Skip to main content

'नमाज सार्वजनिक स्थानों की बजाय सिर्फ मस्जिद और ईदगाह में पढ़ी जाना चाहिए। --मनोहर लाल खट्टर

किसी को नमाज पढ़ने से नहीं रोका, जगह की कमी है तो निजी स्थान का इस्तेमाल करें: मुख्यमंत्री खट्टर, national news in hindi, national news
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर ने सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़ने के मामले पर सफाई दी। उन्होंने कहा, 'मैंने कभी किसी को नमाज अदा करने से रोकने की बात नहीं कही। अगर कहीं जगह कम पड़ रही है तो लोग इसके लिए निजी जगहों का इस्तेमाल कर सकते हैं।' इससे पहले मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा था कि नमाज सिर्फ मस्जिद और ईदगाह में पढ़ी जानी चाहिए। बता दें कि गुड़गांव में हिंदू संगठनों के कुछ लोगों की ओर से सार्वजनिक जगहों हो रही नमाज में बाधा पहुंचाए जाने का मामला सामने आया था। इसके बाद हालात तनावपूर्ण हो गए थे।
हरियाणा में सड़क पर नमाज़ पढ़ने पर हो रहे विवाद पर स्मरण आती है, तेलंगाना (हैदराबाद) प्रवास के दौरान 2016 में आयी ईदुल फ़ित्र। दिन बृहस्पति वार। जहाँ हर बृहस्पतिवार को मौलाना आज़ाद उर्दू यूनिवर्सिटी के निकट सब्ज़ी मार्केट लगती है। वहीँ एक मस्जिद भी है। नहाकर किचन की बालकनी में खड़ा नमाज़ पूरी होने का इंतज़ार कर रहा था। लेकिन मुश्किल से 5 ही मिनट बाद कारें गुजरती देख,अंदाज़ा लगाया कि नमाज़ हो चुकी है। लेकिन हकीकत में नमाज़ शुरू भी नहीं हुई थी। खैर, सब्ज़ी खरीदने निकले। मस्जिद के आगे तक हर बृहस्पतिवार की तरह दुकाने लगी हुई थीं। लोग स्कूटर और कारों में मस्जिद की ओर आ रहे थे, लेकिन मस्जिद में जगह नहीं होने के कारण वापस जा रहे थे। वापसी में देखा, ईद की नमाज़ भी हो गयी और नमाज़ी अपने-अपने घर वापस जा रहे थे। पता ही नहीं चला कि आज ईद या जुम्मे की नमाज़ है। ईद के दिन फिर बाजार में चहल-पहल नज़र आ रही थी, जबकि दशहरे वाले दिन तो कर्फ्यू जैसा सन्नाटा। विपरीत इसके पुरानी दिल्ली में इन दोनों त्यौहारों पर रौनक देखते ही बनती है। 
इतना ही नहीं, रोज़े के दिनों में कुछ दुकानदार मेज़ लगाकर बकरा,मुर्गा और फलों की दुकानें लगा लेते थे, लेकिन वहां की पुलिस उन्हें हटा देती थी। कोई शोर नहीं। वर्तमान राज्य सरकार के ही कार्यकाल में किसी मस्जिद से लाउड स्पीकर से कुछ विवादित घोषणा होते ही, सैकड़ों मस्जिदों से लाउड स्पीकर हटा दिए गए। कोई नहीं बोला। क्योकि वहां गैर-भाजपा सरकार है। 
अवलोकन करें:-


कोच्चि। केरल सुन्नी महालु फेडरेशन ने मस्जिदों में लाउडस्पीकर पर पाबंदी लगाने की अपील की है। इस फेडरेशन से 8, 000 मस्ज....
NIGAMRAJENDRA28.BLOGSPOT.IN
आज रोक नहीं लगाई तो लोग हक मांगेंगे: खट्टर
किसी को नमाज पढ़ने से नहीं रोका, जगह की कमी है तो निजी स्थान का इस्तेमाल करें: मुख्यमंत्री खट्टर, national news in hindi, national news
मुख्यमंत्री ने मई 6 को चंडीगढ़ में कहा था, ''नमाज सार्वजनिक स्थानों की बजाय सिर्फ मस्जिद और ईदगाह में पढ़ी जाना चाहिए। आजकल खुले में नमाज अदा करने का चलन बढ़ गया है। आज रोक नहीं लगाई तो कल उस जमीन या जगह पर मालिकाना हक मांगेंगे और कहेंगे कि हम तो सालों से वहां नमाज पढ़ रहे हैं।''
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सफाई देने के बाद रविवार इजरायल और यूके के 10 दिवसीय दौरे पर रवाना हो गए।
नमाज पर बयान को लेकर खट्टर की सफाई
बयान पर विवाद के बाद मुख्यमंत्री खट्‌टर ने कहा कि हमारा मानना है कि नमाज मस्जिद या फिर ईदगाह में पढ़ी जाना चाहिए, अगर कहीं जगह की कमी होती है तो इसके लिए निली जगह का इस्तेमाल किया जा सकता है। राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है।
- उन्होंने कहा कि अगर किसी को सार्वजनिक स्थान पर नमाज पढ़े जाने से कोई समस्या होती है तो वह पुलिस या फिर प्रशासन को सूचना दे। ये ठीक था जब तक खुले में नमाज पढ़ने से किसी को कोई दिक्कत नहीं थी, पर अगर किसी विभाग या व्यक्ति को आपत्ति होती है तो हमें सतर्क रहना होगा।

बीते शुक्रवार को हिंदू संगठनों के कुछ लोगों की ओर से कई इलाकों में खुले में नमाज में बाधा पहुंचाए जाने की बात सामने आई थी। इसके बाद तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी। हालांकि, कहीं कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।
- हिंदू संगठनों का कहना है कि अगर प्रशासन ने सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़ने पर रोक नहीं लगाई तो वह विरोध जारी रखेंगे। उनका कहना है कि नमाजियों को रोड के किनारे, पार्क और सरकारी खाली जमीन पर नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं है।

इस मामले में कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कहा कि कभी-कभार अगर किसी को खुले में नमाज पढ़नी पड़ जाती है तो धर्म की आजादी है, लेकिन किसी जगह को कब्जा करने की नीयत से नमाज पढ़ना गलत है। उसकी इजाजत नहीं दी जा सकती है। नमाज को लेकर उठे विवाद को तूल न देते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने साफ कर दिया कि नमाज मस्जिद, ईदगाह या निजी स्थान पर ही अदा किया जाना चाहिए।

खुले में नमाज मामले में चिंगारी भड़का रही है कांग्रेस!

लोकल इंटेलिजेंस ब्यूरो ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कांग्रेस पार्टी का एक स्थानीय नेता, जेएनयू के कुछ वामपंथी एक्टिविस्ट शुरू से ही इस मामले में काफी दिलचस्पी ले रहे हैं। ये लोग गुड़गांव के वजीराबाद गांव ही नहीं, बल्कि हरियाणा के कई इलाकों में बीते 10-15 साल में बसाए गए अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को उकसाने में जुटे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इन्हीं की शहर पर बीते कुछ साल से हर शुक्रवार को हरियाणा भर में सार्वजनिक जगहों पर नमाज़ के जरिए आम लोगों को परेशान करने का काम चल रहा है। नमाज पढ़ने की ये सार्वजनिक जगहें लगातार फैलती जा रही हैं। बीते 10 साल में गुड़गांव का एक बड़ा हिस्सा नमाज की चपेट में आ चुका है। यह बात हर कोई जानता है कि ये सरकारी जमीनें हड़पने का तरीका है। जिन जगहों पर ये लोग नमाज पढ़ते हैं उस पर कुछ दिन बाद मस्जिद बनाने की कोशिश भी शुरू हो जाती है। 

सियासत की कोशिश में कांग्रेस

मामले की जांच में यह बात सामने आई है कि कुछ दिन पहले नमाज़ रोके जाने के बाद लोकल मुसलमानों की एक टीम पुलिस कमिश्नर से मिलने गई थी। इस टीम में जेएनयू से संबंधित एक महिला भी शामिल थी, जिसका नाम राखी है। ये महिला अखबारों और पत्रिकाओं में लेख भी लिखती है। इसके अलावा जेएनयू का ही एक वामपंथी प्रोफेसर अपूर्वानंद भी इस टीम का हिस्सा था। पूरे मामले में जो सबसे हैरतअंगेज नाम है वो है कांग्रेस के स्थानीय नेता प्रदीप जेलदार का। बताया जा रहा है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों को जेलदार की तरफ से समर्थन मिला हुआ है। जेलदार ने बांग्लादेशियों के लिए आंदोलन कर रही वामपंथी टीम की अगुवाई की। कांग्रेस की सरकार के दौर में इन बांग्लादेशियों को आधार कार्ड दिलाने में भी राजनीतिक साजिश की बात सामने आ रही है।

बड़ी समस्या है खुले में नमाज़

हरियाणा के कई इलाकों में खुले में नमाज पढ़ने के मामलों के कारण अक्सर तनाव की स्थिति पैदा होती रही है। 2011 में कांग्रेस सरकार के वक्त स्थानीय भाजपा नेता कुलभूषण भारद्वाज ने याचिका दी थी कि हर साल दोनों ईद के मौके पर नमाज के दौरान नेशनल हाइवे 8 पर जाम हो जाता है, उन्होंने इस पर रोक की मांग की थी, जिसके बाद सरकार ने अस्थायी तौर पर नमाज के लिए देवीलाल स्टेडियम भी दे दिया था। इस बीच हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने साफ कर दिया है कि “नमाज मस्जिदों या ईदगाहों में ही पढ़ी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर स्थानीय लोगों को एतराज है तो मुसलमानों को खुद ही खुली जगह में नमाज से बचना चाहिए।” सार्वजनिक जगहों पर नमाज से दूसरे धर्म वालों को दिक्कत पैदा हो रही है और कांग्रेस की जिहादी सरकारों का अंत होने के साथ लोग अब आवाज उठाने लगे हैं। उम्मीद है कि जल्द दूसरे राज्यों में भी खुले में नमाज पर पाबंदी की मांग उठनी शुरू होगी।

Comments

AUTHOR

My photo
shannomagan
To write on general topics and specially on films;THE BLOGS ARE DEDICATED TO MY PARENTS:SHRI M.B.L.NIGAM(January 7,1917-March 17,2005) and SMT.SHANNO DEVI NIGAM(November 23,1922-January24,1983)

Popular posts from this blog

राखी सावंत की सेक्सी वीडियो वायरल

बॉलीवुड की ड्रामा क्वीन राखी सावंत हमेशा अपनी अजीबो गरीब हरकत से सोशल मिडिया पर छाई रहती हैं। लेकिन इस बार वह अपनी बोल्ड फोटो के लिए चर्चे में हैं. उन्होंने हाल ही में एक बोल्ड फोटो शेयर की जिसमें वह एकदम कहर ढाह रही हैं. फोटो के साथ-साथ वह कभी अपने क्लीवेज पर बना टैटू का वीडियो शेयर करती हैं तो कभी स्नैपचैट का फिल्टर लगाकर वीडियो पोस्ट करती हैं. वह अपने अधिकतर फोटो और वीडियो में अपने क्लीवेज फ्लांट करती दिखती हैं. राखी के वीडियो को देखकर उनके फॉलोवर्स के होश उड़ जाते हैं. इसी के चलते उनकी फोटो और वीडियो पर बहुत सारे कमेंट आते हैं. राखी अपने बयानों की वजह से हमेशा सुर्खियों में रहती हैं.राखी अक्सर अपने रिलेशनशिप को लेकर हमेशा चर्चा में बनी रहतीं हैं. राखी कभी दीपक कलाल से शादी और लाइव हनीमून जैसे बयान देती हैं तो कभी चुपचाप शादी रचाकर फैंस को हैरान कर देती हैं. हंलाकि उनके पति को अजतक राखी के अलावा किसी ने नहीं देखा है. वह अपने पति के हाथों में हाथ डाले फोटो शेयर करती हैं लेकिन फोटो में पति का हाथ ही दिखता है, शक्ल नहीं. इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर राखी जो भी शेयर करती हैं वह भी चर्चा ...

भोजपुरी एक्ट्रेस त्रिशा कर मधु का MMS…सोशल मीडिया पर हुआ लीक

सोशल मीडिया पर भोजपुरी एक्ट्रेस और सिंगर त्रिशा कर मधु का MMS लीक हो गया है, जिससे वो बहुत आहत हैं, एक्ट्रेस ने सोशल मीडिया पर अपना दर्द बयां किया है, त्रिशा मधु ने इस बात को कबूल किया है कि वीडियो उन्होंने ही बनाया है लेकिन इस बात पर यकीन नहीं था कि उन्हें धोखा मिलेगा। गौरतलब है कि हाल ही में त्रिशा का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा था जिसमें वह एक शख्स के साथ आपत्तिजनक स्थिति में नजर आ रही थीं। इस वीडियो के वायरल होने के बाद अभिनेत्री ने इसे डिलीट करने की गुहार लगाई साथ ही भोजपुरी इंडस्ट्री के लोगों पर उन्हें बदनाम करने की साजिश का आरोप लगाया। त्रिशा मधु कर ने अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो के साथ पोस्ट लिखा है जिसमें कहा, आप लोग बोल रहे हैं कि खुद वीडियो बनाई है। हां, हम दोनों ने वीडियो बनाया थ। पर मुझे ये नहीं मालूम था कि कल को मेरे साथ धोखा होने वाला है। कोई किसी को गिराने के लिए इतना नीचे तक गिर जाएगा, यह नहीं पता था। इससे पहले त्रिशा ने वायरल हो रहे वीडियो पर अपना गुस्सा जाहिर किया था और कहा था कि उनको बदनाम करने को साजिश की जा रही है। त्रिशा मधु कर ने सोशल मीडिया पर ए...

Netflix फैला रहा हिन्दू घृणा : ‘हल्लिलूय्याह’ बन गया ‘अनंत आनंदम्’, बच्चों का यौन शोषण करने वाला हिन्दू बाबा

                             Netflix लो वेब सीरीज 'राणा नायडू' में वेंकटेश और राणा दग्गुबती भारत में आजकल गालियों और सेक्स को ही वेब सीरीज मान लिया गया है। इसमें अगर हिन्दू घृणा का छौंक लग जाए तो फिर कहना ही क्या। चाहे ‘पाताल लोक’ में पंडित के मुँह से माँ की गाली बुलवाने वाला दृश्य हो या फिर ‘मिर्जापुर’ में ब्राह्मण को लालची बता कर उसे उठा कर भगाने का, OTT पर धड़ाधड़ रिलीज हो रहे ये वेब सीरीज इन मामलों में निराश नहीं करते। ऐसी ही एक नई वेब सीरीज Netflix पर आई है, ‘राणा नायडू’ नाम की। हिन्दू भावनाओं के प्रति जितनी जागरूकता सरकार और हिन्दुओं में देखी जा रही है, उतनी कभी नहीं। 70 के दशक में वैश्यवृत्ति पर आधारित निर्माता-निर्देशक राम दयाल की फिल्म 'प्रभात' का प्रदर्शन हुआ, जिसे विश्व हिन्दू परिषद द्वारा नायक और नायिका के राम एवं सीता होने पर आपत्ति करने राम दयाल को दोनों के नाम परिवर्तित होने को मजबूर होना पड़ा था। इसके अलावा कई फिल्में आयी जिनमें हिन्दू मंदिरो को बदनाम किया जाता रहा है। यही कारण है कि राहुल गाँधी द्वा...