
रेणुका चौधरी द्वारा संसद में भी कास्टिंग काउच जैसा होना, अपने आपमें बहुत कुछ बयान कर रहा है। जब संसद में ही कास्टिंग काउच मौजूद हैं,फिर बलात्कार जैसी घटनाओं पर अंकुश लगवाएगा कौन? अब तक पार्टी ऑफिस और नेताओं के कार्यालय में इस तरह की हरकतों के समाचार तो आते रहे हैं, लेकिन संसद भी अछूती नहीं, वास्तव में बहुत जबरदस्त रहस्योघाटन है। फिल्म अभिनेत्रियाँ तो #me too में अपने कटु अनुभव बता रही हैं, लेकिन कोई राजनेत्री नहीं, क्यों? सम्भव है, शायद रेणुकाजी के इस बयान के बाद राजनेत्रियाँ अपने कटु अनुभव साझा करने का प्रयास करेंगी। क्योकि किसी वरिष्ठ राजनेत्री द्वारा संसद के अन्दर भी कास्टिंग काउच विराजमान हैं, उन्हें उजागर करना होगा !blob:https://www.bhaskar.com/2396a7d6-4a73-4e21-84b1-d9808f10c095
It is not just in the film industry. It happens everywhere & it is the bitter truth. Don't imagine that Parliament is immune or other work places are immune to it. It is time that India stood up & said 'Me Too': Renuka Chowdhary, Congress on Saroj Khan's remark on Casting couch.
उन्होंने कहा, 'कांग्रेस के शासनकाल के दौरान इसे खत्म करने के लिए कानून भी बनाया गया, ताकि किसी कार्यालय या फिर अन्य जगहों पर महिलाओं को इस तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े, लेकिन कानूनन बनाना और उसे जमीनी स्तर पर लागू करना एक अन्य बात है।'
रेप करके छोड़ता नहीं है बॉलीवुडः सरोज खान
बता दें कि इससे पहले कोरियोग्राफर सरोज खान ने बेहद अटपटे ढंग से बचाव किया है। सरोज खान का कहना है कि यह लड़की की मर्जी से होता है। इतना ही नहीं, सरोज खान का कहना है कि फिल्म इंडस्ट्री में होने वाले कास्टिंग काउच (यौन शोषण) के बदले लड़कियों को काम तो मिलता है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार कास्टिंग काउच पर बोलते हुए कोरियोग्राफर सरोज खान ने कहा, 'ये चला आ रहा है बाबा आदम के जमाने से। हर लड़की के ऊपर कोई न कोई हाथ साफ करने की कोशिश करता है।सरकार के लोग भी करते हैं. तुम फिल्म इंडस्ट्री के पीछे क्यों पड़े हो? वो कम से कम रोटी तो देती है. रेप करके छोड़ तो नहीं देती है.'
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, “यह कड़वी सच्चाई है। यह सिर्फ फिल्म उद्योग में नहीं है। यह हर कार्यस्थल पर होता है। इसकी कल्पना मत करिए कि इससे संसद अछूती है या कुछ अन्य कार्य स्थल इससे अछूते हैं। अगर आप आज पश्चिमी जगत को देखें तो बड़ी अभिनेत्रियां भी सामने आईं और कहा ‘मी टू’।” उन्होंने कहा, “नरेंद्र मोदी ने मेरी गरिमा, मेरी मर्यादा छीनी।जब उन्होंने कहा कि मुझे देखकर उन्हें शूर्पणखा की याद आ गई। ठीक है, मैं शूर्पणखा हूं और सीता नहीं बनना चाहती।” मोदी ने फरवरी में हुई बहस के दौरान हालांकि शूर्पणखा का नाम नहीं लिया था। रेणुका के इस बयान के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस प्रवक्ता पी एल पूनिया ने कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है।
पिछले साल हॉलीवुड में यौन शोषण के मामले सामने आने के बाद यौन अपराधियों के खिलाफ ‘मी टू’ अभियान शुरू हुआ था। दरअसल, ‘मी टू’ अभियान के मद्देनजर दिए एक बयान में सरोज खान ने इसके लिए महिलाओं को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि कास्टिंग काउच कोई नई बात नहीं है। सरोज खान (69) ने टेलीविजन नेटवर्क और सोशल मीडिया पर वायरल हो रही मीडिया के साथ उनकी बातचीत के वीडियो को लेकर फोन पर कहा, “मैंने पहले ही कहा है कि मैं माफी मांगती हूं, लेकिन आप वह सवाल नहीं जानते जो मुझसे पूछा गया था और अब इस पर काफी हंगामा हो गया है।”
वहीं, दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि बॉलीवुड में कास्टिंग काउच है, इससे इनकार नहीं किया जा सकता और एक ऐसा वर्ग है जो सिर्फ महिलाओं को शोषित करने के उद्देश्य से फिल्म बनाता है। उन्होंने कहा कि हालांकि इसे आम बात नहीं कहा जा सकता और ऐसी सोच रखने वालों की संख्या बेहद कम है।
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