आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
भारत में होती बलात्कार की घटनाओं पर यकायक महान कवि जयशंकर प्रसाद की ये पंक्तियाँ स्मरण हो रही है:--
हाय अबला तेरी यही कहानी,
आंचल में है दूध और आँखों में पानी।
आप जानते है की टीवी मीडिया इस खबर पर कभी डिबेट नहीं करेगी, न ही कोई बॉलीवुड वाला इस मामले पर एक भी ट्वीट करेगा, और न ही मीडिया के लोग ट्वीट करेंगे, और न ही ये खबर देश में बताई जाएगी, इसके उलट इस खबर को जितना हो सके उतना दबाने की कोशिश की जाएगी, क्योकि ये मामला है कर्णाटक का जहाँ राहुल गाँधी की सरकार है, और यहाँ पीडिता हिन्दू समाज से है और 9 बलात्कारी मुस्लिम समाज से, इसलिए इस मामले पर कोई कुछ नहीं बोलेगा।
मामला है कर्णाटक का, जहाँ पर एक विधवा हिन्दू महिला को उसी के घर में बंधक बनाकर 9 मुस्लिम व्यक्तियों ने 9 दिन तक बलात्कार किया, इन लोगों को पता चल गया की महिला विधवा है और अकेली है, तो उसी के घर में घुसकर 9 दिन तक इन्होने उसके साथ अनगिनित बार बलात्कार किया।
इनमे से 8 तो गिरफ्तार कर लिए गए है, पर 1 नियाज मुल्ला नाम का व्यक्ति फरार है, और कोई भी सेक्युलर ब्रिगेड वाला उसकी गिरफ़्तारी के लिए 1 ट्वीट तक नहीं करेगा, ये मामला इतना भयानक है, 1 महिला के घर में 9 अत्याचारी घुस गए, उसे बंधक बना लिया, मुँह बंद कर कर के उसका 9 दिन तक अनगिनित बार बलात्कार किया, और सभी एक ही समुदाय से, और इस खबर को जो भी बताएगा वो सांप्रदायिक भी घोषित हो जायेगा।
अवलोकन करें:--
आखिर कांग्रेस और अन्य पार्टियाँ महिलाओं के प्रति कब सचेत होंगी? केवल "बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ" नारे से इसका समाधान नहीं होना, क्योकि यहाँ सियासतखोर हर अपराध में धर्म पहले टटोलते हैं, सजा की बात बाद में। आखिर कब तक भारतीय महिला धर्म के नाम पर तुष्टिकरण की शिकार होती रहेंगी? जब कोई मुस्लिम आतंकवादी पकड़ा जाता है, कहते हैं, आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता और पिछली युपीए सरकार बेकसूर हिन्दू साधु-संतों को जेलों में भर हिन्दू आतंकवाद के नाम से हिन्दू समाज को अपमानित करती रही, और पार्टी में बैठे जयचन्दी हिन्दू सरकार का समर्थन करते रहे।
जो राहुल गाँधी रात्रि के 12 बजे इंडिया गेट पर कैंडल मार्च निकाल महिला हितैषी बनने का स्वाँग करते हैं, अब कर्णाटक, जहाँ उनकी खुद की सरकार है, वहां एक विधवा का सामूहिक बलात्कार होने पर क्यों साँप सूंघ गया? क्या उस विधवा हिन्दू महिला का कोई सम्मान नहीं? लोग किसी विधवा के साथ सहानुभूति रखते हैं, लेकिन जब उसका इनका वोट बैंक सामूहिक बलात्कार करता है, चुप्पी साध लेते हैं। अब इसको पाखंड नहीं कहा जाए तो क्या नाम दिया जाए।
पेड-मीडिया ने रफा-दफा की वास्तविकता
मीडिया तो कुछ बता ही नहीं रही की कांग्रेस के लोगों ने कल प्रियंका वाड्रा और एक महिला पत्रकार के साथ रात में दिल्ली में क्या किया, मीडिया ने इस मामले को बस इतना कहकर रफादफा कर दिया की प्रियंका वाड्रा के साथ धक्का मुक्की हुई थी, पर ये सरासर झूठ है, इसके अलावा मौसमी सिंह नाम की एक महिला पत्रकार के साथ भी काफी कुछ गलत हुआ, पर चूँकि कांग्रेस पार्टी से मीडिया इतना पैसा ले चुकी है, कि कांग्रेस ने मीडिया की महिला कर्मचारी की इज्ज़त तार तार की पर मीडिया अपने ही सहकर्मी को न्याय दिलाने के लिए नहीं चिल्ला रही, जबकि मीडिया महिला सम्मान पर पुरे देश को ज्ञान बाँट रही है।
प्रियंका वाड्रा का अब एक विडियो सामने आया है, 1 मीडिया चैनल ने इसे दिखाया है, विडियो में साफ़ दिखाई दे रहा है की प्रियंका खुद को बचाने के लिए जल्दी जल्दी भाग रही है, उनको पता चल चूका है की कांग्रेसी लोग उनके साथ बुरा करने वाले है, और प्रियंका ने कांग्रेसियों से बचने के लिए कोहनी भी मारी पहले देखिये विडियो :--
हुआ ये की कांग्रेस के लोगों ने और राहुल गाँधी ने महिला सम्मान को लेकर कैंडल मार्च निकाला था, राहुल गाँधी बोल रहे थे की मेरे दिल में महिलाओं के लिए दर्द है, पर कैंडल मार्च के दौरान राहुल गाँधी खुद मसखरी करते हुए और हँसते हुए दिखाई दिए, अब जिस पार्टी का मुखिया ऐसा हो तो कार्यकर्त्ता भी तो ऐसे ही होंगे, रात के समय कांग्रेसियों के अन्दर का नेहरु डीएनए और शैतान जाग गया, और मौसमी सिंह के अलावा कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने प्रियंका वाड्रा को भी दबोचना शुरू कर दिया।
प्रियंका को भी वो खींचने लगे, पकड़ने लगे, प्रियंका वाड्रा को अहसास हो गया की इन लोगों के इरादे ठीक नहीं है, इसलिए वो आगे की तरफ भागी, पर एक कांग्रेसी कार्यकर्त्ता ने उनका हाथ पकड़कर खींचने की कोशिश की तो प्रियंका वाड्रा ने उसे कोहनी भी मारी जो आप ऊपर विडियो में देख सकते है, चूँकि प्रियंका के साथ सुरक्षा के लोग भी रहते है, तो वो किसी तरह खुद को बचाने में कामयाब रही, पर मौसमी सिंह को काफी गलत तरीकों से कांग्रेस के लोगों ने पकड़ा। कांग्रेस पार्टी और उसके नेता तथा कार्यकर्त्ता महिलाओं के सम्मान के कार्यक्रम में अपनी ही महिला नेता और एक पत्रकार को नहीं छोड़ रहे, इनकी दूसरी महिलाओं के प्रति क्या सोच होगी, इसका अंदाजा भी लगाना मुश्किल है। जब पार्टी कार्यकर्ताओं की ही ऐसी मानसिकता होगी, देश की महिलाओं को कोई उम्मीद भी नहीं रखनी चाहिए।
भारत में होती बलात्कार की घटनाओं पर यकायक महान कवि जयशंकर प्रसाद की ये पंक्तियाँ स्मरण हो रही है:--
हाय अबला तेरी यही कहानी,
आंचल में है दूध और आँखों में पानी।
This is extremely shameful and such a sad commentary on 70yrs of our failed justice system. Journalists who communalise such heinous crimes must be punished equally.
मामला है कर्णाटक का, जहाँ पर एक विधवा हिन्दू महिला को उसी के घर में बंधक बनाकर 9 मुस्लिम व्यक्तियों ने 9 दिन तक बलात्कार किया, इन लोगों को पता चल गया की महिला विधवा है और अकेली है, तो उसी के घर में घुसकर 9 दिन तक इन्होने उसके साथ अनगिनित बार बलात्कार किया।
इनमे से 8 तो गिरफ्तार कर लिए गए है, पर 1 नियाज मुल्ला नाम का व्यक्ति फरार है, और कोई भी सेक्युलर ब्रिगेड वाला उसकी गिरफ़्तारी के लिए 1 ट्वीट तक नहीं करेगा, ये मामला इतना भयानक है, 1 महिला के घर में 9 अत्याचारी घुस गए, उसे बंधक बना लिया, मुँह बंद कर कर के उसका 9 दिन तक अनगिनित बार बलात्कार किया, और सभी एक ही समुदाय से, और इस खबर को जो भी बताएगा वो सांप्रदायिक भी घोषित हो जायेगा।
अवलोकन करें:--
आखिर कांग्रेस और अन्य पार्टियाँ महिलाओं के प्रति कब सचेत होंगी? केवल "बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ" नारे से इसका समाधान नहीं होना, क्योकि यहाँ सियासतखोर हर अपराध में धर्म पहले टटोलते हैं, सजा की बात बाद में। आखिर कब तक भारतीय महिला धर्म के नाम पर तुष्टिकरण की शिकार होती रहेंगी? जब कोई मुस्लिम आतंकवादी पकड़ा जाता है, कहते हैं, आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता और पिछली युपीए सरकार बेकसूर हिन्दू साधु-संतों को जेलों में भर हिन्दू आतंकवाद के नाम से हिन्दू समाज को अपमानित करती रही, और पार्टी में बैठे जयचन्दी हिन्दू सरकार का समर्थन करते रहे।
जो राहुल गाँधी रात्रि के 12 बजे इंडिया गेट पर कैंडल मार्च निकाल महिला हितैषी बनने का स्वाँग करते हैं, अब कर्णाटक, जहाँ उनकी खुद की सरकार है, वहां एक विधवा का सामूहिक बलात्कार होने पर क्यों साँप सूंघ गया? क्या उस विधवा हिन्दू महिला का कोई सम्मान नहीं? लोग किसी विधवा के साथ सहानुभूति रखते हैं, लेकिन जब उसका इनका वोट बैंक सामूहिक बलात्कार करता है, चुप्पी साध लेते हैं। अब इसको पाखंड नहीं कहा जाए तो क्या नाम दिया जाए।
पेड-मीडिया ने रफा-दफा की वास्तविकता
मीडिया तो कुछ बता ही नहीं रही की कांग्रेस के लोगों ने कल प्रियंका वाड्रा और एक महिला पत्रकार के साथ रात में दिल्ली में क्या किया, मीडिया ने इस मामले को बस इतना कहकर रफादफा कर दिया की प्रियंका वाड्रा के साथ धक्का मुक्की हुई थी, पर ये सरासर झूठ है, इसके अलावा मौसमी सिंह नाम की एक महिला पत्रकार के साथ भी काफी कुछ गलत हुआ, पर चूँकि कांग्रेस पार्टी से मीडिया इतना पैसा ले चुकी है, कि कांग्रेस ने मीडिया की महिला कर्मचारी की इज्ज़त तार तार की पर मीडिया अपने ही सहकर्मी को न्याय दिलाने के लिए नहीं चिल्ला रही, जबकि मीडिया महिला सम्मान पर पुरे देश को ज्ञान बाँट रही है।
प्रियंका वाड्रा का अब एक विडियो सामने आया है, 1 मीडिया चैनल ने इसे दिखाया है, विडियो में साफ़ दिखाई दे रहा है की प्रियंका खुद को बचाने के लिए जल्दी जल्दी भाग रही है, उनको पता चल चूका है की कांग्रेसी लोग उनके साथ बुरा करने वाले है, और प्रियंका ने कांग्रेसियों से बचने के लिए कोहनी भी मारी पहले देखिये विडियो :--Congress workers march to protest crimes against women. In the march, they molest and grope women. Such a shame! Will Rahul Gandhi speak up?
हुआ ये की कांग्रेस के लोगों ने और राहुल गाँधी ने महिला सम्मान को लेकर कैंडल मार्च निकाला था, राहुल गाँधी बोल रहे थे की मेरे दिल में महिलाओं के लिए दर्द है, पर कैंडल मार्च के दौरान राहुल गाँधी खुद मसखरी करते हुए और हँसते हुए दिखाई दिए, अब जिस पार्टी का मुखिया ऐसा हो तो कार्यकर्त्ता भी तो ऐसे ही होंगे, रात के समय कांग्रेसियों के अन्दर का नेहरु डीएनए और शैतान जाग गया, और मौसमी सिंह के अलावा कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने प्रियंका वाड्रा को भी दबोचना शुरू कर दिया। प्रियंका को भी वो खींचने लगे, पकड़ने लगे, प्रियंका वाड्रा को अहसास हो गया की इन लोगों के इरादे ठीक नहीं है, इसलिए वो आगे की तरफ भागी, पर एक कांग्रेसी कार्यकर्त्ता ने उनका हाथ पकड़कर खींचने की कोशिश की तो प्रियंका वाड्रा ने उसे कोहनी भी मारी जो आप ऊपर विडियो में देख सकते है, चूँकि प्रियंका के साथ सुरक्षा के लोग भी रहते है, तो वो किसी तरह खुद को बचाने में कामयाब रही, पर मौसमी सिंह को काफी गलत तरीकों से कांग्रेस के लोगों ने पकड़ा। कांग्रेस पार्टी और उसके नेता तथा कार्यकर्त्ता महिलाओं के सम्मान के कार्यक्रम में अपनी ही महिला नेता और एक पत्रकार को नहीं छोड़ रहे, इनकी दूसरी महिलाओं के प्रति क्या सोच होगी, इसका अंदाजा भी लगाना मुश्किल है। जब पार्टी कार्यकर्ताओं की ही ऐसी मानसिकता होगी, देश की महिलाओं को कोई उम्मीद भी नहीं रखनी चाहिए।
पश्चिम बंगाल में कुछ शांतिदूत महिलाओं के साथ बहुत दुर्व्यवहार करते हुए पहले महिला को घसीटा गया उसके बाल काटे गए फिर उसके कपड़े फाड़े गए।।
अब कहां गए वो बुद्धिजीवी अवार्ड वापसी गैंग के लोग जो कल जंतर-मंतर पर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे थे
कठुआ केस बोल पड़े स्थानीय मुस्लिम – ‘हिन्दू भाइयों को फंसाया जा रहा है।
सबसे पहली चीज – कठुवा में बच्ची के साथ बलात्कार हुआ भी है इस बात का किसी के पास क्या सबूत है, जम्मू कश्मीर की पुलिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता, वहां की पुलिस का इतिहास रहा है झूठी रिपोर्ट बनाने का, यहाँ तक की जो सैंपल पुलिस लेती है वो भी फर्जी निकले हैं।
पुलिस कहती है की मंदिर में तहखाना है, कोई भी मीडिया वाला तहखाना खोज के दिखा दे मंदिर में, वहां कोई तहखाना नहीं, तीसरी चीज – जम्मू कश्मीर पुलिस 3 बार अपनी ही रिपोर्ट बदल चुकी है, और 2 बार डॉक्टर अपनी रिपोर्ट बदल चूका है।
चौथी चीज कोई भी सेक्युलर और महबूबा मुफ़्ती इस मामले में सीबीआई जांच नहीं चाहते – क्या लोगों को मुर्ख समझ कर रखा है, कठुवा मामले में इतना सफ़ेद झूठ चलाया जा रहा है, इतना खुला षड्यंत्र किया जा रहा है की वहां आसपास में रहने वाले मुस्लिम लोग भी बोल रहे है की हिन्दुओ को फंसाया जा रहा है, पहले आप एक स्थानीय मुस्लिम व्यक्ति की बात ही सुनिए..
ये कदाचित वो स्थानीय मुस्लिम है जो अभी तक मुफ़्ती, अब्दुल्ला, कांग्रेस और हुर्रियत वालों की साजिश के खिलाडी नहीं है, इसलिए ये ईमानदारी से अपनी बात को कह रहे है, बच्ची का रेप हुआ भी है ये नहीं अब ये सबसे बड़ा सवाल बन गया है।
और महबूबा मुफ़्ती कोई सीबीआई जांच नहीं चाहती, पूरा मामला ही फर्जी तरीके से देश के सामने एक षड्यंत्र की तरह पेश किया जा रहा है, और इस मामले की या तो सीबीआई या सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में किसी SIT द्वारा जांच की सख्त जरुरत है।





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