| असद दुर्रानी 1990 से 1992 के बीच आईएसआई चीफ रहे थे |
23 मई को रिलीज हुई है किताब
दुर्रानी और दुलत ने मिलकर 'द स्पाई क्रॉनिकल्स: रॉ, आईएसआई एंड द इल्यूशन ऑफ पीस' किताब लिखी है। ये किताब 23 मई को रिलीज हो चुकी है।
| 23 मई को स्पाई क्रॉनिकल्स रिलीज हुई थी |
‘द स्पाई क्रॉनिकल्सः रॉ, आईएसआई एंड द इल्यूज़न ऑफ पीस’ नामक इस किताब को दो दिन पहले ही जारी किया गया था. दो दिन पहले विमोचित की गई इस किताब को लेकर विवाद गहराता जा रहा है और पूर्व रॉ चीफ एएस दुलत के साथ मिलकर किताब लिखने पर पूर्व आईएसआई चीप असद दुर्रानी को पाकिस्तान आर्मी के हेडक्वार्टर पर तलब किया गया है. पाकिस्तानी आर्मी के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने शुक्रवार को बताया कि दुर्रानी को 28 मई को जनरल हेडक्वार्टर बुलाया गया है जहां उनसे किताब में दिए गए अपने विचारों के लिए पूछताछ की जाएगी.
इंटर-सर्विस पब्लिक रिलेशन के चीफ मेजर जनरल गफूर ने कहा कि यो मिलिट्री कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन है. एएस दुलत ने दुर्रानी को जनरल साहब के नाम से संबोधित किया है. उन्होंने किताब में लिखा है कि दो विरोधी देशों के पूर्व स्पाई मास्टर्स की ये कोशिश भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को अच्छा करने और संवाद को बढ़ावा देने की एक कोशिश है.
ये किताब पूर्व आईएसआई और रॉ चीफ के बीच अफगानिस्तान, परवेज़ मुशर्रफ, नवाज़ शरीफ, अजीत डोवाल, कुलभूषण जाधव, कश्मीर और नरेंद्र मोदी जैसे तमाम विषयों पर किए गए बातचीत का संग्रह है. दुर्रानी ने किताब में लिखा है कि ओसामा के खिलाफ अमेरिका द्वारा चलाए गए अभियान की पाकिस्तान को पूरी तरह से जानकारी थी. उन्होंने ये भी लिखा कि कुलभूषण जाधव के मामले को पाकिस्तान ने ठीक ढंग से हैंडिल नहीं किया. किताब ने वोमोचन के दो दिन के अंदर ही धमाका कर दिया है और विवाद जारी है.
पाक आर्मी ने अपने बयान में कहा कि दुर्रानी को 20 मई को समन भेजा गया था। अपनी किताब में विचार रखने के लिए उनसे सफाई मांगी गई है। दुर्रानी ने जो किया, उसे मिलिट्री की आचार संहिता का उल्लंघन माना जा सकता है। ये सभी मौजूदा और रिटायर्ड आर्मी अफसरों पर लागू होता है।
नवाज शरीफ ने भी उठाए थे सवाल
दुर्रानी की किताब के मसले पर नवाज शरीफ ने नेशनल सिक्युरिटी कमेटी (एनएससी) की बैठक बुलाने को कहा था। एनएससी में आर्मी और कई सिविलियन अफसर होते हैं।
वहीं पाकिस्तान की सीनेट के पूर्व अध्यक्ष रजा रब्बानी ने भी किताब की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि अगर किसी राजनेता ने ऐसा काम किया होता तो उसे देशद्रोही करार कर दिया जाता।
किताब में इन मुद्दों पर चर्चा
- किताब में दोनों देशों के कई मुद्दों मसलन कारगिल ऑपरेशन, ओसामा बिन लादेन के खिलाफ किया गया एबटाबाद ऑपरेशन, कुलभूषण जाधव की गिरफ्तारी, हाफिज सईद और बुरहान वानी का जिक्र किया गया है।
किताब में दावा किया गया है कि ओसामा बिन लादेन के खिलाफ एबटाबाद में चलाए गए ऑपरेशन में तब पाक प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी मौजूद थे। इसको लेकर अमेरिकी और पाक सरकार के बीच एक स्पेशल डील हुई थी।
'द स्पाई...' में ये भी कहा गया है कि पाक भारत के कुलभूषण जाधव केस को संभाल नहीं पाया। जाधव को पाक मिलिट्री कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। हालांकि अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने जाधव की फांसी पर रोक लगा दी थी।
आखिर किताब में ऐसा क्या लिखा?
इस किताब में कश्मीर समस्या, करगिल युद्ध, ओसामा बिन लादेन का मारा जाना, कुलभूषण जाधव की गिरफ्तारी, हाफिज सईद, बुरहान वाणी समेत कई मुद्दों पर बात की गई है। इस किताब में यह भी दावा किया गया है कि पाकिस्तानी की जासूस एजेंसी आइएसआइ नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से खुश थी। किताब में दुर्रानी ने लिखा है कि पाकिस्तान की सीक्रेट सर्विस एजेंसी आइएसआइ की पहली पसंद मोदी ही थे। विस्तार से समझाते हुए उन्होंने किताब में लिखा कि आइएसआइ आस लगाए बैठा है कि मोदी कोई ऐसा कदम उठाएं, जिससे भारत की सेक्युलर छवि को नुकसान पहुंचेगा और जिसका पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर फायदा होगा। यही कारण है कि इस किताब का पाकिस्तान में विरोध हो रहा है।
Comments