
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
आम आदमी पार्टी की विधायिका अलका लांबा आई तो थीं दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष से मिलने, लेकिन इस मुलाकात के बाद वो खुद फफक-फफक कर रोने लगीं।दरअसल बलात्कारियों को कठोर दंड देने की मांग को लेकर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल पिछले 5 दिनों से अनशन पर बैठी हैं। पांच दिनों तक कुछ नहीं खाने-पीने की वजह से उनकी तबीयत भी धीरे-धीरे बिगड़ रही है। अलका लांबा स्वाती मालीवाल से मिलने उनके मंच पर पहुंची थीं, लेकिन बेहद ही कमजोर और बीमार नजर आ रही स्वाती को देख अलका लांबा की आंखों में आंसू आ गए। मंच से अपनी रोती आवाज में विधायक अलका लांबा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खूब सुनाया।
अलका लांबा ने कहा कि स्वाति की हालत देखकर उनसे आंखें मिलाने की हिम्मत नहीं हो पा रही है। अलका लांबा ने कहा कि पांच दिन से एक बेटी ने कुछ नहीं खाया। आखिर वो यहां किसके लिए बैठी हैं? स्वाति देश की बेटी के गुनहगारों के लिए फांसी मांग रही है, लेकिन देश के शासक तानाशाह को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार गूंगी और बहरी हो चुकी है। उन्होंने स्वाति मालीवाल के फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन की मांग को सही ठहराते हुए कहा कि उनकी मांगों को सुनने वाला कोई नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्रा पर निशाना साधते हुए अलका लांबा ने कहा कि प्रधानमंत्री लाखों का सूट पहनकर विदेश यात्रा पर चले गए लेकिन हमारी बेटियों को अपने पीछे इसी तरह आंसूओं में पीड़ा देकर चले गए। उन्होंने स्वाति मालीवाल द्वारा पीएम को लिखे ख़त का भी जिक्र करते हुए कहा कि ‘इस बेटी ने आपको जो पत्र लिखा है जाने से पहले जाते-जाते उस खत का जवाब दे जाते एक बार अपने पास बुला लेते एक बार इस बेटी की सिर पर हाथ रखकर यकीन दिला जाते की चिंता मत करो न्याय मिलेगा’। मंच पर भरी आंखों से मोदी सरकार पर भड़ास निकाल रही अलका लांबा ने कहा कि देश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते यौन अपराधों के कारण विदेशों में हमारी छवि खराब हुई है।
सत्ता के गलियारों में चर्चा है कि जब पार्टी में संदीप की तर्ज़ पर राशन कार्ड बन रहे थे, तब क्या इनकी आँख के आँसू सूख गए थे या आँखों में पानी की कमी चल रही थी? तब किसी को धरने देने की याद नहीं आयी। क्या उन महिलाओं का कोई आत्म-सम्मान नहीं था? फिर दामिनी काण्ड पर तत्कालीन दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित पर प्रहार करते कहा था कि जो महिला मुख्यमंत्री महिलाओं को सुरक्षा नहीं दे सकती, उसे सत्ता में रहने का अधिकार नहीं, परन्तु जब उन्हीं के मुख्यमंत्री रहते जो महिलाओं के साथ हो रहा है, क्यों चुप्पी साधे हुए हैं?
आप पार्टी के दिल्ली विधानसभा चुनीव जीतने पर आशुतोष के पिता ने गदगद होकर एक चिट्ठी मीडिया के नाम लिखी थी। चिट्ठी का लब्बोलुआव यह था कि उन्हें उनके बेटे पर गर्व है जो अब बहुत बड़ा नेता हो गया है। अब यही बड़ा नेता खुलआम कह रहा है कि संदीप के विडियो में हर्ज क्या है। यह तो दो लोगों का मामला है। पता नहीं इस पर उनके पिता की क्या राय होगी। लेकिन पत्रकारिता से राजनीति में आए व्यक्ति की समझ इससे उजागर हो जाती है। ईश्वर करे आशुतोष के पिता संदीप की यह सीडी न देखे , शायद उन्हें दुख होगा कि उनका बेटे की पार्टी किन किन बुलंदियों को छू रही है। वैसे भी पंजाब से कुछ और विडियो क्लीपिंग आ रही है। और संदीप की इस सीडी पर स्वाति मालीवाल ने कहा था: "...The situation of Delhi is so bad, the children are being raped and he was indulging in celebrations. He was the Women and Child Development Minister, how shameful it is. These type of people should immediately be sacked," Maliwal told ANI...."
अवलोकन करें:--
सत्ता के गलियारों में चर्चा है कि जब पार्टी में संदीप की तर्ज़ पर राशन कार्ड बन रहे थे, तब क्या इनकी आँख के आँसू सूख गए थे या आँखों में पानी की कमी चल रही थी? तब किसी को धरने देने की याद नहीं आयी। क्या उन महिलाओं का कोई आत्म-सम्मान नहीं था? फिर दामिनी काण्ड पर तत्कालीन दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित पर प्रहार करते कहा था कि जो महिला मुख्यमंत्री महिलाओं को सुरक्षा नहीं दे सकती, उसे सत्ता में रहने का अधिकार नहीं, परन्तु जब उन्हीं के मुख्यमंत्री रहते जो महिलाओं के साथ हो रहा है, क्यों चुप्पी साधे हुए हैं?अवलोकन करें:--
मेरी भी बेटी है, भाषण नहीं एक्शन का वक्त--शत्रुघ्न सिन्हा
कठुआ और उन्नाव गैंगरेप के खिलाफ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठीं दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल से मिलने शत्रुघ्न सिन्हा पहुंचे। सोमवार (16-04-2018) को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद ने समता स्थल पर जाकर स्वाती मालीवाल से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि ‘मेरी भी बेटी है, यह भाषण का नहीं एक्शन का समय है’। स्वाति मालीवाल के अनशन को अपना समर्थन देने पहुंचे शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि मैं यहां एक राजनीतिज्ञ के रुप में नहीं आया हूं, बल्कि एक जागरुक नागरिक, जागरुक कलाकार और एक जागरुक पिता के तौर पर आया हूं।
शत्रुघ्न सिन्हा ने यहां दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का समर्थन भी किया। उन्होंने कहा कि मैं अरविंद केजरीवाल से पूरी तरह सहमत हूं कि इस तरह के गंभीर अपराधों में तय सीमा में मुकदमा पूरा कर दोषियों को मौत की सजा होनी चाहिए। आपको बता दें कि दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल बच्चों के बलात्कार के मामलों में मुकदमा 6 महीने में पूरा होने और अपराधियों को फांसी देने की मांग को लेकर पिछले 4 दिनों से अनशन कर रही हैं। साथ ही वो दिल्ली मे बेहतर फॉरेंसिक लैब और 66,000 पुलिस कर्मियों की भर्ती की मांग भी कर रही हैं।
इधर स्वाति मालीवाल ने ट्वीट कर सीएम अरविंद केजरीवाल से मदद भी मांगी है। अपने ट्वीट मे स्वाति मालीवाल ने लिखा कि डीसीपी, एसीपी और डॉक्टर मुझे परेशान कर रहे हैं। स्वाति मालिवाल ने सीएम अरविंद केजरीवाल से कहा कि पुलिस उन्हें वहां से जबरन हटाना चाहती है, मुझे दिल्ली पुलिस से बचाएं। मालीवाल के इस ट्वीट पर केजरीवाल ने भी ट्वीट कर लिखा कि मालिवाल बच्चियों की सुरक्षा के लिए लड़ रही हैं। मैं एलजी अनिल बैजल और गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मांग करता हूं कि दोनों दिल्ली पुलिस को निर्देश दें कि उन्हें परेशान ना किया जाए।
इधर चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री एसोसिशन ने भी स्वाति मालीवाल का समर्थन करते हुए कहा है कि दिल्ली के अलग-अलग बाजारों में दुष्कर्म रोको मुहिम शुरू की जाएगी। 100 से अधिक बाजारों में कैंडल मार्च निकाले जाएंगे। कठुआ और उन्नाव गैंगरेप को लेकर इस वक्त पूरा देश उबल रहा है, इन मामलों के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग लगातार की जा रही है।







Comments