आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
दक्षिणी त्रिपुरा में मार्च 5 को रूसी क्रांति के नायक रहे व्लादिमीर लेनिन की प्रतिमा गिरा दी। आरोप बीजेपी कार्यकर्ताओं पर लगा है इस दौरान उन्होंने भारत माता की जय के नारे लगाए। पार्टी के महासचिव राम माधव ने इसका फोटो ट्वीट किया। उधर, राज्य में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के कई दफ्तरों में तोड़फोड़ की गई है। इन खबरों के बाद केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने गवर्नर तथागत रॉय और डीजीपी एके शुक्ला से सरकार बनने तक हालात पर नजर रखने को कहा है।
सीपीएम ने जताई नाराजगी
साउथ त्रिपुरा डिस्ट्रिक्ट के बेलोनिया सबडिवीजन में लगी लेनिन की मूर्ति को जेसीबी से गिरा गया है। यहां ये मूर्ति पांच साल पहले लगाई गई थी।
पुलिस के मुताबिक, जेसीबी के ड्राइवर को अरेस्ट कर लिया गया है। वह नशे में था। इस घटना पर लेफ्ट ने नाराजगी जाहिर की है।
| सीपीएम के कई दफ्तरों में तोड़फोड़ की गई |
बीजेपी की जीत के बाद राज्य में सीपीएम दफ्तरों समेत कई जगह तोड़फोड़ की गई है।
सीपीएम ने इसके लिए बीजेपी और उसकी सहयोगी आईपीएफटी कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाया है।
उनका कहना है कि सीपीएम के कार्यकर्ताओं के घरों को भी निशाना बनाया जा रहा है।
बीजेपी का कहना है कि यह सीपीएम के खिलाफ लोगों का गुस्सा है।
जनता जवाब देगी: अनंत कुमार
त्रिपुरा में हिंसा के सवाल पर केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने मीडिया से कहा, "त्रिपुरा में मार्क्सवादियों ने हमारे 9 कार्यकर्ताओं को मार दिया। कर्नाटक में कांग्रेस के कुशासन के चलते बीजेपी के 24 कार्यकर्ता मारे गए। आने वाले चुनावों जनता इसका मुंहतोड़ जवाब देगी।"
लोकतंत्र में यह मंजूर नहीं: डी राजा
सीपीआई लीडर डी राजा ने कहा, "मैं इस हिंसा का पुरजोर विरोध करता हूं। लोकतंत्र में यह मंजूर नहीं है। हम कई पार्टियों वाले लोकतंत्र हैं। इसमें कुछ पार्टियां जीतती हैं तो कुछ हारती हैं। इसका मतलब यह नहीं कि वे तोड़फोड़ और हिंसा करें। जैसा कि लेनिन की मूर्ति का गिराया गया।"
हिंसा ही उनका राजनीतिक भविष्य है: सीताराम येचुरी
सीपीआई लीडर सीताराम येचुरी ने कहा, "त्रिपुरा में जो हिंसा हो रही है ये स्पष्ट करती है कि आरएसएस-बीजेपी का रुझान क्या है। हिंसा के अलावा उनका कोई राजनीतिक भविष्य नहीं है। त्रिपुरा की जनता इसका जवाब देगी।"
जब तक ऊँट किसी पहाड़ के नीचे नहीं आता, अपने आपको सबसे ऊँचा समझता है। आज वामपंथी जिस भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, सत्ता में रहते कभी नहीं बोले। जिन-जिन प्रदेशों में इनकी सरकारें थी, स्वयं बताइए कितने भाजपा और संघ कार्यकर्ताओं को मौत उतारा गया? कितने अपराधियों पर कार्यवाही की? आज ईंट का जवाब पत्थर से मिलने पर बौखलाहट क्यों? वामपंथी इतिहासकारों ने कांग्रेस की सहायता से भारत के वास्तविक इतिहास को धूमिल कर, मुग़ल आतताई बादशाहों को महान बता कर समस्त देशवासियों को गुमराह कर दिया, और जिसने भी वास्तविक इतिहास की बात की, उसे साम्प्रदायिक करार करवा दिया। खुदाई में मिले मन्दिर अवशेषों को कोर्ट से छुपा कर, अयोध्या में रामजन्मभूमि मन्दिर को विवादित बना दिया। जिसका उल्लेख पुरातत्व विभाग में क्षेत्रीय निदेशक रहे, डॉ के.के.मौहम्मद ने तमिल भाषा में लिखित पुस्तक में विस्तार से किया है। क्यों खुदाई में मिले अवशेषों को कोर्ट से छुपाया गया?
माना कम्युनिस्ट किसी धर्म पर विश्वास नहीं करते, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हिन्दुओं के इतिहास को ही धूमिल कर दो। क्या कम्युनिस्ट इतिहास को धूमिल करने का साहस कर सकते हो? यदि नहीं, फिर देश के हिन्दू सम्राटों के गौरवमयी इतिहास को किस आधार पर धूमिल किया गया? मुग़ल बादशाहों की हैवानियत का नंगा नाच केवल सिख समुदाय जीवित रखने में प्रशंसा के पात्र हैं, देख लो दिल्ली स्थित गुरुद्वारा शीशगंज पर। यहाँ लगे चित्र चीख-चीख कर बता रहे हैं कि किस तरह हिन्दू धर्म की रक्षा करने के लिए सिख गुरुओं ने मुग़ल हैवानियत के आगे घुटने नहीं टेके। किस बेदर्दी से उनकी जीवनलीला समाप्त की गयी। जो सिद्ध करता है कि एक भी मुग़ल बादशाह 1% भी प्रशंसा करने योग्य नहीं। लिखने को तो बहुत कुछ है, लेकिन जितना भी लिखा है, इसे कोई इतिहासकार तो क्या कोई वामपंथी इतिहासकार भी झुडला नहीं सकता।
अवलोकन करें :--
सरकार बनने से बीजेपी-आईपीएफटी में दरार
त्रिपुरा में भाजपा की गठबंधन सहयोगी स्थानीय पार्टी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने भाजपा से स्थानीय मुख्यमंत्री बनाने की मांग की है।
उसने कहा है कि अगर सरकार में उसे सम्मानजनक स्थान नहीं मिला तो वह बाहर से समर्थन देगी।
राज्य की कुल 60 सीटों में से 59 पर हुए चुनाव में भाजपा ने 35 और सहयोगी आईपीएफटी ने 8 सीटें, जीती हैं।
आतंकवादी था लेनिन-- सुब्रमण्यम स्वामी
त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में बीजेपी की शानदार जीत के बाद प्रदेश में हिंसा का माहौल व्याप्त हो गया है। कई जगह तोड़फोड़ और मारपीट खबरें आ रही हैं। यह भी खबर आई कि बीजेपी समर्थकों ने एक बुलडोजर की मदद से दक्षिण त्रिपुरा के बेलोनिया शहर में मार्च 6 को लेफ्ट के अगुवा माने जाने वाले रूसी कम्युनिस्ट नेता लेनिन की मूर्ति को ढहा दिया। उसके बाद बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, लेनिन एक आतंकवादी था। लेनिन तो विदेशी है, एक प्रकार से आतंकवादी है। ऐसे व्यक्ति का हमारे देश में मूर्ति? उस मूर्ति को कम्युनिस्ट पार्टी के हेडक्वार्टर के अंदर रख रकते हैं और पूजा करें।व्लादिमीर लेनिन
रूसी क्रांति के नायक व्लादिमीर लेनिन ने रूस में साम्यवादी विचारधारा का प्रचार शुरू किया था. इस वजह से उस दौरान लेनिन को कई बार जेल भेजा गया था और निर्वासित भी किया गया. ‘प्रलिटरि’ एवं ‘इस्क्रा’ के संपादन के अतिरिक्त 1898 में उन्होंने बोल्शेविक पार्टी की स्थापना की.1905 की क्रांति के उनके प्रयास असफल रहे, लेकिन 1917 में उन्होंने रूस के पुननिर्माण योजना बनाई और सफल हुए. उन्होंने केरेन्सकी की सरकार पलट दी और 7 नवम्बर, 1917 को लेनीन की अध्यक्षता में सोवियत रूस में कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार बनी. लेनिन की कम्युनिस्ट सिद्धांत और कार्यनीति लेनिनवाद के नाम से जानी जाती है. आज के वामपंथ विचारधारा और कार्यशैली में इनके सिद्धांतों का अहम योगदान है.
त्रिपुरा में 25 साल से सत्ता में काबिज रही लेफ्ट पार्टी को उखाड़ फेंकते हुए भाजपा-आईपीएफटी ने 18 फरवरी को हुए विधानसभा चुनाव के मार्च 3 को आए नतीजों में 59 में से 43 सीटों पर कब्जा जमाया है। प्रदेश के 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने 35 सीटों पर जीत दर्ज की है वहीं आईपीएफटी की झोली में आठ सीटें आई हैं।
उधर, त्रिपुरा में छिटपुट हिंसा की खबरों के बीच गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मार्च 6 को राज्य के राज्यपाल और डीजीपी से बात की और नई सरकार के कामकाज संभालने तक राज्य में शांति सुनिश्चित करने को कहा। एक अधिकारी ने बताया कि टेलीफोन पर हुई बातचीत में राज्यपाल तथागत राय और डीजीपी एके शुक्ला ने त्रिपुरा की स्थिति और यहां विधानसभा चुनाव में भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन की जीत के बाद भड़की हिंसा पर नियंत्रण के लिए उठाए गए कदमों से केन्द्रीय गृह मंत्री को अवगत कराया।
गृह मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि सिंह ने राज्यपाल और डीजीपी से हर तरह की हिंसा पर रोक लगाने और त्रिपुरा में नई सरकार के गठन तक शांति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद त्रिपुरा के विभिन्न हिस्सों में प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक समूहों के बीच छिटपुट हिंसा और संघर्ष की खबरें सामने आई थी।
लेनिन की मूर्ति गिराने से गर्माती राजनीति
त्रिपुरा में भाजपा की जीत के बाद कम्युनिस्ट विचारक लेनिन की मूर्ति ढहाने का मामला गरमा गया है। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मूर्ति ढहाने और राज्य में भड़की हिंसा के बीच राज्य के राज्यपाल और डीजीपी से बात की और नई सरकार के कामकाज संभालने तक राज्य में शांति सुनिश्चित करने को कहा। बता दें कि वामपंथ के अगुवा माने जाने वाले लेनिन की प्रतिमा को ढहाने के बाद से यहां के 13 जिलों में हिंसा की आग फैल चुकी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह अधिकारीयों से जानकारी ली।
गृह मंत्रालय के अनुसार राजनाथ सिंह ने राज्यपाल और डीजीपी से हर तरह की हिंसा पर रोक लगाने और त्रिपुरा में नई सरकार के गठन तक शांति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। मार्च 3 को चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद त्रिपुरा के विभिन्न हिस्सों में प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक समूहों के बीच छिटपुट हिंसा और संघर्ष की खबरें सामने आनी शुरू हो गई थी। लेकिन लेनिन की प्रतिमा ढहाने के बाद मामला और भी गरमा गया।
लेनिन की मूर्ति ढहाने की घटना के बाद भाकपा नेता डी राजा ने कहा कि वह हिंसा की कड़े शब्दों में अालोचना करते है। लोकतंत्र में यह स्वीकार्य नहीं है। हम बहुदलीय लोकतांत्रिक व्यवस्था में रहते हैं, कोई पार्टी जीतती है, कोई हारती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि लेनिन की मूर्ति ढहाने जैसी हरकत की जाए।
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