न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, इंटरपोल ने शुक्रवार को हीरा कारोबारी नीरव मोदी, उनकी पत्नी आमी मोदी, भाई निशाल मोदी और गीतांजलि जेम्स के एमडी एंड सीईओ मेहुल चौकसी के खिलाफ डिफ्यूजन नोटिस जारी किया है।
इस बीच, टीवी रिपोर्ट्स में यह बताया जा रहा है कि नीरव मोदी न्यूयार्क के मैनहट्टन में हैं।
ईडी ने सीज किए 5100 करोड़ रुपए के हीरे-जवाहरात
ईडी के अधिकारियों के अनुसार मुम्बई में मोदी और अन्य आरोपियों की कई प्रॉपर्टी को सीज किया गया है।
ईडी की टीम ने मोदी के कुर्ला स्थित घर, काला घोडा इलाके में ज्वैलरी शॉप, बांद्रा और लोवर पार्ले स्थित कंपनी के तीन कार्यालयों के अलावा सूरत में मोदी के हीरे के शोरूम की सर्च की।
दिल्ली में चाणक्यपुरी और डिफेंस कालोनी स्थित शोरूम की भी तलाशी ली गई। इस दौरान करीब 5100 करोड़ रुपए के जेवर, गोल्ड और डायमंड सीज किए गए।
ईडी की टीम ने मोदी के कुर्ला स्थित घर, काला घोडा इलाके में ज्वैलरी शॉप, बांद्रा और लोवर पार्ले स्थित कंपनी के तीन कार्यालयों के अलावा सूरत में मोदी के हीरे के शोरूम की सर्च की।
दिल्ली में चाणक्यपुरी और डिफेंस कालोनी स्थित शोरूम की भी तलाशी ली गई। इस दौरान करीब 5100 करोड़ रुपए के जेवर, गोल्ड और डायमंड सीज किए गए।
PNB को ही करनी होगी 11,356 करोड़ रु की भरपाईः RBI
सूत्रों के मुताबिक, आरबीआई ने अपना रुख साफ करते हुए कहा है कि फ्रॉड की रकम यानी 11,356 करोड़ रुपए की पूरी भरपाई पीएनबी को ही करनी होगी।
बैंकिंग इंडस्ट्री के एक सूत्र ने कहा, 'आरबीआई ने कहा है कि अगर पीएनबी पूरी भरपाई नहीं करता है तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी साख पर असर पड़ेगा।
इसके अलावा उसे चालू तिमाही में अपनी प्रोविजनिंग को भी दोगुना करना होगा।'
सूत्रों के मुताबिक, आरबीआई ने अपना रुख साफ करते हुए कहा है कि फ्रॉड की रकम यानी 11,356 करोड़ रुपए की पूरी भरपाई पीएनबी को ही करनी होगी।
बैंकिंग इंडस्ट्री के एक सूत्र ने कहा, 'आरबीआई ने कहा है कि अगर पीएनबी पूरी भरपाई नहीं करता है तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी साख पर असर पड़ेगा।
इसके अलावा उसे चालू तिमाही में अपनी प्रोविजनिंग को भी दोगुना करना होगा।'
ये मामला सामने कैसे आया?
पंजाब नेशनल बैंक ने बुधवार को स्टॉक एक्सचेंज बीएसई को बताया कि उसने 1.8 अरब डॉलर (करीब 11,356 करोड़ रुपए) का संदिग्ध ट्रांजैक्शन पकड़ा है।
यह फ्रॉड कुछ चुनिंदा अकाउंट होल्डर्स को फायदा पहुंचाने के लिए किए गए थे।
बैंक के अनुसार, ऐसा लगता है कि इन ट्रांजैक्शन के आधार पर विदेश में कुछ बैंकों ने उन्हें (चुनिंदा अकाउंट होल्डर्स को) कर्ज दिया है। ये अकाउंट्स कितने थे, कितने लोगों को फायदा हुआ? इस बारे में अभी तक खुलासा नहीं हुआ है। यह मामला 2011 से जुड़ा है।
पंजाब नेशनल बैंक ने बुधवार को स्टॉक एक्सचेंज बीएसई को बताया कि उसने 1.8 अरब डॉलर (करीब 11,356 करोड़ रुपए) का संदिग्ध ट्रांजैक्शन पकड़ा है।
यह फ्रॉड कुछ चुनिंदा अकाउंट होल्डर्स को फायदा पहुंचाने के लिए किए गए थे।
बैंक के अनुसार, ऐसा लगता है कि इन ट्रांजैक्शन के आधार पर विदेश में कुछ बैंकों ने उन्हें (चुनिंदा अकाउंट होल्डर्स को) कर्ज दिया है। ये अकाउंट्स कितने थे, कितने लोगों को फायदा हुआ? इस बारे में अभी तक खुलासा नहीं हुआ है। यह मामला 2011 से जुड़ा है।
कैसे हुआ फ्रॉड?
इस पूरे फ्रॉड को लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) के जरिए अंजाम दिया गया। यह एक तरह की गारंटी होती है, जिसके आधार पर दूसरे बैंक अकाउंटहोल्डर को पैसा मुहैया करा देते हैं। अब यदि अकाउंटहोल्डर डिफॉल्ट कर जाता है तो एलओयू मुहैया कराने वाले बैंक की यह जिम्मेदारी होती है कि वह संबंधित बैंक को बकाये का भुगतान करे।
पीएनबी के कुछ अफसरों ने नीरव मोदी को गलत तरीके से लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) दी। इसी एलओयू के आधार पर मोदी और उनके सहयोगियों ने दूसरे बैंकों से विदेश में कर्ज ले लिया। पीएनबी ने भले ही दूसरे लेंडर्स के नाम का उल्लेख नहीं किया, लेकिन समझा जाता है कि पीएनबी द्वारा जारी एलओयू के आधार पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक और एक्सिस बैंक ने भी क्रेडिट ऑफर कर दिया था।
इस पूरे फ्रॉड को लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) के जरिए अंजाम दिया गया। यह एक तरह की गारंटी होती है, जिसके आधार पर दूसरे बैंक अकाउंटहोल्डर को पैसा मुहैया करा देते हैं। अब यदि अकाउंटहोल्डर डिफॉल्ट कर जाता है तो एलओयू मुहैया कराने वाले बैंक की यह जिम्मेदारी होती है कि वह संबंधित बैंक को बकाये का भुगतान करे।
पीएनबी के कुछ अफसरों ने नीरव मोदी को गलत तरीके से लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) दी। इसी एलओयू के आधार पर मोदी और उनके सहयोगियों ने दूसरे बैंकों से विदेश में कर्ज ले लिया। पीएनबी ने भले ही दूसरे लेंडर्स के नाम का उल्लेख नहीं किया, लेकिन समझा जाता है कि पीएनबी द्वारा जारी एलओयू के आधार पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक और एक्सिस बैंक ने भी क्रेडिट ऑफर कर दिया था।
'स्विफ्ट' के जरिए ट्रांजैक्शन!
पीएनबी फ्रॉड को कोर बैंकिंग सिस्टम को दरकिनार कर ग्लोबल फाइनेंशियल मैसेजिंग सर्विस 'स्विफ्ट' का इस्तेमाल किया गया। इसके जरिए अन्य भारतीय बैंकों की विदेश ब्रांचेज को भुगतान के लिए नोट्स जारी किए गए।
विदेश में क्रेडिट हासिल करने के लिए इस्तेमाल होने वाले 'स्विफ्ट' से जुड़े मेसेज पीएनबी के फिनैकल सॉफ्टवेयर सिस्टम में तुरंत अवेलबल नहीं होते क्योंकि ये बैंक के कोर बैंकिंग सिस्टम (सीबीएस) में एंट्री किए बिना जारी किए जाते हैं।
पीएनबी फ्रॉड को कोर बैंकिंग सिस्टम को दरकिनार कर ग्लोबल फाइनेंशियल मैसेजिंग सर्विस 'स्विफ्ट' का इस्तेमाल किया गया। इसके जरिए अन्य भारतीय बैंकों की विदेश ब्रांचेज को भुगतान के लिए नोट्स जारी किए गए।
विदेश में क्रेडिट हासिल करने के लिए इस्तेमाल होने वाले 'स्विफ्ट' से जुड़े मेसेज पीएनबी के फिनैकल सॉफ्टवेयर सिस्टम में तुरंत अवेलबल नहीं होते क्योंकि ये बैंक के कोर बैंकिंग सिस्टम (सीबीएस) में एंट्री किए बिना जारी किए जाते हैं।
मेहुल चौकसी के गीतांजलि ग्रुप की 3 कंपनियों के खिलाफ CBI ने दर्ज की FIR, 20 जगहों पर छापे
एएनआई के अनुसार, सीबीआई ने महाराष्ट्र के मुंबई व पुणे, गुजरात के सूरत, राजस्थान के जयपुर, तेलंगाना के हैदराबाद और तमिलनाडु के कोयंबटूर में सर्चेज किए हैं। यह ठिकाने मेहुल चैकसी के गीतांजलि ग्रुप और आरोपी कंपनियों के अन्य डायरेक्टर्स से जुड़े हैं।
सीबीआई की एफआईआर में गीतांजलि ग्रुप की तीन कंपनियों गीतांजलि जेम्स, गिली इंडिया और नक्षत्र ब्रांड लि. को शामिल किया गया है। इस मामले में पीएनबी को 4,886.72 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है।
मेहुल चौकसी ने जनवरी के पहले हफ्ते में देश छोड़ दिया है। ऑफिशियल सोर्सेस के अनुसार, मेहुल चौकसी ने 4 जनवरी 2018 को भारत छोड़ा था।
मेहुल चौकसी गीतांजलि ग्रुप के एमडी एंड चेयरमैन हैं।
करीब 13000 करोड़ रुपए का है गीतांजलि ग्रुप
गीतांजलि ग्रुप की ऑफिशियल वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, यह ग्रुप दुनिया का एक सबसे बड़ा इंटीग्रेटेड ब्रांडेड ज्वैलरी मैन्युफैक्चरर-रिटेलर है।
ग्रुप का सालाना टर्नओवर 2 अरब डॉलर (करीब 13 हजार करोड़ रुपए) से ज्यादा है।
1994 में ग्रुप ने अपना पहला रिटेल ब्रांड गिली लॉन्च किया था। आज देश के 10 बड़े ज्वैलरी ब्रॉन्ड में आठ इसी ग्रुप के हैं।
- गीतांजलि ग्रुप के ज्वैलरी ब्रॉन्ड्स में गिली, नक्षत्र, अस्मी, संगिनी, निजाम और परिणीता शामिल हैं।
ग्रुप का सालाना टर्नओवर 2 अरब डॉलर (करीब 13 हजार करोड़ रुपए) से ज्यादा है।
1994 में ग्रुप ने अपना पहला रिटेल ब्रांड गिली लॉन्च किया था। आज देश के 10 बड़े ज्वैलरी ब्रॉन्ड में आठ इसी ग्रुप के हैं।
- गीतांजलि ग्रुप के ज्वैलरी ब्रॉन्ड्स में गिली, नक्षत्र, अस्मी, संगिनी, निजाम और परिणीता शामिल हैं।
1966 में हुई शुरुआत, अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देशो में बिजनेस
- गीतांजलि ग्रुप की स्थापना 1966 में हुई थी। आज यह ग्रुप पूरे वैल्यू चैन की एक्टिविटी यानी डायमंड लाने, उसकी कटिंग, पॉलिशिंग और डिस्ट्रिब्यूशन से लेकर गोल्ड ज्वैलरी मैन्यफैक्चरिंग, ब्रांडिंग और भारत व विदेश में इसकी बिक्री तक शामिल है।
- ग्रुप की भारत में घरेलू ज्वैलरी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट मुंबई, हैदराबाद, सूरत और जयपुर में है। वहीं, विदेश में थाईलैंड में यह मैन्युफैक्चरिंग कर रहा है। इसकी कुल कैपेसिटी करीब 10 लाख पीस प्रति माह है।
- ग्रुप का इंटरनेशनल डिजाइन हब इटली में है।
- पिछले 20 साल में गीताजंलि ग्रुप ने विदेश में अपना एक्सपेंशन किया है। आज ग्रुप अमेरिका, ब्रिटेन, बेल्जियम, इटली, मिडिल-ईस्ट, चीन, सिंगापुर और जापान में अपना कारोबार कर रहा है।
- ग्रुप की भारत में घरेलू ज्वैलरी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट मुंबई, हैदराबाद, सूरत और जयपुर में है। वहीं, विदेश में थाईलैंड में यह मैन्युफैक्चरिंग कर रहा है। इसकी कुल कैपेसिटी करीब 10 लाख पीस प्रति माह है।
- ग्रुप का इंटरनेशनल डिजाइन हब इटली में है।
- पिछले 20 साल में गीताजंलि ग्रुप ने विदेश में अपना एक्सपेंशन किया है। आज ग्रुप अमेरिका, ब्रिटेन, बेल्जियम, इटली, मिडिल-ईस्ट, चीन, सिंगापुर और जापान में अपना कारोबार कर रहा है।
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