास्ट
महाभारत के पात्र संजय का जिक्र करते हुए उऩ्होंने कहा कि संजय हस्तिनापुर में बैठे-बैठ कुरुक्षेत्र में हो रहे महाभारत के युद्ध का विहंगम दृश्य धृतराष्ट्र को बताते थे. ये लाइव टेलीकास्ट नहीं तो क्या है.
बिप्लब देव ने भी अटपटा बयान
आपको बता दें कि कि त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देव ने भी पिछले दिनों संजय और धृतराष्ट्र का उल्लेख करते हुए कहा था कि महाभारत काल में भी इंटरनेट था. इसी के चलते संजय धृतराष्ट्र को महाभारत के युद्ध की जानकारी दे पाए थे.
सत्ता के नशे में चूर भाजपाई क्या बोल रहे हैं, ऐसा यदि राम-सीता के बारे में किसी अन्य धर्म वालों ने बोला होता, ये ही भाजपाई शोर मचा देते, क्योकि उत्तर प्रदेश और केन्द्र में इन्हीं की सरकार है। ऐसा नहीं है, कि उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमन्त्री दिनेश शर्मा ने सबकुछ गलत ही बोला है। कुछ सच्चाई भी है, जिसके लिए वह बधाई के पात्र भी हैं। उदाहरण, गुरुत्वाकर्षण बल, प्लास्टिक सर्जरी और परमाणु की खोज भी भारत में हुई थी।
इस सन्दर्भ में स्मरण आती है, जिस समय भारत में केबल टीवी का युग था, उस समय मेरा केबल वाला सुबह के भक्ति की कैसेट प्रसारित करता था। भजनों से अतिरिक्त माता जागरण की दो भिन्न-भिन्न कैसेट में महन्तों के प्रवचन आज तक दिमाग से निकले नहीं है, 1. "जिस श्रद्धा भाव से भक्त अपनी हैसियत के अनुसार जो कुछ भी माता के चरणों में समर्पित किया है, क्या उसी श्रद्धा भाव से उन्होंने अपने माता-पिता को भोजन, वस्त्र और फल का सेवन करवाते हैं? यदि नहीं, तो माता पर अर्पित किया सबकुछ बेकार है, माता भी स्वीकार नहीं करेगी, क्योकि इस धरती पर हमारे माता-पिता ही असली भगवान है।" 2. आज हम कहते हैं कि हमने रॉकेट, एटम बम और मिसाइल बना ली, शास्त्रों को देखो तो यह सब वर्षों पूर्व हमारे ही देश में विराजमान हैं। वैज्ञानिक धरती और आकाश के बीच की दूरी बताकर बहुत प्रसन्न होते हैं, हनुमान चालीसा की चौपाइयों में इस दूरी का पहले ही से वर्णन है।" आदि आदि। इसमें कोई राय भी नहीं, कि भारत में ऐसे-ऐसे राजा भी हुए हैं, जो शब्दभेदी बाण चलाने में सिद्धहस्त थे। जैसे: राजा दशरथ और पृथ्वीराज चौहान। राजा दशरथ जिन्होंने नदी के दूसरी और पानी की आवाज़ आते ही किसी जानवर का शिकार करने के चक्कर में श्रवण कुमार के अनजाने में प्राण ले लिए थे। दूसरे, 16 बार हार चूका मोहम्मद ग़ोरी जब 17वीं बार जयचन्दों की सहायता से पृथ्वीराज चौहान को शिकस्त देने उपरान्त बंदी बनाकर आँखे फोड़ दीं थी, लेकिन साथ में बंदी बने राजकवि चंद्रवरदाई की सहायता से गोरी को उसी के घर में ऑंखें न होते हुए मौत के घाट उतार दिया था।
लेकिन दिनेश शर्मा द्वारा सीता जन्म को टेस्ट ट्यूब नाम देना शायद भाजपा में किसी के भी गले नहीं उतरेगा।
अवलोकन करें:--
नारद को बताया पहला पत्रकार
मथुरा में हिंदी पत्रकारिता दिवस के एक कार्यक्रम में संबोधित करते हुए उन्होंने नारद को पहला पत्रकार भी बताया. हिंदी पत्रकारिता दिवस पर उन्होंने कहा थी कि पत्रकारिता कोई आधुनिककाल से ही शुरू नहीं हुई थी, ये महाभारत काल से चली आ रही है. इस दौरान उन्होंने दावा किया था कि गुरुत्वाकर्षण बल, प्लास्टिक सर्जरी और परमाणु की खोज भी भारत में हुई थी.
महाभारत के दौरान हुआ था लाइव टेलीकास्ट
महाभारत के पात्र संजय का जिक्र करते हुए उऩ्होंने कहा कि संजय हस्तिनापुर में बैठे-बैठ कुरुक्षेत्र में हो रहे महाभारत के युद्ध का विहंगम दृश्य धृतराष्ट्र को बताते थे. ये लाइव टेलीकास्ट नहीं तो क्या है.
बिप्लब देव ने भी अटपटा बयान
आपको बता दें कि कि त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देव ने भी पिछले दिनों संजय और धृतराष्ट्र का उल्लेख करते हुए कहा था कि महाभारत काल में भी इंटरनेट था. इसी के चलते संजय धृतराष्ट्र को महाभारत के युद्ध की जानकारी दे पाए थे.
Comments