कांग्रेस सरकार के दौर में गृहमंत्रालय में अधिकारी देखते थे अश्लील फिल्में : गोपाल कृष्ण पिल्लई का खुलासा

आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
देश में जबभी सत्ता परिवर्तन हुआ है, सेवानिर्वित होने वाले सरकारी अधिकारी कोई न कोई खुलासा करते रहे हैं। पिल्लई के अतिरिक्त पुरातत्व विभाग के क्षेत्रीय निदेशक डॉ के.के.मोहम्मद ने भी सेवानिर्वित होने उपरान्त तमिल भाषा में लिखित पुस्तक में अयोध्या में रामजन्मभूमि परिसर में हुई खुदाई में मिले मंदिर के अवशेषों को कोर्ट में प्रस्तुत न किये जाने से कोर्ट को गुमराह करने वाली पार्टी और इतिहासकारों के नामों का भी उल्लेख किया है। जो प्रमाणित करता है कि अयोध्या मुद्दे को छद्दम धर्म-निरपेक्ष इसके समाधान होने में बाधा बन रहे हैं।
डॉ मोहम्मद की भाँति पिल्लई ने पिछली सरकार में गृह मंत्रालय में कर्मचारी काम करने की बजाए पोर्न फिल्मों को डाउनलोड करते थे, जो बहुत ही शर्म की बात है।
देश के पूर्व गृह सचिव गोपाल कृष्ण पिल्लई ने कहा है कि, आठ-नौ साल पहले उनके कार्यकाल के समय गृह मंत्रालय के कर्मचारी कार्यालय में ही अश्लील वीडियो देखते थे । मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में पिल्लई ने यह दावा करते हुए कहा कि, अधिकारियों के बैठकों में व्यस्त रहने के दौरान कर्मचारी कार्यालय में ही अश्लील फिल्में डाउनलोड करते थे । इसके चलते कई बार कंप्यूटर में गडबडी हो जाती थी ।
नैसकॉम द्वारा प्रमोटेड गैरलाभ संगठन ‘डेटा सिक्योरिटी काउंसिल आॅफ इंडिया’ (डीएससीआई) के अध्यक्ष पिल्लई ने कहा कि, लगभग आठ-नौ साल पहले जब मैं केंद्रीय गृह सचिव था तो हर ६० दिन में हमें पूरा कम्प्यूटर गडबड मिलता था । उन्होंने कहा कि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी देर शाम तक बैठकों में व्यस्त होते थे, जिसके कारण अधीनस्थ कर्मियों को बैठक के बाद के काम के लिए कार्यालयों में रुकना पडता था । इसलिए वे (अधीनस्थ कर्मी) क्या करते ?
पिल्लई ने कहा कि, इस दौरान वे इंटरनेट खोलते और अश्लील वेबसाइटों पर चले जाते । वहां वे सभी तरह की चीजों को डाउनलोड करते जिनके साथ ‘मालवेयर’ (एक तरह का वायरस) भी डाउनलोड हो जाते थे । उन्होंने कहा कि इसके बाद मंत्रालय ने भी निर्देश जारी किये । विस्तृत समीक्षा में यह बात सामने आई थी ।
उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में सामने आई है जब कुछ ही दिन पहले कुछ सरकारी वेबसाइटों में संदिग्ध रूप से गडबडी सामने आयी थी । हालांकि सरकार ने बाद में स्पष्ट किया था कि ये वेबसाइटें हैक नहीं हुई थीं, बल्कि इसका कारण हार्डवेयर की कोई तकनीकी खामी थी ।
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