दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए पंजाब शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को लिखित में माफीनामा देना भारी पड़ा है। सोशल मीडिया पर इसी को लेकर ट्रोल्स ने उन्हें अपना शिकार बनाया। लोगों ने कहा कि यह कुछ नहीं सिर्फ दिल्ली के सीएम की ओर से लिया गया महज एक यू-टर्न है। आपको बता दें कि केजरीवाल ने गुरुवार (15 मार्च) को मजीठिया से लिखित में मजीठिया से ड्रग्स के धंधे में लिप्त होने से जुड़े सभी बयान वापस ले लिए थे। सीएम ने इस बाबत उनसे माफी मांगते हुए चिट्ठी के जरिए कहा था, “मजीठिया के खिलाफ बीते दिनों मैंने कुछ आरोप लगाए थे। वे बयान राजनीतिक मुद्दा बनाए गए। अब मुझे पता लगा है कि वे सब आरोप बेबुनियाद हैं। ऐसे में इन मसलों पर राजनीति न हो।” केजरीवाल की ओर से लिखा गया यह माफीनामा गुरुवार को अदालत में भी दाखिल किया गया। शुक्रवार (16 मार्च) को भी इस मसले पर सोशल मीडिया पर लोगों के गर्म तेवर देखने को मिले। लोगों ने कहा कि दिल्ली के सीएम को टि्वटर पर टैग करते हुए अपनी प्रतिक्रियाएं दीं।
दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता इस पर बोले, “हम हजार बार कहेंगे कि केजरीवाल झूठों के स्मगलर हैं।” कंवर संधू ने लिखा, “ड्रग के आरोप लगाकर मजीठिया की मानहानि के मामले में केजरीवाल की माफी ने लोगों को निराश किया है। खासकर पंजाब के युवाओं को।” सिमरजीत सिंह बैंस के अकाउंट से लिखा गया, “केजरीवाल के माफीनामा वाकई में दुखी करने वाला फैसला है। मैं उनमें अचानक से हुए इस परिवर्तन को समझ नहीं पा रहा हूं। मैं ड्रग तस्करों के खिलाफ पंजाब की जनता के साथ खड़ा हूं।”








भैया जी नाम के टि्वटर हैंडल से कहा गया, “फर्जी आरोपों पर चुनाव लड़े। बाद में माफी मांग कर चूहे की तरह बिल में घुस जाओ। क्रांति के नाम पर चुनाव लड़ते हैं। फिर बाकी लोगों को उनकी नाकामी पर कोसते हैं। भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए ये चुनाव लड़ते हैं। आगे चलकर राहुल, लालू, अखिलेश और मुलायम को समर्थन देते हैं। केजरीवाल गिरगिट जैसे रंग बदलते हैं।”
केजरीवाल के आरोपों के बाद 20 मई 2016 में मजीठिया ने उनके, आप नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह और आशीष खेतान के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। मामला पंजाब के अमृतसर में प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट अर्जुन सिंह के समक्ष विचाराधीन है। दिल्ली के सीएम की ओर से माफी मांगने के बाद मजीठिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उन्होंने कहा था, “यह यात्रा पीड़ादायक थी। मगर मैंने सभी आरोपों का डटकर सामना किया।” मजीठिया ने यह भी कहा कि वह कोर्ट केस वापस लेंगे।
मजीठिया से माफी मांगी तो अरविंद केजरीवाल से और नाराज हुए कुमार विश्वास
आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास अपने दल के मुखिया द्वारा पंजाब शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया से माफी मांगने से खफा दिख रहे हैं। ऐसा मानना है उनके दो ट्वीट्स पर प्रतिक्रिया देने वालों का। दरअसल, केजरीवाल की ओर से माफी मांगे जाने की खबर आने के बाद विश्वास ने ट्वीट किया, ”हमने कहा अभी मत बदलो, दुनिया की आशाएँ हम हैं! वे बोले अब तो सत्ता की वरदायी भाषाएँ हम हैं! हमने कहा व्यर्थ मत बोलो, गूँगों की भाषाएँ हम हैं! वे बोले बस शोर मचाओ, इसी शोर से आए हम हैं!” इसके लगभग 20 मिनट बाद एक और ट्वीट में उन्होंने कहा, ”एकता बाँटने में माहिर है, खुद की जड़ काटने में माहिर है, हम क्या उस शख़्स पर थूकें जो खुद, थूक कर चाटने में माहिर है!” लोगों ने इसे अरविंद केजरीवाल पर सीधा निशाना समझा और वैसी ही प्रतिक्रिया दी।
एक यूजर ने अरविंद केजरीवाल का माफीनामा साझा करते हुए कहा, ”आपकी इसी कविता को सार्थक करती तस्वीर। वो बोले दरबार सजाओ।” दीप ने कहा, ”डॉ साहब, जिस तरह अरविंद केजरीवाल जी ने अपने निजी स्वार्थ के लिए कुमार जैसे स्पष्टवादी मित्र को दरकिनार किया, दोस्ती से विश्वास डगमगा गया। किसी की मदद के लिए स्वार्थहित मन जैसे ही आगे बढ़ता है उसी क्षण AK का विश्वासघात याद आ जाता है और मन पीछे हट जाता है, खिन्न हो जाता है।”
एक यूजर ने चुटकी लेते हुए कहा, ”भैया आप पर भी तो मानहानि के मुकदमे हो रखे हैं , आप कया करोगे? पर हां आप तो राजनाथ जी के यहां चाय पीकर मामले सुलझा दोगे। अरविंद जी की ऐसी किस्मत कहां।” रंजीत सिंह ने लिखा, ”इनके पास इतने सबूत थे कि सरकार बनते ही मजिठिया को जेल में डाल देते, आज उन सबूतों को कहाँ डाल लिया। रैली में झूठ, जनता से झूठ, साथियों से झूठ, परिवार से झूठ, विधानसभा में झूठ, TV पर झूठ, बजट में झूठ, सीलिंग पर झूठ।”
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