आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
कठुआ गैंगरेप को लेकर सोशल मीडिया पर अब तक कई बॉलीवुड हस्तियों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। अब जावेद अख्तर ने ट्विटर पर पीड़ित बच्ची का परिचय देकर कुछ गंभीर सवाल पूछे हैं। जावेद अख्तर ने लिखा कि ‘पीड़ित बच्ची कौन थी? वो बकेरवाल की आठ साल की बच्ची थी। बकेरवाल कौन हैं? एक खानाबदोश जनजाति जिन्होंने करगिल में जब घुसपैठियों को देखा तो तुरंत सेना को सूचित किया। वो लौग कौन हैं जो एक मासूम बच्ची के रेपिस्टों (दुष्कर्म के आरोपियों) को बचाना चाहते हैं? अब इसका जवाब आप दें…’

जावेद अख्तर के इन सवालों पर लोगों ने भी अपनी प्रतिक्रियाएँ दी हैं। संजय श्रीवास्तव नाम के एक यूजर ने जावेद अख्तर को जवाब देते हुए लिखा कि बकेरवाल समुदाय की विश्वनीयता पर सवाल कोई नहीं उठा रहा है। अगर ऐसा किसी दुश्मन राष्ट्र की बच्ची के साथ भी होता तो इसके दोषियों को फांसी ही मिलनी चाहिए थी। इसलिए यहां करगिल के जिक्र का कोई मतलब नहीं है। यह समुदाय जम्मू इलाके में रहता है जबकि करगिल नॉर्थ में स्थित है।
देवेन अभयंकर नाम के एक और यूजर ने जावेद अख्तर से पूछा कि यकीनन कठुआ रेप कांड बहुत ही भयानक है और इसके दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। लेकिन क्यों असम में जब अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने छह बच्चियों का रेप और उनका मर्डर किया तो मीडिया में इतना हंगामा नहीं हुआ। क्या आपने इसपर कुछ कहा था सर?
कठुआ गैंगरेप केस पर इससे पहले फरहान अख्तर, सोनम कपूर और सानिया मिर्जा जैसी दूसरी हस्तियों ने भी ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। फरहान अख्तर ने अपने ट्वीट में लिखा था कि ‘जरा सोचिए उस 8 साल की बच्ची पर क्या गुजरी होगी, जिसके साथ यह घिनौना अपराध हुआ। बच्ची के साथ गैंग रेप हुआ और उसे मार दिया गया। अगर आप पीड़िता के लिए जस्टिस नहीं मांग सकते तो आप कुछ नहीं हैं और कुछ नहीं कर सकते।’ इस घटना के बारे में जानकारी होते ही सोनम कपूर ने भी बच्ची के लिए ट्वीट कर भारी दुख जताया था। अपने ट्वीट में सोनम ने लिखा, ‘फेक नेशनल्स और फेक हिंदुओं को शर्म आनी चाहिए। मुझे यकीन नहीं हो रहा कि ये हमारे देश में हो रहा है।
एक बात समझ नहीं आती कि देश से साम्प्रदायिकता का कब अन्तिम संस्कार होगा? कठुआ पर बोलने वाले असम में जब मुस्लिमों द्वारा 6 हिन्दू लड़कियों का बलात्कार कर मौत की नींद सुला दिया गया था, तब किस कोप भवन में जाकर छुप गए थे, या उस समय गूंगे या अंधे हो गए थे, जो अब कठुआ पर विधवा-विलाप कर रहे हैं? क्या उन हिन्दू लड़कियों का कोई सम्मान नहीं था?जो इनकी साम्प्रदायिक मानसिकता का स्पष्ट प्रमाण है। आखिर किस गन्दी राजनीति का खेल खेलकर जनता को भ्रमित किया जा रहा है? कठुआ पर विधवा-विलाप करने वालों असम में हिन्दू महिलाओं पर हुए अत्याचार पर क्यों खामोश थे? आखिर कब तक साम्प्रदायिकता का नंगा नाच करते रहोगे? फिर जब कश्मीर से कश्मीरी पंडितों को प्रताड़ित कर घाटी से बाहर निकलने के लिए मजबूर किया था, तब तुम सबका समाजवाद और धर्म-निरपेक्षता कहाँ चली गयी थी? कब तक समाजवाद और धर्म-निरपेक्षता का स्वाँग करते रहोगे?
कठुआ गैंगरेप को लेकर सोशल मीडिया पर अब तक कई बॉलीवुड हस्तियों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। अब जावेद अख्तर ने ट्विटर पर पीड़ित बच्ची का परिचय देकर कुछ गंभीर सवाल पूछे हैं। जावेद अख्तर ने लिखा कि ‘पीड़ित बच्ची कौन थी? वो बकेरवाल की आठ साल की बच्ची थी। बकेरवाल कौन हैं? एक खानाबदोश जनजाति जिन्होंने करगिल में जब घुसपैठियों को देखा तो तुरंत सेना को सूचित किया। वो लौग कौन हैं जो एक मासूम बच्ची के रेपिस्टों (दुष्कर्म के आरोपियों) को बचाना चाहते हैं? अब इसका जवाब आप दें…’

जावेद अख्तर के इन सवालों पर लोगों ने भी अपनी प्रतिक्रियाएँ दी हैं। संजय श्रीवास्तव नाम के एक यूजर ने जावेद अख्तर को जवाब देते हुए लिखा कि बकेरवाल समुदाय की विश्वनीयता पर सवाल कोई नहीं उठा रहा है। अगर ऐसा किसी दुश्मन राष्ट्र की बच्ची के साथ भी होता तो इसके दोषियों को फांसी ही मिलनी चाहिए थी। इसलिए यहां करगिल के जिक्र का कोई मतलब नहीं है। यह समुदाय जम्मू इलाके में रहता है जबकि करगिल नॉर्थ में स्थित है।देवेन अभयंकर नाम के एक और यूजर ने जावेद अख्तर से पूछा कि यकीनन कठुआ रेप कांड बहुत ही भयानक है और इसके दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। लेकिन क्यों असम में जब अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने छह बच्चियों का रेप और उनका मर्डर किया तो मीडिया में इतना हंगामा नहीं हुआ। क्या आपने इसपर कुछ कहा था सर?
कठुआ गैंगरेप केस पर इससे पहले फरहान अख्तर, सोनम कपूर और सानिया मिर्जा जैसी दूसरी हस्तियों ने भी ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। फरहान अख्तर ने अपने ट्वीट में लिखा था कि ‘जरा सोचिए उस 8 साल की बच्ची पर क्या गुजरी होगी, जिसके साथ यह घिनौना अपराध हुआ। बच्ची के साथ गैंग रेप हुआ और उसे मार दिया गया। अगर आप पीड़िता के लिए जस्टिस नहीं मांग सकते तो आप कुछ नहीं हैं और कुछ नहीं कर सकते।’ इस घटना के बारे में जानकारी होते ही सोनम कपूर ने भी बच्ची के लिए ट्वीट कर भारी दुख जताया था। अपने ट्वीट में सोनम ने लिखा, ‘फेक नेशनल्स और फेक हिंदुओं को शर्म आनी चाहिए। मुझे यकीन नहीं हो रहा कि ये हमारे देश में हो रहा है।एक बात समझ नहीं आती कि देश से साम्प्रदायिकता का कब अन्तिम संस्कार होगा? कठुआ पर बोलने वाले असम में जब मुस्लिमों द्वारा 6 हिन्दू लड़कियों का बलात्कार कर मौत की नींद सुला दिया गया था, तब किस कोप भवन में जाकर छुप गए थे, या उस समय गूंगे या अंधे हो गए थे, जो अब कठुआ पर विधवा-विलाप कर रहे हैं? क्या उन हिन्दू लड़कियों का कोई सम्मान नहीं था?जो इनकी साम्प्रदायिक मानसिकता का स्पष्ट प्रमाण है। आखिर किस गन्दी राजनीति का खेल खेलकर जनता को भ्रमित किया जा रहा है? कठुआ पर विधवा-विलाप करने वालों असम में हिन्दू महिलाओं पर हुए अत्याचार पर क्यों खामोश थे? आखिर कब तक साम्प्रदायिकता का नंगा नाच करते रहोगे? फिर जब कश्मीर से कश्मीरी पंडितों को प्रताड़ित कर घाटी से बाहर निकलने के लिए मजबूर किया था, तब तुम सबका समाजवाद और धर्म-निरपेक्षता कहाँ चली गयी थी? कब तक समाजवाद और धर्म-निरपेक्षता का स्वाँग करते रहोगे?

Comments