चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष के समापन समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में स्वच्छाग्रहियों ने जमकर हंगामा मचाया
देश के कई राज्यों से आए स्वच्छता स्वयंसेवकों ने काम के बदले पगार के मुद्दे को लेकर हंगामा मचाया। दरअसल चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष के समापन समारोह का विषय सत्याग्रह से स्वच्छाग्रह था और इस कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए देश के सभी प्रदेशों से 20,000 से भी ज्यादा लोगों को आमंत्रित किया गया था।
प्रधानमंत्री का भाषण शुरू होने के कुछ देर के बाद ही स्वच्छता स्वयंसेवकों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया और कार्यक्रम स्थल छोड़कर बाहर निकलने लगे। प्रधानमंत्री का विरोध कर रहे स्वच्छता स्वयंसेवकों ने कहा कि प्रदेशों में वह काम कर रहे हैं। वहां, उन्हें उनके काम के लिए या तो पगार मिलती ही नहीं है या फिर बहुत कम पैसे मिलते हैं। मध्य प्रदेश और बिहार के स्वच्छाग्रहियों ने कहा कि उन्हें राज्य सरकार के द्वारा उनके काम के लिए 1 रुपये भी नहीं मिलता है। नाराज स्वच्छता स्वयंसेवकों ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री मोदी से उम्मीद थी कि जब वह इस कार्यक्रम में आएंगे तो उनकी लिए कुछ घोषणा करेंगे। मगर ऐसा नहीं होने की वजह से वह काफी नाराज थे और कार्यक्रम को बीच में छोड़कर जाने लगे।
प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में हो रहे हंगामे की वजह से कार्यक्रम स्थल पर मौजूद भाजपा के कई नेताओं ने उन्हें शांत कराने की कोशिश की मगर वह नहीं माने। PM मोदी ने स्वच्छता अभियान के लिए बिहार की तारीफ की। पीएम ने कहा कि आज इतिहास खुद को दोहरा रहा है। मैं सभी स्वच्छाग्रहियों को शत-शत नमन करता हूं। जब देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था, बिहार ने मोहनदास करमचंद गांधी को महात्मा गांधी बना दिया, बापू बना दिया। पिछले कुछ समय में नीतीश कुमार और सुशील मोदी ने अच्छा काम किया है।
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