आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
आज भाजपा विरोधी मोदी सरकार पर सीबीआई के दुरूपयोग का आरोप लगाते हैं, लेकिन जब पिछली यूपीए सरकार की कारगुजारी उजागर होने पर कुछ और ही सामने आ रहा है कि किस तरह पिछली सरकार ने अपने कार्यकाल में सीबीआई का प्रयोग करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते "सीबीआई सरकार का तोता" कहा जा चूका है। और इसे सत्यापित कर कर रहे हैं, गुजरात के पूर्व आईपीएस डी जी वंजारा कि एक आतंकवादी को बचाने के किस तरह तुष्टिकरण के चलते सीबीआई का दुरूपयोग किया जा रहा था। पिछली केन्द्र सरकार का मुख्य लक्ष्य हिन्दू आतंकवाद सिद्ध कर आतंकवाद को सुरक्षा दी जा रही थी।
शायद आपको यकीन न हो लेकिन यह दावा गुजरात के पूर्व आईपीएस अफसर डीजी वंजारा ने किया है। उन्होंने स्पेशल सीबीआई कोर्ट में दिए बयान में यह बात कही है। डीजी वंजारा को लश्कर की आतंकवादी इशरत जहां का एनकाउंटर करने के ‘अपराध’ में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने कोर्ट के आगे दिए बयान में बताया है कि इशरत जहां एनकाउंटर मामले में तब के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को फंसाने की पूरी कोशिश थी। इसी मकसद से सीबीआई ने रातों-रात गुजरात के मुख्यमंत्री को पूछताछ के लिए उठा लिया था। यह पूछताछ टॉप सीक्रेट थी। पीएम मोदी ने भी पूछताछ का कभी जिक्र नहीं किया। अगर वंजारा का दावा सही है तो इसे कानूनन किडनैपिंग यानी अपहरण ही माना जाएगा कि कोई जांच एजेंसी किसी से अवैध तरीके से पूछताछ करे।
सारे सबूत और दस्तावेज गायब!
इशरत जहां मामले में सीबीआई कोर्ट के आगे अपने डिस्चार्ज एप्लिकेशन में वंजारा ने बताया है कि सीबीआई इस केस में नरेंद्र मोदी से भी पूछताछ कर चुकी है, लेकिन उन्होंने सारे रिकॉर्ड गायब कर दिए ताकि कोई सबूत न बचे। इसके बाद उन्होंने जो भी दस्तावेज तैयार किए हैं वो झूठे हैं। लश्करे तोएबा की 19 साल की आतंकवादी इशरत जहां मुंबई के पास मुंब्रा की रहने वाली थी। उसे तीन साथी आतंकियों के साथ 15 जून 2004 को अहमदाबाद के पास मुठभेड़ में मार गिराया गया था। कहते हैं कि सोनिया गांधी के इशारे पर ही इशरत जहां को आम लड़की साबित करने की कोशिश हुई और उसकी मौत का दोषी पुलिस अफसरों और यहां तक कि मुख्यमंत्री को बनाने की कोशिश की गई। इशरत जहां अपने साथियों के साथ मोदी की हत्या के मकसद से ही अहमदाबाद गई थी। अमेरिकी आतंकी डेविड हेडली ने भी माना था कि इशरत जहां एक मिशन पर अहमदाबाद गई थी।
पूछताछ करने वाला अफसर कौन?
डीजी वंजारा ने बताया है कि इशरत केस के जांच अधिकारी सतीश वर्मा को जिम्मेदारी दी गई थी कि वो हर हाल में तब के सीएम नरेंद्र मोदी को फंसाए। इसी मकसद से सतीश वर्मा ने मोदी को बिना वारंट या किसी इजाज़त के अपने साथ ले जाकर पूछताछ की थी। माना जाता है कि सतीश वर्मा तब के गृह मंत्री पी चिदंबरम और यूपीए चेयरमैन सोनिया गांधी का बेहद करीबी था। वंजारा के बयान के आधार पर स्पेशल सीबीआई जज जेके पंड्या ने सीबीआई को नोटिस जारी करते हुए 28 मार्च तक जवाब देने को कहा है। तब गुजरात के डीआईजी रहे वंजारा को पिछले ही साल माफिया सरगना सोहराबुद्दीन के एनकाउंटर के मामले से कोर्ट ने बरी किया है।
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